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अभिप्रेरणा से क्या आशय है ? इसके क्या उद्देश्य है ? | What is meant by motivation? What is its purpose?

अभिप्रेरणा से क्या आशय है ? इसके क्या उद्देश्य है ? | What is meant by motivation? What is its purpose?
अभिप्रेरणा से क्या आशय है ? इसके क्या उद्देश्य है ? | What is meant by motivation? What is its purpose?

अभिप्रेरणा से क्या आशय है ? इसके क्या उद्देश्य है ?

अभिप्रेरणा (Motivation)

एक प्रबन्धक बिना यह जाने कि व्यक्तियों को क्या अभिप्रेरित करता है, अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निष्पादन नहीं कर सकता है। अतः व्यवसाय में अभिप्रेरणा होना बहुत जरूरी है।

अभिप्रेरण शब्द ‘प्रेरण’ (Motive) से निकला है। प्रेरणाएँ मानवीय आवश्यकताओं की अभिव्यक्ति को कहते हैं, जिसका आशय है- “साभिप्रायिक आवश्यकतायें” ।

सरल शब्दों में इसका अर्थ है कि जब कोई मनुष्य कोई भी कार्य करता है, तो उसके पीछे उसकी कोई आवश्यकता अवश्य होती है, जो उसे कार्य को करने के लिए प्रेरित करती है। काम करने वाली इन आवश्यकताओं को प्रेरण कहते हैं। व्यक्तियों को काम करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इन आवश्यकताओं का अनुभव कराने की प्रक्रिया को अभिप्रेरणा कहा जाता है। अभिप्रेरणा के साथ कई शब्द, जैसे— इच्छा, आवश्यकताएँ, चाह, उद्देश्य, लक्ष्य, माँग का प्रभाव, चालक, अभिप्रेरण, प्रोत्साहन आदि जुड़े हुए हैं।

किसी व्यक्तियों को कार्य के प्रति जाग्रत करना अभिप्रेरण कहलाता है।

अभिप्रेरणा की परिभाषाएँ इस प्रकार हैं-

स्कॉट के अनुसार, “अभिप्रेरण लोगों को इच्छित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित करने की क्रिया है।

शर्टल के अनुसार, “किसी निश्चित दिशा की ओर जाने या किसी निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निश्चित प्रेरणा या तनाव ही अभिप्रेरणा है।”

अभिप्रेरण के उद्देश्य (Object of Motivation)

प्रत्येक क्रिया की प्रतिक्रिया भी होती है अर्थात् हर प्रकार के कार्य का कुछ उद्देश्य होता है, बिना उद्देश्य के कोई भी कार्य नहीं किया जाता इसलिए अभिप्रेरण के प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार से हो सकते हैं-

(1) कर्मचारियों को स्वेच्छापूर्वक अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करना।

(2) कर्मचारियों का मनोबल ऊँचा उठाना ।

(3) स्वस्थ मानवीय सम्बन्धों का विकास करना ।

(4) कर्मचारियों को प्रोत्साहित करके उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि करना ।

(5) कर्मचारियों को हर सम्भव सहयोग देना व उनसे सहयोग प्राप्त करना ।

(6) उपक्रम के कर्मचारियों की आर्थिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को पूरा करना ।

(7) श्रम एवं पूँजी के सम्बन्धों को मधुर बनाना।

(8) कर्मचारियों की कार्य सन्तुष्टि करना इत्यादि।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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