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लेखाविधि का अर्थ एवं कार्य | Meaning and Functions of Accounting in Hindi

लेखाविधि का अर्थ एवं कार्य | Meaning and Functions of Accounting in Hindi
लेखाविधि का अर्थ एवं कार्य | Meaning and Functions of Accounting in Hindi

लेखाविधि से क्या आशय है ? इसके क्या कार्य है ? 

लेखाविधि का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Accounting)

प्रत्येक व्यवसायी अथवा उद्योगपति अपने द्वारा किए गए कार्यों का एक निश्चित परिणाम जानना चाहता है। यह परिणाम लाभ या हानि अथवा न लाभ और न हानि के रूप में हो सकता है, फिर भी इन तीनों में से क्या परिणाम रहा है यह जानना अत्यन्त आवश्यक है। इसके अतिरिक्त वे यह ज्ञात करना चाहते हैं कि उनके व्यवसाय अथवा उद्योग की सम्पत्तियों में कितनी धनराशि विनियोजित है ? उनकी कितनी देनदारियाँ हैं? उनकी कार्यशील पूँजी की क्या स्थिति है ? इन सब बातों की जानकारी करने के बाद ही कोई व्यवसायी अथवा उद्योगपति अपनी संस्था की लाभार्जन क्षमता और आर्थिक स्थिति का अनुमान लगा सकता है। व्यावसायिक एवं औद्योगिक क्षेत्र में संस्था की लाभार्जन क्षमता एवं आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने हेतु ही लेखाविधि का प्रयोग किया जाता है।

लेखाविधि एक ऐसा विषय है जिसको शब्दों की सीमा में बाँधना सरल कार्य नहीं है, फिर भी अनेक विद्वानों एवं समितियों ने लेखाविधि को परिभाषित करने का प्रयास किया है। लेखाविधि की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित है-

रॉबर्ट एन० एन्थोनी (Robert N. Anthony) के अनुसार, “लगभग प्रत्येक व्यावसायिक उपक्रम एक लेखाविधि पद्धति अपनाता है। यह (लेखाविधि) व्यवसाय से सम्बन्धित सूचनाओं को मौद्रिक रूप में एकत्रित करने, विश्लेषण तथा व्याख्या करने का साधन है।”

स्मिथ एवं एशबर्न (Smith and Ashburn) के शब्दों में, “लेखाविधि आर्थिक क्रियाओं के परिणामों को मापने एवं व्यक्त करने का साधन है।”

अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेण्ट्स की शब्दावली समिति के अनुसार, “लेखाविधि सौदों एवं घटनाओं की, जोकि कम से कम आंशिक रूप में वित्तीय प्रकृति के हैं, प्रभावपूर्ण ढंग से मौद्रिक रूप में लिखने, वर्गीकृत करने तथा उनके परिणामों के निर्वचन करने की कला है। “

लेखाविधि के कार्य (Functions of Accounting)

लेखाविधि के अन्तर्गत लेखाविधि के सिद्धान्तों के आधार पर सौदों एवं घटनाओं को, जो मौद्रिक प्रकृति की होती हैं, प्रारम्भिक लेखों की पुस्तकों में लिखा जाता है तथा खतौनी (Posting), खाताबही (Ledger) में की जाती है। इस प्रकार की खतौनी से लेखों का वर्गीकरण (Classification) हो जाता है। वर्ष के अन्त में खाताबही के शेषों से तलपट (Trial Balance) सारांश के रूप में तैयार किया जाता है। तलपट और आवश्यक अतिरिक्त सूचनाओं की सहायता से व्यापारिक एवं लाभ-हानि खाता (Trading and Profit & Loss Account) और आर्थिक चिट्ठा (Balance Sheet) तैयार करके संस्था की लाभार्जन क्षमता और आर्थिक स्थिति का ज्ञान प्राप्त किया जाता है।

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Anjali Yadav

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