संचयी ग्रेड बिन्दु औसत [CUMULATIVE GRADE POINT AVERAGE (CGPA)]
शिक्षा में ग्रेडिंग प्रक्रिया उपलब्धि स्तर को बढ़ाने तथा मानवीकृत माप को लागू करने की एक प्रक्रिया है। अतिरिक्त गतिविधियों के माध्यम से संचयी वर्ग (Grade) बिन्दु औसत को निर्धारित किया जा सकता है। यह एक प्रकार का सभी सेमेस्टर में प्राप्त छात्रों के प्राप्तांकों का औसत होता है। किसी विद्यालय अथवा कॉलेज द्वारा प्रदत्त एक समान ग्रेड को गुणा करके उनका योग किया जाता है तथा उनका औसत निकाला जाता है। इस प्रकार यह सभी विषयों में प्राप्त ग्रेड प्वांइट का औसत होता है।
छात्र के औसत को 9.5 से गुणा करके संचयी ग्रेड बिन्दु औसत (C.G.P.A.) निकालते हैं। संचयी ग्रेड बिन्दु औसत को अन्य परम्परागत आंकलन पद्धति से बेहतर माना जाता है। उच्च स्तरीय संस्थाएँ इस प्रकार के आंकलन को अपनाकर परिणाम की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास कर रही हैं।
भावी नियोक्ता और देश के उच्च संस्थानों में विद्यार्थियों के निष्पादन को समझने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने क्रेडिट आधारित सेमेस्टर सिस्टम (CBSS) के प्रयोग का सुझाव दिया। छात्रों के अंक पत्रों पर संचयी ग्रेड बिन्दु औसत मुद्रित होगा, उसे निकालने की आवश्यकता नहीं होगी।
CGPA का उपयोग (Uses of CGPA)
CGPA का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है-
1) यह प्रवेश, डिग्री कार्यक्रमों के माध्यम से प्रगति, उच्च अध्ययन में प्रवेश इत्यादि में निर्णय लेने में सहायता करता है।
2) पदक, पुरस्कार, मेडल एवं सम्मान प्रदान करने के लिए तथा रैंक प्रदान करने में सहायता करता है।
3) यह नियोक्ताओं के लिए निर्णय लेने तथा कर्मचारियों की नियुक्ति करने में सहायता करता है।
4) CGPA, ग्रेड आधारित निर्णय लेने में प्रयोग किया जाता है।
CGPA के लाभ (Advantages of CGPA)
CGPA के लाभ निम्नलिखित हैं-
1) यह अक्षर ग्रेडों को संख्यात्मक में परिवर्तन करता है।
2) यह ग्रेड प्वाइन्ट को गुणात्मक माप के लिए परिवर्तन करता है।
3) स्कोर को सामान्य बनाने के लिए विस्तृत पैमाना है।
4) यह पूर्वाग्रहों को कम करता है।
5) मानक विचलन की भिन्नता में कमी के कारण सापेक्ष मूल्यांकन भिन्नता में सत्यता की वृद्धि करता है।
6) अन्तः साथी समूह के मध्य अन्तर में कमी करता है।
CGPA से हानि (Disadvantages of CGPA)
CGPA के यदि कुछ लाभ है तो इससे कुछ हानि भी है अतः CGPA की हानि निम्नलिखित हैं-
1) उच्च प्राप्तांक प्राप्त करने वाले एवं औसत प्राप्तांक प्राप्त करने वाले छात्र के मध्य बहुत कम अन्तर करता है।
2) यह विद्वान छात्रों को हतोत्साहित करता है क्योंकि औसत छात्रों को भी एक-सा स्तर प्रदान किया जाता है।
3) यह उत्तम छात्रों की अध्ययन करने की प्रेरणा में कमी करता है।
4) ग्रेड प्रत्येक सेमेस्टर में प्रदान किया जाता है। प्रत्येक सेमेस्टर के ग्रेड आंकलन उन्हें अन्तिम सेमेस्टर की परीक्षा के प्रति हतोत्साहित करता है।
5) ग्रेड छात्रों की समस्त निष्पादन को वर्णित करते हैं परन्तु यह छात्र की वास्तविक क्षमता अथवा निम्न प्राप्तांक प्राप्त करने वाली की क्षमता को निश्चित नहीं करता।
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