Contents
रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण (Rorschach Ink Blot Test)
इस परीक्षण को एक स्विस विद्वान हरमन रोर्शा द्वारा प्रतिपादित किया गया। इस परीक्षण को निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त किया गया है-
1) परीक्षण सामग्री (Test Material)- रोर्शा ने 10 प्रमाणित स्याही के धब्बों के काडों का प्रयोग किया। इनमें पाँच पूरी तरह काले होते है। काले और दो लाल है तथा तीन में अनेक रंग है।
परीक्षण विधि (Test Method)- व्यक्तित्व की जाँच करने के लिए इन 10 कार्डों को प्रयोज्य के सामने एक-एक करके रखा जाता है तथा उनसे ये पूछा जाता है कि उसे धब्बे में क्या दिखाई पड़ रहा है। कार्ड को वह जैसा चाहे उसे घुमा-फिरा सकता है। ऐसा करके उसे यह बताना होता है कि इस धब्बे में कोई अंश या पूर्ण भाग उसे चित्र के समान दिखाई पड़ रहा है ये कार्ड निश्चित समयान्तराल में प्रस्तुत किए जाते हैं।
2) विश्लेषण (Analysis)- व्यक्ति उन धब्बों के प्रति जो प्रतिक्रियाएँ करता है उसे लिख लिया जाता है और उनका विश्लेषण निम्न चार बातों के आधार पर करता है-
i) स्थान का निरूपण (Location)- इसमें यह निश्चित किया जाता है कि उस धब्बे के किसी विशेष भाग के प्रति प्रतिक्रिया है अथवा सम्पूर्ण धब्बे के प्रति। विश्लेषण में यह भी देखा जाता है कि प्रयोज्य में प्रतिक्रिया धब्बे की बनावट के कारण है अथवा उसके विभिन्न रंगों या गति के कारण। यदि उसे धब्बे का पूरा अंश दिखाई देता है तो उसे ‘W’ से अंकित करते हैं। यदि धब्बे का सामान्य व बड़ा अंश तो ‘D’, असामान्य व छोटे अंश दिखाई देने पर ‘Dd’ तथा उजले स्थान के आधार पर अनुक्रिया देने को ‘S’ से अंकित करते हैं।
ii) निर्धारक गुण (Quality)- इसमें यह देखा जाता है कि व्यक्ति ने अपनी अनुक्रिया धब्बे के किस गुण के कारण की है अर्थात् आकार के कारण, रंग के कारण या गति के कारण। इसके लिए भी संकेत सुनिश्चित किए गए। रंग के लिए C, आकार के लिए F को निश्चित किया गया।
iii) विषय (Content)- इसमें यह देखा जाता है कि परीक्षार्थी ने धब्बों में किसकी आकृतियाँ देखी-व्यक्तियों की, पशुओं की, प्राकृतिक दृश्यों की आदि। व्यक्तियों की आकृति के लिए H, पशुओं के लिए A, प्राकृतिक दृश्य जैसे आम के लिए F1 सुनिश्चित किया गया।
iv) प्रतिक्रियाएँ (Response) – इसमें यह देखा जाता है कि व्यक्ति ने प्रत्येक धब्बे के लिए कितने समय में प्रतिक्रिया दी, कितनी प्रतिक्रियाएँ दी व किस प्रकार की दी थी। अनेक व्यक्तियों द्वारा की गयी एक सी प्रतिक्रिया को लोकप्रिय अनुक्रिया कहते हैं। जिसका संकेत ‘P’ है जैसे यदि प्रथम भाग में पूरे धब्बे को लोग चमगादड़ ही कहते हैं, तो ये लोकप्रिय अनुक्रिया है।
3) निष्कर्ष (Conclusion) – उपर्युक्त विश्लेषण के आधार पर हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि-
i) व्यक्ति ने यदि सम्पूर्ण धब्बे के प्रति प्रतिक्रियाएँ की हैं तो वह सैद्धान्तिक है। इससे व्यक्ति की बुद्धि व अमूर्त क्षमता का पता चलता है।
ii) यदि व्यक्ति सामान्य बड़े अंश (common detail) के प्रति प्रतिक्रिया करता है तो व्यक्ति स्पष्ट रूप से देखने व समझने वाला होता है।
iii) यदि व्यक्ति उजले स्थान या जगह के आधार पर अनुक्रिया देने वाला है तो व्यक्ति नकारात्मक प्रवृत्ति तथा आत्म-हठधर्मी प्रकृति का होता है।
4) आलोचना (Criticism) – रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण में सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि प्रयोजन की प्रतिक्रियाओं की व्याख्या बहुत आत्मगत (subjective) हो जाती है जिससे प्रयोजक के व्यक्तित्व की विशेषताओं का सही पता नही चलता तथा इसमें अधिक समय व धन की आवश्यकता होती है तथा छोटे बच्चों के लिए ये उपयोगी नहीं हैं।
Important Link…
- अधिकार से आप क्या समझते हैं? अधिकार के सिद्धान्त (स्रोत)
- अधिकार की सीमाएँ | Limitations of Authority in Hindi
- भारार्पण के तत्व अथवा प्रक्रिया | Elements or Process of Delegation in Hindi
- संगठन संरचना से आप क्या समझते है ? संगठन संरचना के तत्व एंव इसके सिद्धान्त
- संगठन प्रक्रिया के आवश्यक कदम | Essential steps of an organization process in Hindi
- रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi
- संगठन संरचना को प्रभावित करने वाले संयोगिक घटक | contingency factors affecting organization structure in Hindi
- रेखा व कर्मचारी संगठन से आपका क्या आशय है? इसके गुण-दोष
- क्रियात्मक संगठन से आप क्या समझते हैं? What do you mean by Functional Organization?