B.Ed Notes

बेसिक शिक्षा के आधारभूत सिद्धान्त | Fundamental Principles of Basic Education in Hindi

बेसिक शिक्षा के आधारभूत सिद्धान्त | Fundamental Principles of Basic Education in Hindi
बेसिक शिक्षा के आधारभूत सिद्धान्त | Fundamental Principles of Basic Education in Hindi

बेसिक शिक्षा के आधारभूत सिद्धान्त (Fundamental Principles of Basic Education)

बेसिक शिक्षा निम्नलिखित आधारभूत सिद्धान्तों पर की गई थी-

1) शिक्षा को अनिवार्य एवं निःशुल्क बनाने का सिद्धान्त- गाँधी जी शिक्षा को अनिवार्य एवं निःशुल्क बनाना चाहते थे, उनका मानना था कि शिक्षा बालक का जन्मसिद्ध अधिकार है। अतः गाँधीजी ने 7 से 14 वर्ष के सभी बालकों के लिए अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की बात कही।

2) शिक्षा को आत्मनिर्भर बनाने का सिद्धान्त- गाँधी जी शिक्षा को सार्वभौमिक अनिवार्य एवं निःशुल्क बनाना चाहते थे। अतः इन्होंने स्कूल में अनिवार्य शिक्षा पर बल दिया जिससे शिक्षा को आत्मनिर्भर अर्थात सेल्फ सर्पोंटिंग बनाया जा सके।

3) सत्य अहिंसा और सर्वोदय का सिद्धान्त- उस समय अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त शिक्षित व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों का शोषण करते थे। गाँधी जी के अनुसार शोषण-हिंसा है और वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। अतः उन्होंने सत्य, अहिंसा व सर्वोदय का सिद्धान्त दिया।

4) शिक्षा को जीवन से जोड़ने का सिद्धान्त- उस समय अंग्रेजी शिक्षा भारतीयों के वास्तविक जीवन से सम्बन्धित नहीं थी, गाँधी जी शिक्षा को वास्तविक जीवन से जोड़ना चाहते थे। वे शिक्षा को उनके क्षेत्रीय उद्योग-धन्धों, प्राकृतिक, सामाजिक, पर्यावरण से जोड़ने पर बल देते थे।

5) शिक्षा का माध्यम मातृभाषा बनाने का सिद्धान्त- गाँधी जी द्वारा दिए गए इस सिद्धान्त को स्वीकार किया गया है, गांधी जी मानते थे कि मातृभाषा पर बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार होता है और उसी के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था भी करनी चाहिए।

6) शिक्षा को हस्तकौशलों पर केन्द्रित करने का सिद्धान्त- गाँधी जी शिक्षा को हस्तकौशलों पर केन्द्रित करने के पीछे, गाँधी जी के कई मत थे जैसे- बच्चों के कायिक श्रम का महत्त्व, बच्चों को स्वावलम्बी बनाना, सबका उदय करना, शिक्षा को वास्तविक जीवन से जोड़ना आदि।

7) ज्ञान को इकाई के रूप में विकसित करने का सिद्धान्त- मनोवैज्ञानिक दृष्टि से ज्ञान को एक इकाई के रूप में विकसित करना चाहिए इसी दृष्टि से गाँधी जी ने ज्ञान को पूर्ण इकाई के रूप में विकसित करने पर बल दिया।

बेसिक शिक्षा की पाठ्यचर्या ( Curriculum of Basic Education)

बेसिक शिक्षा के इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु निम्न क्रियाप्रधान पाठ्यचर्या का निर्माण किया गया जो इस प्रकार है-

  1. हस्तकौशल एवं उद्योग (कताई, बुनाई, बागवानी, कृषि, काष्ठ, मछली पालन, मिट्टी का काम, चर्म कार्य आदि ।
  2. मातृभाषा
  3. हिन्दुस्तानी (हिन्दी) उनके लिए जिनकी हिन्दी मातृभाषा न हो।
  4. व्यावहारिक गणित (अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित और नाप-तोल)
  5. सामाजिक विषय (इतिहास, भूगोल, सामाजिक अध्ययन और नागरिक शास्त्र)
  6. सामान्य विज्ञान (प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गृह विज्ञान, प्रकृति निरीक्षण और बागवानी ।)
  7. संगीत
  8. चित्रकला
  9. स्वास्थ्य विज्ञान (खेलकूद, व्यायाम और सफाई)
  10. आचरण शिक्षा (नैतिक शिक्षा, सामाजिक और राष्ट्रीय उत्सवों को मनाना और समाज सेवा कार्य)
विशेष

1) बेसिक शिक्षा की सामान्य पाठ्यचर्या में कक्षा 5 तक सबके लिए समान पाठ्यचर्या । कक्षा 6 में छात्राएँ आधारभूत शिल्प में गृह विज्ञान व बाद में कक्षा 7 और 8 में वाणिज्य, संस्कृत और आधुनिक भारतीय शिक्षा की भी व्यवस्था की जाने लगी।

2) बेसिक शिक्षा में केवल सर्वधर्म समभाव, नैतिक शिक्षा पर ही बल दिया गया, धार्मिक शिक्षा को महत्त्व नहीं दिया गया है।

3) बेसिक शिक्षा में सर्वाधिक महत्त्व हस्तकौशल एवं उद्योगो को दिया गया था प्रारम्भ से इसका समय 5 घण्टे 30 मिनट तथा बाद में यह समय घटाकर 3 घण्टे 20 मिनट प्रतिदिन का समय निश्चित किया गया।

बेसिक शिक्षा की शिक्षण विधि (Teaching Methods of Basic Education)

बेसिक शिक्षा की शिक्षण विधि आधुनिक शिक्षण विधि के विपरीत थी इसमें पुस्तक प्रणाली के स्थान पर क्रिया प्रधान शिक्षण विधि पर बल दिया गया। बच्चों को प्रकृति का निरीक्षण करने और सामाजिक कार्यों में भाग लेने के अवसर दिए जाते थे और इस प्रकार बालक स्वयं के अनुभवों से सीखते थे।

बेसिक शिक्षा में समस्त विषयों एवं क्रियाओं को एक-दूसरे से सम्बन्धित करके पढ़ाया जाता था जिसे सहसम्बन्ध विधि भी कहते हैं। बेसिक शिक्षा में बच्चों को जीवन की वास्तविक क्रियाओं के माध्यम से वास्तविक ज्ञान कराया जाता है। बेसिक शिक्षा में मातृभाषा का ज्ञान भी स्वाभाविक रूप से कराया जाता था और इसके साथ-साथ बच्चों की आत्माभिव्यक्ति के स्वतन्त्र अवसर भी प्रदान किए जाते थे।

बेसिक शिक्षा में शिक्षक (Teacher in Basic Education)

बेसिक शिक्षा प्रणाली में शिक्षक का स्थान भी महत्त्वपूर्ण है। प्रारम्भ में केवल पुरुष शिक्षकों को ही लिया जाता था बाद में महिला शिक्षिकाओं को भी वरीयता दी गयी। शिक्षकों की योग्यता कम से कम मैट्रिक पास या शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त हो, सुनिश्चित की गयी।

Important Link…

Disclaimer:  Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide Notes already available on the Book and internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment