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कम्प्यूटर सिस्टम के तत्व | Elements of Computer System in Hindi

कम्प्यूटर सिस्टम के तत्व | Elements of Computer System in Hindi
कम्प्यूटर सिस्टम के तत्व | Elements of Computer System in Hindi

कम्प्यूटर सिस्टम के विभिन्न तत्वों की व्याख्या कीजिए। Explain the various elements of computer system.

कम्प्यूटर सिस्टम के तत्व (Elements of Computer System)

कम्प्यूटर पर काम करने के लिए आवश्यक विभिन्न भागों और कमियों को कम्प्यूटर सिस्टम के तत्वों के रूप में जाना जाता है। कम्प्यूटर सिस्टम में मुख्यतः पाँच तत्वों को शामिल कियाजाता है- हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, उपयोगकर्त्ता, डेटा और कनेक्टिविटी ।

(1) हार्डवेयर (Hardware) – कम्प्यूटर के भौतिक भाग (जैसे- CPU, की-बोर्ड, VDU आदि) हार्डवेयर कहलाते हैं। ये मूर्त (Tangible) होते हैं अर्थात् हम इन्हें देख और स्पर्श कर सकते हैं। ये मुख्यतः चार वर्गों में वर्गीकृत किए जा सकते हैं-

(i) इनपुट उपकरण (Input Device)- इनपुट उपकरण ऐसा उपकरण है, जिससे उपयोगकर्ता कम्प्यूटर से Communicate करता है। यह उपयोगकर्ता और कम्प्यूटर के मध्य अनुवादक का कार्य करता है। यह दिए गए डेटा को स्वीकार्य प्रारूप में परिवर्तित करता है। प्रायः प्रयोग किए जाने ‘वाले कुछ इनपुट उपकरण हैं-की-बोर्ड, माउस, लाइट पेन, जॉयस्टिक और स्कैनर आदि ।

(ii) आउटपुट उपकरण (Output Device)- आउटपुट उपकरण एक ऐसा उपकरण है, जिसके माध्यम से कम्प्यूटर उपयोगकर्ता से Communicate करता है। यह कम्प्यूटर और उपयोगकर्ता के बीच अनुवादक का कार्य करता है। यह प्रोसेसड डेटा (सूचना) को उपयोगकर्ता के समझने योग्य रूप में परिवर्तित करता है। प्रायः प्रयोग किए जाने वाले कुछ आउटपुट उपकरण हैं-VDU, प्रिंटर और स्पीकर आदि।

(iii) प्रोसेसिंग उपकरण (Processing Devices)- प्रोसेसिंग उपकरण वे उपकरण होते हैं, जो गणनाएँ, हेर-फेर तथा नियन्त्रण सम्बन्धित क्रियाएँ सम्पादित करते हैं। कुछ प्रायः प्रयोग किए जाने वाले प्रोसेसिंग उपकरण हैं-सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), रीड ओनली मेमोरी (RAM) आदि ।

(iv) भण्डारण उपकरण (Storage Devices) – भण्डारण उपकरण वे उपकरण होते हैं, जो डेटा, निर्देश और सूचनाओं को संग्रह करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। संग्रह किए गए डेटा, निर्देश (प्रोग्राम) और सूचनाएँ जब चाहें Recall किए जा सकते हैं। कुछ प्रायः प्रयोग किए जाने वाले भण्डारण उपकरण हैं-हार्ड डिस्क, CD ड्राईव, पेन ड्राईव आदि ।

(2) सॉफ्टवेयर (Software)-

सॉफ्टवेयर एक प्रोग्राम का समूह होता है, जो कम्प्यूटर की कार्यशीलता को शासित करता है अर्थात् कम्प्यूटर को बताता है कि क्या करना है और कैसे करना है। सॉफ्टवेयर को व्यापक रूप में दो मुख्य वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

(i) सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)- सिस्टम सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर को संचालित, नियन्त्रित और इसकी प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाईन किए गए प्रोग्रामों का एक समूह है। कुछ सिस्टम सॉफ्टवेयर हैं-ऑपरेटिंग सिस्टम, ट्रांसलेटर, डिस्क क्लीन अप सॉफ्टवेयर।

सिस्टम सॉफ्टवेयर की कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:-

  • हार्डवेयर के नजदीक;
  • तेज गतिः
  • समझना,
  • डिजाइन करना, हेर-फेर करना कठिन:
  • कम इंटरैक्टिव;
  • साइज में छोटा;
  • प्रायः LLL (Low Level Language) में लिखे जाते हैं:
  • हार्डवेयर उपकरणों से Communicate करते हैं:
  • विभिन्न हार्डवेयर संसाधनों (CPU, मेमोरी, मॉनीटर, प्रिंटर आदि) के उचित प्रयोग को मॉनीटर व नियंत्रण करते हैं;
  • अन्य एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के निष्पादन और विकास में सहायता करते हैं।

एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है :

  • उपयोगकर्ता के नजदीक;
  • डिजाइन करना आसान;
  • अधिक इंटरैक्टिव; कम गति;
  • प्रायः हाई लेवल भाषा में लिखे जाते हैं;
  • समझने में आसान;
  • हेर-फेर करना (Manipulate) और प्रयोग करना आसान।

फंक्शन के आधार पर, सिस्टम सॉफ्टवेयर को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :

  • सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम (System Management Program)
  • डेवलपिंग सॉफ्टवेयर (Developing Software)

(ii) अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software) – अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार विशेष या सामान्य अनुप्रयोग के लिए डिजाइन किए गए प्रोग्रामों का एक समूह है। इन्हें End-User Programs या Productivity Programs या Applications के नाम से भी जाना जाता है। कुछ अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर हैं- MS Word, MS Excel, Tally, Air/Railway Ticket Software, पेरोल सॉफ्टवेयर, Accounting Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • उपयोगकर्ता के नजदीक
  • डिजाइन करना आसान
  • अधिक इंटरैक्टिव; कम गति;
  • प्रायः हाई लेवल भाषा में लिखे जाते हैं;
  • समझने में आसान;
  • हेर-फेर करना (Manipulate) और प्रयोग करना आसान;
  • आकार में बड़े और संग्रहण स्थान की अधिक आवश्यकता;

फंक्शन के आधार पर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

  • सामान्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर:
  • विशेष उद्देश्य सॉफ्टवेयर ।

(3) उपयोगकर्ता (Users or Live ware)- लाइववेयर कम्प्यूटर सिस्टम का एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। कम्प्यूटर के साथ काम कर रहे व्यक्तियों को निम्न तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

(i) सिस्टम एनालिस्ट (System Analyst) – व्यक्ति जो अन्तिम उपयोगकर्त्ताओं की आवश्यकताओं को एकत्र करता है, उनकी आवश्यकताओं, उपलब्ध संसाधनों, विभिन्न सम्भावनाओं का विश्लेषण करता है और अन्त में आउटले डिजाइन बनाता है, सिस्टम एनालिस्ट कहलाता है।

(ii) प्रोग्रामर (Programmers) – व्यक्ति जो प्रोग्राम लिखते हैं, जिससे अन्तिम उपयोगकर्त्ता कम्प्यूटर से Interact करते हैं, प्रोग्रामर कहलाते हैं। इन्हें कम्प्यूटर और कम्प्यूटर भाषाओं (जैसे-C Java, C++ आदि) का तकनीकी ज्ञान होना चाहिए।

(iii) अन्तिम उपयोगकर्त्ता (End-Users) – व्यक्ति जो डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयरस् का प्रयोग करते हैं, उन्हें अन्तिम उपयोगकर्त्ता या ऑपरेटर कहते हैं। उन्हें सॉफ्टवेयर के आन्तरिक विवरण (जैसे-कम्प्यूटर भाषा आदि) का ज्ञान होना आवश्यक नहीं, परन्तु सॉफ्टवेयर के प्रयोग का ज्ञान होना आवश्यक है।

(4) डेटा (Data)- डेटा कच्चे तथ्यों का संग्रह है। डेटा को उपयोगी सूचना बनाने के लिए प्रोग्रामों का प्रयोग किया जाता है।

(5) कनेक्टिविटी (Connectivity) – कनेक्टिविटी कम्प्यूटर सिस्टम का आधुनिक तत्व बन गया है। आजकल लगभग सभी कम्प्यूटर किसी-न-किसी नेटवर्क में होते हैं। यह सूचनाओं, फाइलों और अन्य सुविधाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाते हैं। कम्प्यूटर को एक नेटवर्क से LAN केबल्स, ब्लूटूथ, वाई-फाई, सैटेलाइट्स से जोड़ा जा सकता है।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में अन्तर (Difference Between Hardware and Software)

हार्डवेअर सॉफ्टवेयर
यह कम्प्यूटर की भौतिक इकाई है। यह प्रोग्रामों का समूह है।
इसका उद्देश्य वास्तव में प्रोसेसिंग करना है। इसका उद्देश्य हार्डवेयर को काम करने के लिए निर्देश देना है।
इसे देखा भी जा सकता है और स्पर्श भी किया जा सकता है। इसे देखा जा सकता है, परन्तु स्पर्श नहीं किया जा सकता।
इसमें इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और यांत्रिक भाग होते हैं। इसमें अक्षर, अंक और विशेष प्रतीक होते हैं।
इसको मुख्यतः चार भागों में बाँट सकते हैं- इनपुट उपकरण, आउटपुट उपकरण, प्रोसेसिंग उपकरण और केबिल और स्विच । इसको मुख्यतः तीन भागों में बाँट सकते हैं- सिस्टम  सॉफ्टवेयर, यूटिलिटि सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेअर
यह केवल मशीन भाषा को समझ सकता है। यह प्रायः हाई लेवल भाषा में लिख जाते हैं। यद्यपि ये मशीन भाषा और एसेम्बली भाषा दोनों को समझ सकते है।
यह लगभग हर प्रकार के कम्प्यूटर के लिए एक जैसे होते हैं। यह आन्तरिक कार्यों और प्रोग्रामिंग भाषा के अनुसार बदलते रहते हैं।
इसका डिजाइन क्षमता के अनुसार तैयार किया जाता है। यह कम्प्यूटर के प्रकार के अनुसार तैयार किया जाता है।

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Anjali Yadav

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