शिक्षण विधि से आप क्या समझते हैं? विज्ञान शिक्षण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिये और उनके गुण-दोषों का उल्लेख कीजिये।
आधुनिक शिक्षा मनोविज्ञान सिद्धान्तों से प्रभावित है। किसी भी विषय को पढ़ाने के लिये कुछ विशेष विधियों का प्रयोग किया जाता है। विज्ञान की शिक्षा प्रदान करने के लिये भी अनेक विधियों या प्रणालियों का प्रयोग किया जाता है
शिक्षण विधि का अर्थ
शिक्षण प्रक्रिया के तीन मुख्य आधार हैं—शिक्षक, विद्यार्थी तथा पाठ्यक्रम । यद्यपि तीनों ही एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं, परन्तु मुख्य स्थान शिक्षार्थी को ही प्राप्त होता है। इसमें पाठ्यवस्तु को एक क्रम में रखना होता है। इसके अन्तर्गत अनेक कार्य किये जाते हैं, जिनकी सहायता से लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
किसी विषय के अध्ययन तथा शिक्षण के लिये कुछ निश्चित उद्देश्यों को निर्धारित करना अत्यन्त आवश्यक है। यदि हम किसी उद्देश्य को निर्धारित किये बिना ही किसी विषय का शिक्षण देंगे तो हो सकता है विद्यार्थी वह ज्ञान प्राप्त न कर सकें जो हम चाहते हैं। उद्देश्य को पूरा करने के लिये विषय को व्यवस्थित तथा संगठित रूप से पढ़ाना आवश्यक है। अतएव किसी विषय के शिक्षण में विधि का महत्त्वपूर्ण स्थान है। विज्ञान शिक्षण के लिये भी यह कथन पूर्णतः सत्य है। विज्ञान शिक्षण की अनेक विधियाँ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं—
- पाठ्य पुस्तक विधि (Text Book Method)
- व्याख्यान विधि (Lecture Method)
- समस्या विधि (Problem Method)
- प्रयोग-प्रदर्शन विधि (Demonstration Method)
- प्रयोगशाला विधि (Laboratory Method)
- योजना-विधि (Project Method)
- ह्यूरिस्टिक विधि (Heuristic Method)
IMPORTANT LINK
- गणित शिक्षण विधि आगमन विधि
- गणित शिक्षण की निगमन विधि
- विश्लेषण विधि (Analytic Method)
- संश्लेषण विधि (Synthetic Method)
- प्रयोगशाला विधि (Laboratory Method)
- व्याख्यान विधि (Lecture Method)
- योजना विधि (Project Method)
- अन्वेषण या ह्यूरिस्टिक विधि (Heuristic Method)