Commerce Notes

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ | Generation of Computers in Hindi

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ | Generation of Computers in Hindi
कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ | Generation of Computers in Hindi

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generation of Computers)

(1) First Generation Computer (1946-1964) :

पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर में मुख्यतः वेक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) का प्रयोग किया गया ये कम्प्यूटर बहुत ही बड़े आकार के (कमरे के आकार), कार्य गति धीमी, अधिक लागत और कम विश्वसनीय थे। इनमें काफी अधिक गर्मी पैदा होने की वजह से लगातार देख-रेख और ठण्डक की आवश्यकता होती थी।

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के कुछ अन्य तथ्य :

(i) मुख्य मेमोरी मैग्नेटिक ड्रमः

(ii) द्वितीयक मेमोरी मैग्नेटिक ड्रम और मैग्नेटिक टेपः

(III) इनपुट मीडिया पंच कार्ड और पेपर टेपः

(iv) आउटपुट मीडिया पंच कार्ड और प्रिंटिड रिपोर्ट;

(v) भाषा मशीन और एसेम्बली:

(vi) उदाहरण EDVAC, UNIVAC, Mark-1.

(2) Second Generation Computers (1955-1964):

दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर में मुख्यतः ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया। ट्रांजिस्टर दो अवस्थाओं वाला एक उपकरण होता है, जो सस्ता, विश्वसनीय और छोटा होता है तथा वेक्युम ट्यूब से कम गर्मी उत्पन्न करता है।

दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर के कुछ अन्य तथ्य :

(i) मुख्य मेमोरी: मैग्नेटिक कोर:

(ii) द्वितीयक मेमोरी : मैग्नेटिक डिस्क और मैग्नेटिक टेपः

(iii) इनपुट मीडिया : पंच कार्ड और प्रिंटिड रिपोर्ट:

(iv) आउटपुट मीडिया : पंच कार्ड और प्रिंटिड रिपोर्ट:

(v) भाषा: एसेम्बली भाषा और HLL (High Level Language) जैसे- FORTRAN और COBOL:

(vi) प्रोसेसिंग : साधारण बैच प्रोसेसिंग

(vii) उदाहरण : ATLAS, LEO IBM 1620 Series, IBM 7090 Series

(3) Third Generation Computers (1966-1974) :

तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर में मुख्यतः इन्टीपेटिड सरकट्स का (IC’s) प्रयोग किया गया। ये कम्प्यूटर प्रथम और द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों से छोटे, अधिक विश्वसनीय, कम लागत के और कम गर्मी उत्पन्न करने वाले थे। IC’s के कारण कई प्रकार के उपकरणों को ओड़ना भी सम्भव हो पाया। जैसे-ट्रांजिस्टर और कंडक्टर इससे पहले केवल कुछ उपकरण ही चिप में जोड़ा जाना सम्भव गथा। इसे Small Scale Integration (SSI) से भी जाना जाता था। बाद में सैकड़ों उपकरणों को जोड़ना सम्भव हो गया। इसे Medium Scale Integration (MSI) का नाम दिया गया।

तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर के कुछ अन्य तथ्य :

(I) मुख्य मेमोरी : मैग्नेटिक कोर:

(II) द्वितीयक मेमोरी : मैग्नेटिक डिस्क और मैग्नेटिक टेप;

(iii) इनपुट मीडिया : की-टू-टेप और की-टू-डिस्कः

(iv) आउटपुट मीडिया : VDU पंच और प्रिंटिड रिपोर्ट:

(iv) भाषा जैसे- COBOL, BASIC, PASCAL, C;

(vi) प्रोसेसिंग : बहुआयामी प्रोग्रामिंग ।

(vii) उदाहरण : IBM 307 Series, IBM 360 Series, IBM CYBER-175

(4) Fourth Generation Computers (1975 up to Present):

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर में मुख्यतः बहुत बड़े आकार के इन्टीग्रेटिड (Very Large Scale Integration i.e., VLSI) सरकट्स का प्रयोग किया जाता है। आजकल हम जो कम्प्यूटर प्रयोग कर रहे हैं, उनमें अधिकतर चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर हैं।

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर के कुछ अन्य तथ्य :

(i) मुख्य मेमोरी : LSI सेमीकंडक्टर सरकट्स;

(ii) द्वितीयक मेमोरी मैग्नेटिक डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क;

(iii) इनपुट मीडिया: की-बोर्ड, Direct इनपुट उपकरण, ऑप्टिकल स्कैनिंग:

(iv) आउटपुट मीडिया : VDU, स्पीकर और प्रिंटिड रिपोर्ट:

(v) भाषा : संशोधित हाई लेवल भाषा, जैसे- C++, SQL.

(vi) उदाहरण: CRAY 2, IBM 3090 Series, IBM 9000 Series

(5) Fifth Generation Computers (Under development (1975-Continue) :

पाँचवीं पीढ़ी के कम्प्यूटर का अभी विकास हो रहा है। इन कम्प्यूटरों में निम्नलिखित Features का होना माना जा रहा है :

  • आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्सी (AI);
  • प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग (Natural Language Processing);

बोलचाल, कैरेक्टर और इमेज की पहचान:

  • मेगा चिप मेमोरी (Mega Chip Memory);
  • पैरलल प्रोसेसिंग (Parallel Processing) का बहुत अधिक प्रयोग।

Important Link

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment