डूबत तथा संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन से आप क्या समझते हैं? What do you understand by Provision for Bad and Doubtful Debts?
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डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन (Provision for Bad and Doubtful Debts)
व्यापार में अधिकांश लेन-देन उधार पर होते हैं। जब किसी को उधार पर माल बेचा जाता है तो क्रेता के खाते को डेबिट तथा विक्रय खाते को क्रेडिट किया जाता है। इस प्रकार क्रेता का खाता डेविट शेष बतलाता है। यदि क्रेता से अन्तिम लेखे तैयार करने की तिथि तक रकम वसूल नहीं होती है तो उसके खाते की शेष राशि को चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष में देनदारों (Debtors) के रूप में दिखाया जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि चिट्टे में देनदारों की जितनी राशि दिखाई गई है भविष्य में वह पूरी राशि वसूल हो जाएगी। अतः वर्ष के अन्त में व्यापार के अन्तिम लेखे तैयार करते समय लाभ अथवा हानि एवं व्यापार की आर्थिक स्थिति की सही जानकारी के लिए वसूल न होने वाले ऋणों के सम्बन्ध में उचित प्रावधान करना आवश्यक होता है। यह प्रावधान लेखा वर्ष में वास्तव में डूबे हुए ऋणों तथा सम्भावित डूबत ऋणों के लिए करना होता है।
(i) डूबत ऋण (Bad Debts)— कुछ ग्राहकों के दिवालिया हो जाने, व्यापार बन्द कर अन्यत्र चले जाने अथवा अन्य कारणों से बकाया राशि वसूल होने की आशा नहीं होती है तो ऐसे देनदारों से न मिलने वाली राशि को डूबत ऋण कहते हैं। डूबत ऋण व्यापार के लिए हानि है, अतः इसको अपलिखित करने के लिए निम्न जर्नल प्रविष्टि की जाती है-
Bad Debts A/c Dr.
To Debtors A/c
(Being amount of bad debts written off.)
उपरोक्त प्रविष्टि से सम्बन्धित देनदार का खाता बन्द हो जाता है तथा डूबत ऋण खाता खुल जाता है। वर्ष के अन्त में अन्तिम खाते बनाते समय डूबत ऋण खाता लाभ-हानि खाते में ले जाया जाता है। तथा डूबत ऋण की राशि को देनदारों की कुल राशि में से कम करके शेष राशि को चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष में दिखाया जाता है। डूबत ऋण खाते का शेष तलपट में दिखा गया है तो इसे देनदारों की राशि में से कम नहीं किया जाता है। केवल लाभ-हानि खाते में ही दिखाया जाता है।
(ii) सम्भावित डूबत ऋण (Doubtful Bad Debts)— कुछ देनदार ऐसे भी हो सकते है जिनसे पूरी बकाया राशि वसूल होने की सम्भावना हो। ऐसे देनदारों में बकाया राशि को सम्भावित डूबत ऋण कहते हैं। वर्ष के अन्त में लेखे तैयार करते समय ऐसे देनदारों की आर्थिक स्थिति के सम्बन्ध में विचार करने के बाद इनमें वसूल न होने वाली राशि का अनुमान लगाया जाता है। सम्भावित डूबत ऋण की राशि से एक आयोजन खाता खोला जाता है जिसे डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन खाता (Provision for Bad and Doubtful Debts Account) कहते हैं। प्रत्येक वर्ष के अन्त में देनदारों की राशि पर एक निश्चित प्रतिशत से डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान किया जाता है। इसके लिए जर्नल प्रविष्टि की जाती है-
Profit and Loss A/c Dr.
To Provision for Bad and Doubtful Debts A/c
(Provisions for bad and Doubtful Debts Created.)
डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन खाते का शेष आगे ले जाया जाता है तथा इसे चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष में देनदारों की राशि में से कम करके दिखाया जाता है। कभी-कभी इसे चिट्ठे में दायित्व पक्ष की ओर भी दिखाया जाता है। डूबत संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन खाते का उपयोग वास्तव में डूबे हुए ऋण की राशि को अपलिखित करने में किया जाता है। भविष्य में डूबत ऋणों की राशि लाभ-हानि खाते से चार्ज करने के बजाय इस आयोजन खाते से चार्ज की जाती है इस सम्बन्ध में निम्न जर्नल प्रविष्टि की जाती है-
Provision for Bad Doubtful Debts A/c Dr.
To Bad Debts A/c
(Balance of Bad Debts Account Transferred.)
(iii) डूबत ऋणों की वसूली (Recovery of Bad Debts) – कभी-कभी गत वर्षों में अपलिखित किए गए डूबत ऋणों की राशि प्राप्त हो जाती है। डूबत ऋणों की वसूली व्यापार के लिए लाभ है। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, डूबत ऋण की राशि को अपलिखित करते समय देनदार का खाता क्रेडिट किया जाता है।
जिससे उसका खाता बन्द हो जाता है। अतः डूबत ऋण की वसूली पर देनदार का खाता पुनः क्रेडिट नहीं किया जाता है बल्कि इस राशि को डूबत ऋण वसूली खाते (Bad Debts Recovered Account) को क्रेडिट किया जाता है। डूबत ऋणों की वसूली पर निम्नांकित जर्नल प्रविष्टि की जाती है-
Cash of Bank A/c Dr.
To Bad Debts Recovered A/c
(Amount of Previously Written off Bad Debts Recovered)
डूबत ऋण वसूली खाते का शेष लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित कर दिया जाता है। डूबत एवं संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन खाता खोलने पर डूबत ऋण वसूली खाले का शेष इस खाते में हस्तान्तरित किया जाता है ।
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