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व्याख्या कौशल का अर्थ | व्याख्या कौशल के घटक | व्याख्या कौशल के प्रयोग के लिए सावधानियाँ

व्याख्या कौशल का अर्थ | व्याख्या कौशल के घटक | व्याख्या कौशल के प्रयोग के लिए सावधानियाँ
व्याख्या कौशल का अर्थ | व्याख्या कौशल के घटक | व्याख्या कौशल के प्रयोग के लिए सावधानियाँ

व्याख्या कौशल से आप क्या समझते हैं ? इसके प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए।

व्याख्या कौशल का अर्थ (Meaning of Skill of Explaining)

अर्थ (Meaning)- जैसा कि सर्वविदित है कि कक्षा में सभी बालक एक जैसे नहीं हुआ करते अर्थात् कुछ बालक बुद्धिमान होते हैं, कुछ सामान्य बुद्धि के कुछ परिपक्व तथा कुछ अपरिपक्व होते हैं लेकिन सभी को ज्ञान प्रदान करना ही शिक्षक का कर्त्तव्य होता है। विषय-वस्तु को सरल बनाकर विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करना और उसे ग्रहण करने योग्य बनाने के कौशल को ही व्याख्या कौशल (Skill of Explanation) का नाम दिया गया है। व्याख्या कौशल का प्रयोग सभी विषयों में अनिवार्य माना गया है। इसके प्रयोग के बिना विषय-वस्तु का प्रस्तुतिकरण सम्भव नहीं होता। व्याख्या कौशल में, विषय-वस्तु से सम्बन्धित कथनों में इस तरह के शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जिनसे वे कथन अपना अर्थ स्पष्ट रूप में दर्शाने लगते हैं। कई बार एक कथन में से यदि एक भी शब्द हटा लिया जाये तो वह कथन अस्पष्ट रह जाता हैं।

व्याख्या कौशल के घटक (Components of Skill of Explanation)

व्याख्या कौशल के निम्नलिखित घटकों के प्रयोग से छात्र अध्यापकों में वांछित व्यवहारों का विकास किया जा सकता है-

(1) कथनों में तारतम्यता (Co-ordination in Statements) व्याख्या के दौरान हुए कथनों में आपसी तालमेल होना अति आवश्यक होता है, अन्यथा व्याख्या ‘खिचड़ी-सी’ प्रयोग बन जायेगी।

(2) असम्बद्ध कथनों का अभाव (Lack of Irrelevant Statements) विषय-वस्तु के प्रस्तुतिकरण के दौरान विषय वस्तु से सम्बन्धित कथनों का ही अधिकतर प्रयोग किया जाये।

(3) भाषा में धारा-प्रवाह (Fluency in Language) शिक्षण व्याख्या के लिए प्रवाहपूर्ण भाषा बोलें तथा प्रवाह इतना होना चाहिए कि सभी विद्यार्थी सुगमता से उसके विचारों को सुनें तथा समझ सकें।

(4) परस्पर जोड़ने वाले शब्द (Connecting Links) – विभिन्न विचारों या कथनों को परस्पर जोड़ने वाले शब्दों, मुहावरों या कड़ियों का समुचित प्रयोग करना अति आवश्यक है। जैसे ‘इसलिए’ ‘परिणामस्वरूप’ आदि।

(5) स्पष्ट प्राथमिक कथन (Clear Beginning Statement)- व्याख्या शुरू करने से पहले या प्रारम्भ करते समय शिक्षक स्पष्ट वाक्यों द्वारा यह बात विद्यार्थियों को बता दे कि शिक्षक क्या पढ़ाने वाला है।

(6) उपयुक्त शब्दों का प्रयोग (Use of Proper Words)- व्याख्या में किसी वस्तु या घटना आदि के लिए शिक्षक उपयुक्त शब्द का प्रयोग करे अन्यथा असमंजस की स्थिति में पड़ सकता है।

व्याख्या कौशल के प्रयोग के लिए सावधानियाँ (Precautions for Skill of Explaining)

  1. व्याख्या सरल भाषा में हो।
  2. व्याख्या को उपदेश का रूप नहीं दिया जाना चाहिए।
  3. व्याख्या में शामिल विचार क्रमबद्ध हों।
  4. व्याख्या में पाठ से असम्बन्धित बातों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
  5. व्याख्या विद्यार्थियों की आयु, अनुभव एवं मानसिक स्तर के अनुसार हो।
  6. व्याख्या पाठ के उद्देश्यों के अनुसार जटिल, लम्बी तथा छोटी होनी चाहिए।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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