लेखांकन के उद्देश्य बताइये।
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लेखाकर्म के उद्देश्य (Objectives of Accountancy)
लेखाकर्म के उद्देश्यों को दो भागों में विभाजित किया गया है-
(अ) मुख्य उद्देश्य (Main Objects ) —
जिन प्रमुख उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पुस्तपालन तथा लेखाकर्म किया जाता है वे मुख्य उद्देश्य कहे जाते हैं; जैसे-
- व्यवसाय में लाभ हो रहा है या हानि। यदि लाभ हुआ है तो कितना और यदि हानि हुई है तो कितनी ?
- एक निश्चित समय पर व्यापार की कितनी सम्पत्तियाँ एवं दायित्व हैं और इनकी वित्तीय स्थिति क्या है ?
- यह ज्ञात करना कि व्यापार उन्नति पर है या अवनति पर ?
- प्रत्येक व्यापारी यह जानना चाहता है कि एक निश्चित समय पर उसे किसी अमुक व्यक्ति को कितनी धनराशि देनी तथा किसी अमुक व्यक्ति से कितनी धनराशि लेनी है ?
- कानूनी आदेशों का पालन करने के लिए भी पुस्तपालन एवं लेखाकर्म किया जाता है। जैसे प्रत्येक ऐसी कम्पनी के लिए जिसकी स्थापना कम्पनीज अधिनियम, 1956 या इसके पूर्व के कम्पनीज अधिनियमों (Companies Acts) के अन्तर्गत हुई है, पुस्तपालन एवं लेखाकर्म रखना आवश्यक ही नहीं वरन् अनिवार्य है।
एकाकी व्यापार एवं साझेदारी संस्था द्वारा पुस्तपालन एवं लेखाकर्म करना किसी भी अधिनियम द्वारा ‘अनिवार्य’ नहीं है, परन्तु हिसाब-किताब रखने के लाभ इतने अधिक हैं कि ये संस्थाएँ भी पुस्तपालन एवं लेखाकर्म को अपनाती हैं।
(ब) अन्य उद्देश्य (Other Objects) –
पुस्तपालन एवं लेखाकर्म के द्वारा उपर्युक्त मुख्य उद्देश्यों की पूर्ति तो की ही जाती है, किन्तु उनके द्वारा कुछ अन्य सूचनाएँ भी अपने आप प्राप्त हो जाती हैं। इन अतिरिक्त सूचनाओं को प्राप्त करना ‘सहायक’ उद्देश्यों में गिना जाता है। ये सूचनाएँ व उद्देश्य निम्न हैं:
- यह ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है कि कितना माल है, कितना माल बिक चुका है तथा कितना माल क्रय किया जा चुका है?
- व्यवसाय में रोकड़ की क्या स्थिति है ?
- कर्मचारियों की त्रुटियों व कपटों को जाना जा सकता है, ऐसा होने से इन पर अच्छा नियन्त्रण रखा जा सकता है।
- व्यापार में प्रयुक्त पूँजी का विस्तृत ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
- बहुत से व्यापारी कर निर्धारण के उद्देश्य से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए लेखे करते हैं।
- यह ज्ञात किया जा सकता है कि एक निश्चित समय पर व्यवसाय की क्या आवश्यकताएँ हैं?
संक्षेप में, लेखाकर्म का उद्देश्य ‘धन की माप’ (Measurement of wealth) करना है।
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