School Management & Hygiene

स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य | MEDICAL HEALTHCARE AND HEALTH SERVICES

स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य | MEDICAL HEALTHCARE AND HEALTH SERVICES

स्वास्थ्य परीक्षण से आशय शिक्षक, चिकित्सक तथा विशेषज्ञों द्वारा बालक के स्वास्थ्य एवं शरीर के पूर्ण परीक्षण से है। इसमें विद्यालय सेवा दल द्वारा बालकों के नाक, कान, आँख, दाँतों, आदि की परीक्षा की जाती है। साथ ही इसके अन्तर्गत भार, लम्बाई, वजन, वक्ष की नाप, आदि आन्तरिक अंगों तथा मानसिक स्थिति का भी परीक्षण किया जाता है जिससे यह जाना जा सके कि बालक का विकास सामान्य रूप से हो रहा है या नहीं। स्वास्थ्य परीक्षण में बालकों के शारीरिक दोषों की खोज तथा उनके उपचार साथ-साथ उन्हें स्वास्थ्य शिक्षा भी अप्रत्यक्ष रूप से मिल जाती है। स्वास्थ्य परीक्षण के कार्य इस प्रकार हैं-

1. छात्रों की स्वास्थ्य स्थिति (Health status) का मूल्यांकन करना।

2. छात्रों को परामर्श एवं निर्देशन देना।

3. चिकित्सा सम्बन्धी परीक्षणों के परिणामों तथा विकृतियों के सुधारों के प्रभाव का तदुपरान्तीय अध्ययन करना।

4. संक्रामक रोगों पर नियन्त्रण तथा विभिन्न संक्रामक रोगों से बालकों को सुरक्षित रखना।

5. अधिक रुग्ण छात्रों की परिचर्या की व्यवस्था करना।

6. स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में सहयोग देना।

विद्यालय स्वास्थ्य सेवा (SCHOOL HEALTH SERVICE)

भारत में विद्यालय स्वास्थ्य सेवा की स्थापना सन् 1909 से की गई। इसको निरोधात्मक दवा के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया। यह बालक के रोगों के प्राथमिक निदान के लिए महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। साथ ही उनको अच्छा करने के लिए प्रारम्भिक कदम उठाती है। विद्यालय स्वास्थ्य सेवा के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(अ) स्वास्थ्य रक्षा तथा स्वास्थ्य लाभ- इसके अन्तर्गत निम्नलिखित बातों पर बल दिया जाता है—

(i) फैलने वाले रोगों को नियन्त्रित करना।

(ii) बालकों के शारीरिक रोगों का पता लगाना तथा उनके समुचित इलाज की व्यवस्था करना।

(iii) रोग की प्राथमिक अवस्था में उसका निदान करना तथा उसके उपचार या चिकित्सा का प्रबन्ध करना।

(ब) सफाई– विद्यालय के आन्तरिक तथा बाह्य वातावरण को स्वास्थ्यप्रद बनाने के लिए कार्य करना। इसके लिए सफाई तथा स्वास्थ्य की उन्नति के कार्य करना।

(स) स्वास्थ्य शिक्षा की व्यवस्था करना।

(द) शारीरिक शिक्षा की व्यवस्था करना।

विद्यालय स्वास्थ्य सेवा दल (SCHOOL HEALTH SERVICE COMMUNITY)

इस दल से तात्पर्य उन समस्तं व्यक्तियों से है जो बालकों के स्वास्थ्य निरीक्षण एवं उनके उपयुक्त विकास पर प्रभाव डालने वाले तत्त्वों के निरीक्षण में सहायता देते हैं। इस दल में विद्यालय चिकित्सा अधिकारी, नर्स, शिक्षक, प्राचार्य, आदि होते हैं। इनके कार्यों एवं दायित्वों का पृथक्-पृथक् विवेचन आगे दिया जा रहा है-

(i) विद्यालय चिकित्सा अधिकारी के कर्तव्य (Duties of School Medical Officer) विद्यालय चिकित्सा अधिकारी के निम्नलिखित प्रमुख कर्तव्य होने चाहिए-

(1) नवीन विद्यालय की स्थापना के लिए वह स्थिति के चयन तथा विद्यालय योजना के निर्माण में सलाह प्रदान करे।

(2) वह समय-समय पर विद्यालय के वातावरण का निरीक्षण करे। इस निरीक्षण में वह प्रकाश, संवातन तथा सफाई से सम्बन्धित अन्य बातों पर ध्यान दे

(3) वह संक्रामक रोगों को रोकने के लिए प्रतिकारिता सम्बन्धी कार्यक्रमों का नियोजन करे।

(4) संक्रामक रोगों के फैलने की जाँच करे और उनको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये।

(5) विद्यालय भवन को समय-समय पर निःसंक्रमित कराये।

(6) विद्यालय में आने वाले सभी बालकों की डॉक्टरी जाँच करे। यह जाँच प्रवेश के तुरन्त बाद होनी चाहिए। इसके बाद जब बालक 8 या 9 वर्ष का हो जाए, तब करे। तीसरी जाँच उस समय की जाए जब बालक विद्यालय को छोड़े।

(7) वह प्रत्येक बालक की डॉक्टरी जाँच का लेखा रखे। वह अभिभावकों को बालकों के स्वास्थ्य की मासिक रिपोर्ट प्रदान करे।

(8) वह विद्यालय में शारीरिक शिक्षा का नियोजित कार्यक्रम संचालित करने की व्यवस्था कराये।

(9) वह छात्रों के आसनों पर डैस्कों के पड़े प्रभाव की जाँच करे।

(10) वह उन छात्रों की पूर्णत: जाँच करे जो किसी रोग से ग्रस्त हैं या किसी विकृति से ग्रस्त हैं।

(11) वह शिक्षकों को छात्रों को सामान्य बीमारियों तथा दोषों से अवगत कराये। साथ ही वह स्वास्थ्य सम्बन्धी सिद्धान्तों का ज्ञान प्रदान करे।

(12) वह छात्रावास के वातावरण की सफाई तथा स्वास्थ्यप्रद दशाओं पर ध्यान दें। साथ ही वहाँ प्रदान किये जाने वाले भोजन की जाँच करे। वह यह देखे कि छात्रों को सन्तुलित भोजन प्रदान किया जाता है या नहीं।

(ii) विद्यालय नर्स के कर्तव्य (Duties of School Nurse)- विद्यालय नर्स चिकित्सा अधिकारी को उसके कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए होगी। उसके प्रमुख कर्तव्य निम्नलिखित होने चाहिए-

(1) वह छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी सामान्य बातों की शिक्षा प्रदान करे।

(2) विद्यालय की सफाई पर ध्यान दे।

(3) छोटे-छोटे अहातों में बालकों को प्राथमिक चिकित्सा दे।

(4) विद्यालय में उन छात्रों का पता लगाये जिनको डॉक्टरी जाँच और चिकित्सा की आवश्यकता हो।

(5) डॉक्टरी जाँच के लेखों की स्थापना में विद्यालय चिकित्सा अधिकारी को सहयोग देना।

(6) डॉक्टरी जाँच में चिकित्सा अधिकारी की सहायता करना।

(7) प्रतिदिन समस्त बालकों की स्वच्छता का निरीक्षण करना।

(8) विद्यालय क्लीनिक में रोगी की देखभाल करना।

(9) डॉक्टरी जाँच के बाद दिये गये आदेशों का पालन करना।

(10) संक्रामक रोगों के नियन्त्रण में आवश्यक सहायता देना।

(11) विद्यालय के स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यक्रमों के संचालन में शिक्षकों को आवश्यक सहायता एवं निर्देशन देना।

(12) बालकों के इतिहास (Case History) तैयार करना।

(iii) शिक्षक के कर्तव्य (Duties of Teachers)- विद्यालय स्वास्थ्य सेवा दल के सदस्य के रूप में शिक्षक के निम्नलिखित कर्तव्य होने चाहिए-

(1) वह विद्यालय नर्स को बालक के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करे।

(2) वह माता-पिता से बालक के बारे में जानकारी प्रदान करे।

(3) वह बालकों की डॉक्टरी जाँच में विद्यालय नर्स तथा चिकित्सा अधिकारी को सहायता प्रदान करें।

(4) शिक्षक सुरक्षा प्रक्रियाओं से स्वयं को अवगत रखे।

(5) शिक्षक विद्यालय चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आदि की नीतियों से अवगत रहे। साथ ही उनको क्रियान्वित कराने में सम्भव सहायता प्रदान करे।

(6) वह विद्यालय के स्वास्थ्य शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम की जानकारी रखे और उनको संचालित कराने में पूर्ण सहयोग प्रदान करे।

(7) बालकों में उचित आदतों तथा मानसिक एवं संवेगात्मक अभिवृत्तियों के निर्माण में सहयोग प्रदान करे।

(8) बालकों के सामान्य रोगों के लक्षणों का ज्ञान रखे जिससे वह उनको पहचान कर उनकी चिकित्सा के लिए व्यवस्था करा सके।

(iv) प्राचार्य के कर्तव्य (Duties of Principal)—प्राचार्य के निम्नलिखित कर्तव्य होने चाहिए-

(1) वह स्वयं को विद्यालय तथा आस-पास के समुदाय की स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं एवं समस्याओं से भली-भाँति परिचित रखे।

(2) स्वास्थ्य कार्यक्रम तैयार करने तथा उसको क्रियान्वित करने में विद्यालय चिकित्सा अधिकारी तथा नर्स को सहायता देना।

(3) स्वास्थ्य कार्यक्रम के निर्माण एवं संचालन में शिक्षक वर्ग का सहयोग प्राप्त करना।

(4) अपने सहयोगी कर्मचारियों को विद्यालय की स्वास्थ्य सम्बन्धी नीतियों एवं प्रक्रियाओं से अवगत कराना।

(5) समय-समय पर विद्यालय चिकित्सा का निरीक्षण करना।

(6) विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अभिभावकों तथा समुदाय के अन्य सदस्यों का सहयोग प्राप्त करना।

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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