क्रियात्मक साक्षरता के लिए जनसम्पर्क की आवश्यकता एवं राष्ट्रीय साक्षरता मिशन में सतत शिक्षा के योगदान की विवेचना कीजिए।
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जनसम्पर्क कार्यक्रम की आवश्यकता
जनसम्पर्क कार्यक्रम की आवश्यकता निम्न कारणों से हैं-
- साक्षरता को जनता का मिशन बनाने के लिए।
- मिशन के लिए सभी अभिकरणों को क्रियाशील करने के लिये ।
- जन साक्षरता कार्यक्रम को युवकों के लिए एक चुनौती के रूप में खड़ा करने के लिए।
- अनुशासित शक्तियों की सहभागिता प्राप्त करने के लिए।
- महिलाओं की सहभागिता पर बल प्रदान करना करने के लिए।
इसके लिए निम्नलिखित संगठनों से विशेष सम्पर्क स्थापित किया जाये-
(i) विश्वविद्यालयों, कॉलेजो, शिक्षकों और छात्रों का सहयोग प्राप्त करना- इसके लिए आवश्यक हैं कि छात्रों द्वारा सुनिश्चित प्रोजेक्ट लिया जाये और राष्ट्रीय सेवायोजना के अन्तर्गत क्रियात्मक साक्षरता पर बल दिया जाये। साथ ही निरक्षरता उन्मूलन के लिए संस्थागत कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दिया जाये।
(ii) नियोक्ता और मजदूर संघ मुख्य रूप से रेलवे, खनन-उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैसे-कल-कारखाने और सभी मध्यम और बड़े पैमाने वाल औद्योगिक के कर्मचारियों के लिए साक्षरता कक्षायें चलाने एवं उने लिए पाठ्यक्रम बनाना आवश्यक हैं।
(iii) सभी सैनिक दलों और कैदियों का शामिल होना- समस्त सेवओं सवं अर्थ सैनिक संगठनों के लिए साक्षरता एवं व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को चलाया जाये, जिसके लिए भूतपूर्व सैनिकों को भी शामिल किया जाये। कैदियों को भी साक्षर बनाना आवश्य हैं।
(iv) सुविधाये प्रदान करना सरकारी और निजी दफ्तरों, शक्षिक संस्थाओं और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर क्रियात्मक साक्षरता और प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों के लिए सायंकालीन सुविधा दी जायेगी जिससे दिन में कार्य करने वाले सायंकाल में पढ़ सके।
(v) अध्ययन सामग्री इस जन कार्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री के आकर्षक पैकेज तैयार किये जायेगें। जहाँ सम्भव साक्षरता व्यक्तिगत रूप से आमने-सामने बैठकर पढ़ने के अलावा आडियों कैसेट प्लेयर टी.वी., वी.सी.आर. आदि का उपयोग भी आवश्यकतानुसार किया जायेगा।
(vi) जीवन के लिए महिलाओं का समन्वित अधिगम- समुचित बाल संरक्षण और पोषण के लिए महिलाओं की साक्षरता ओर शिक्षा का बहुत महत्त्व हैं। समन्वित बाल विकास योजना के अन्तर्गत महिलाओं के लिए क्रियात्मक साक्षरता कार्यक्रम को अब शुरू करके प्रयास होना चाहिए।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन में सतत शिक्षा का योगदान
उत्तर साक्षरता तथा सतत् शिक्षा का क्रमबद्ध कार्यक्रम लागू किया जायेगा। जन शिक्षण नियम की इसमें प्रमुख भूमिका होगी। इसमें पाँच हजार की आबादी वरल 4-5 गाँवों के एक समूह को जन शिक्षण निलयम के रूप में खोला जायेगा। यह निलयम अपने उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करेगा।
मुख्य रूप से निलयम द्वारा यह प्रयास किये जायेगे। साक्षरता का कौशल बढ़ाने के लिए सायंकालीन कक्षायें लगाना, पुस्कालय खोलना, वाचनालय की व्यवस्था करना, चर्चामण्डल गठित करना, स्वास्थ तथा परिवार कल्याण, कृषि और पशु चिकित्सा सम्बन्धी नयी जानकारी देना, खेल, मनोरंजन एवं सांस्कृतिक कार्यकलाप आयोजित करना, विकास कार्यक्रमों की सूचना उपलब्ध कराना, संचार माध्यम जैसे-रेडियों, टी. वी. एवं वी. सी. आर. उपलब्ध कराना एवं अन्य ऐसे कार्यक्रम संचालित करना जो उस क्षेत्र के लिए आवश्यक हों। इस मिशन की सफलता के लिए शैक्षिक तकनीकि की कार्यक्रमों को संचालित करना चाहिए। मिशन के लिए केन्द्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर आर्थिक सहयोग देंगे। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की सफलता में सतत् शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका हैं। यह शिक्षा इसके संचालन में आधार शिक्षा का कार्य करेगी। आगामी वर्षों में इस मिशन की सफलता इसकी कार्य पद्धति, इसके मूल्यांकन एवं जनसहयोग पर निर्भर करेंगी।
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