Contents
वैयक्तिक भिन्नताओं के प्रकार (Types of Individual Differences)
वैयक्तिक भिन्नताएँ आन्तरिक व्यक्तिगत एवं बाह्य व्यक्तिगत भिन्नता के रूप में होती हैं। आन्तरिक व्यक्तिगत भिन्नता में शारीरिक व मानसिक स्तरों की विभिन्नता को शामिल किया जाता है जबकि बाह्य व्यक्तिगत भिन्नता में दो या दो से अधिक प्राणियों के बीच की शक्तियों एवं रचनाओं से सम्बन्धित पक्षों की विभिन्नताओं को सम्मिलित किया जाता है। सभी आंतरिक अथवा बाह्य विभिन्नताएँ निम्न प्रकार की होती हैं-
1) शारीरिक भिन्नता (Physical Difference) – शारीरिक भिन्नता के अन्तर्गत व्यक्तियों के रंग-रूप, लंबाई, भार, शारीरिक गठन, परिपक्वता जैसे लक्षणों को शामिल किया जाता है। इन विशेषताओं के आधार पर समाज के सदस्यों में विभिन्नता पाई जाती है। स्त्रियों एवं पुरुषों के मध्य पाई जाने वाली शारीरिक भिन्नता इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। व्यक्ति के स्वभाव एवं आचरण पर शारीरिक भिन्नता का अधिक प्रभाव पड़ता है।
2) मानसिक भिन्नता (Mental Difference) – प्रत्येक समाज के लोगों में बौद्धिक असमानताएँ पायी जाती हैं। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की मानसिक शक्तियों का विकास भी भिन्न-भिन्न प्रकार से होता है। समाज में प्रतिभाशाली बालकों के साथ मंद बुद्धि बालक भी देखे जा सकते हैं। इस प्रकार औसत से कम बौद्धिक क्षमता को मानसिक भिन्नता के रूप में देखा जाता है। तर्क, चिंतन एवं कल्पना के आधार पर भी भिन्नताएँ पायी जाती हैं। मानसिक भिन्नताएँ बौद्धिक उपलब्धियों को प्रभावित करती हैं।
3) संवेगात्मक भिन्नता (Emotional Difference ) – प्रत्येक व्यक्ति का संवेगात्मक विकास भिन्न प्रकार से होता है। लोगों में प्रेम, क्रोध, भय जैसे संवेगों के विकास में अंतर पाया जाता है। प्रायः संवेगों में मात्रात्मक रूप से यह अंतर कम होता जाता है फिर भी विशेष परिस्थितियों में इनकी अभिव्यक्ति के द्वारा आसानी से पहचान की जा सकती है। विभिन्न प्रकार के परीक्षणों से संवेगों का मापन किया जा सकता है और उनमें भिन्नता का पता लगाया जा सकता है। वर्तमान में इसके मापन की अनेक विधियाँ विकसित की गई हैं जिससे इसका मापन और आसान हो गया है।
4) रुचि में भिन्नता (Difference in Interest) – किन्हीं भी दो व्यक्तियों की रुचियाँ एक समान नहीं होती हैं। ये रुचियाँ, खान-पान, शिक्षा, खेल, संगीत, मनोरंजन, व्यवसाय आदि किसी भी क्षेत्र से सम्बन्धित हो सकती हैं। इन रुचियों में आयु की वृद्धि के साथ-साथ परिवर्तन होता रहता है। डी. एन. श्रीवास्तव ने अपने अध्ययन में बताया कि छात्राओं की अपेक्षा छात्रों में रुचियों का विस्तार अधिक होता है।
क्रो एवं क्रो (1973) के अनुसार, “रुचि वह अभिप्रेरक शक्ति है जो हमें किसी व्यक्ति, वस्तु या क्रिया की ओर ध्यान देने के लिए बाध्य करती है।”
According to Crow and Crow, “Interest may refer to the motivating force that impels us to attend a person, thing of an activity.”
5) व्यक्तित्व सम्बन्धी भिन्नता (Difference in Personality) सामान्यतः व्यक्तियों का व्यक्तित्व एक दूसरे से भिन्न होता है। उनके व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताओं में भिन्नता पायी जाती है। व्यक्तियों की व्यक्तित्व सम्बन्धी भिन्नताओं को बहिर्मुखी, अन्तर्मुखी एवं उभयमुखी के रूप में विभक्त किया गया है। टेलर ने अपने अध्ययन में व्यक्ति की योग्यता की अपेक्षा व्यक्तित्व सम्बंधी भिन्नताओं को अधिक महत्व दिया है।
6) क्रियात्मक भिन्नता (Difference in Activities) – अलग-अलग व्यक्तियों में कार्य करने की क्षमता में भी अंतर पाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की मांसपेशियों का विकास भिन्न प्रकार से होता है जिसका प्रभाव व्यक्ति के शरीर एवं उसके व्यवहार पर पड़ता है। गत्यात्मक योग्यता के अनुसार कुछ व्यक्ति अधिक क्रियाशील होते हैं। जबकि कुछ बहुत ही सुस्त प्रकार के होते हैं। क्रो एवं क्रो ने अपने अध्ययन में क्रियात्मक भिन्नता को अधिक महत्व दिया है।
7) विचारों में भिन्नता (Difference in Opinions) – प्रत्येक व्यक्ति के विचारों में भिन्नता होती हैं। एक समूह में किन्हीं भी दो सदस्यों के विचार पूर्ण रूप से एक समान नहीं हो सकते हैं। विचारधारा को सामाजिक पर्यावरण, आयु-स्तर, शैक्षिक योग्यता जैसे कारक प्रभावित करते हैं। समाज में विभिन्न मूल्यों के प्रति उदारता व संकीर्णता के आधार पर आसानी से अंतर देखा जा सकता है।
8) अधिगम में भिन्नता (Difference in Learning) – अनेक शारीरिक एवं मानसिक विशेषताओं के कारण बालकों में सीखने की गति एक दूसरे से भिन्न होती है। क्रो एवं क्रो के अनुसार, एक ही आयु के बालकों में सीखने की तत्परता का समान स्तर होना आवश्यक नहीं है। कुछ बालक जल्दी सीखते हैं और कुछ देर से ज्ञान ग्रहण कर पाते हैं। सीखने में व्यक्ति की अवस्थाओं का भी प्रभाव पड़ता है ।
Important Link…
- अधिकार से आप क्या समझते हैं? अधिकार के सिद्धान्त (स्रोत)
- अधिकार की सीमाएँ | Limitations of Authority in Hindi
- भारार्पण के तत्व अथवा प्रक्रिया | Elements or Process of Delegation in Hindi
- संगठन संरचना से आप क्या समझते है ? संगठन संरचना के तत्व एंव इसके सिद्धान्त
- संगठन प्रक्रिया के आवश्यक कदम | Essential steps of an organization process in Hindi
- रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi
- संगठन संरचना को प्रभावित करने वाले संयोगिक घटक | contingency factors affecting organization structure in Hindi
- रेखा व कर्मचारी संगठन से आपका क्या आशय है ? इसके गुण-दोष
- क्रियात्मक संगठन से आप क्या समझते हैं ? What do you mean by Functional Organization?