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विदेशी शाखाएँ | विदेशी शाखाओं के तलपट की राशियों का प्रधान कार्यालय वाले देश की मुद्रा में परिवर्तन | Foreign Branches in Hindi

विदेशी शाखाएँ | विदेशी शाखाओं के तलपट की राशियों का प्रधान कार्यालय वाले देश की मुद्रा में परिवर्तन | Foreign Branches in Hindi
विदेशी शाखाएँ | विदेशी शाखाओं के तलपट की राशियों का प्रधान कार्यालय वाले देश की मुद्रा में परिवर्तन | Foreign Branches in Hindi

विदेशी शाखाएँ (Foreign Branches)

जब किसी व्यावसायिक संगठन द्वारा अपने व्यापार क्षेत्र का विस्तार करने के लिए विदेशों में अपनी शाखाएं खोली जाती हैं तो इन्हें विदेशी शाखाएँ कहते हैं। इन शाखाओं की कार्य-पद्धति पूर्व-वर्णित स्वतन्त्र शाखाओं के समान ही होती हैं। अर्थात ये शाखाएँ प्रधान-कार्यालय से नीति-निर्देश तो प्राप्त करती है परन्तु अपने दैनिक कार्य-कलाप जैसे माल का क्रय-विक्रय, खर्चों का भुगतान आदि स्वतन्त्र रूप से करती हैं। ऐसी शाखाएँ दोहरी लेखा प्रणाली के आधार पर अपने सम्पूर्ण लेखे रखती हैं और वर्ष के अन्त में अपना तलपट बनाकर एक प्रतिलिपि प्रधान कार्यालय को भेज देती है। प्रधान कार्यालय इस तलपट की मदों का अपनी पुस्तकों में उसी प्रकार से समामेलन करता है जिस प्रकार एक देशी स्वतन्त्र शाखा के तलपट की मदों का समामेलन किया जाता है। परन्तु इसमें एक समस्या यह आती है कि शाखा तलपट की मदें विदेशी मुद्रा में होती है जबकि प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में मदें स्वदेशी मुद्रा में होती है। अतः समामेलन से पूर्व आवश्यक हैं कि विदेशी शाखा के तलपट की मदों को प्रधान कार्यालय के देश की मुद्रा में परिवर्तित किया जाए। उदाहरणार्थ, भारत में स्थापित एक व्यावसायिक संगठन (प्रधान कार्यालय) की एक शाखा टोकियो (जापान) में है तथा दूसरी शाखा न्यूयार्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है। वर्ष के अन्त में टोकियो शाखा से प्राप्त तलपट में मदें जापान की मुद्रा येन (Yen) में दी होंगी तथा न्यूयार्क शाखा से प्राप्त तलपट में मर्दे अमेरिका की मुद्रा डालर (Dollar) में दी होगी जबकि प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में लेखे भारत की मुद्रा ‘रुपया’ (Rupee) में किए जाते हैं। अतः प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में शाखाओं के तलपटों की मदों को तब तक समामेलित नहीं किया जा सकता जब तक कि उनको भारत की मुद्रा ‘रुपया’ में परिवर्तित न कर लिया जाए।

विदेशी शाखाओं के तलपट की राशियों का प्रधान कार्यालय वाले देश की मुद्रा में परिवर्तन (Conversion of Foreign Branch Trial Balance Figures into the Currency of the Country of the Head Office)

प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में विदेशी शाखा के तलपट की राशियों का परिवर्तन शाखा के देश और प्रधान कार्यालय के देश की मुद्राओं की विनिमय दर (Rate of Exchange) के आधार पर किया जाता है। उदाहरणार्थ यदि अमेरिकन डॉलर (S) भारतीय 65 रु० 83 पैसे के बराबर है तो डॉलर और रुपये की विनिमय दर $1 = 65.83 रु० होगी। एक भारतीय प्रधान कार्यालय की अमेरिका शाखा के तलपट की मदों का इसी दर पर परिवर्तन किया जायेगा। परन्तु यह तभी सम्भव है, जबकि उस अवधि के दौरान विनिमय दर में कोई परिवर्तन नहीं होता हो, जिस अवधि से शाखा तलपट की मदें सम्बन्धित हैं। परन्तु व्यवहारों में ऐसा सम्भव नहीं होता है।

विदेशी शाखा के तलपट की मदें विभिन्न समय-बिन्दुओं से सम्बन्धित होती हैं। कुछ मदें (यथा-चालू सम्पत्तियाँ एवं चालू दायित्व) हिसाबी वर्ष के अन्तिम समय से सम्बन्ध रखती है तो कुछ मदें (आयगत मदें यथा वेतन, मजदूरी, क्रय-विक्रय आदि) हिसाबी वर्ष के सम्पूर्ण समय से सम्बन्ध रखती है। कोई मद (यथा-प्रारिम्भक स्टॉक) वर्ष के प्रारम्भ से सम्बन्ध रखती तो किसी मद (यथा स्थायी सम्पत्ति) का सम्बन्ध पिछलो हिसाबी वर्षों से हो सकता है। समय के इतने लम्बे अन्तराल में चूँकि विनियम दर में उच्चावचन (Fluctuation) होते रहते हैं अतः एक स्थायी विनिमय दर (Fixed Rate of Exchange) के आधार पर विदेशी शाखा के तलपट की मदों का परिवर्तन करना उचित प्रतीत नहीं होता है।

विदेशी शाखा के तलपट की मदों का प्रधान कार्यालय के देश की मुद्रा में परिवर्तन करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए-

(1) प्रारम्भिक स्टॉक (Opening Stock ) – प्रारम्भिक स्टॉक को लेखा वर्ष की प्रारम्भिक तिथि पर प्रचलित विनिमय दर, जिसे प्रारम्भिक विनियम दर (Opening Exchange Rate) कहते हैं, पर परिवर्तित किया जाता है, क्योंकि यह स्टॉक शाखा की पुस्तकों में वर्ष के प्रारम्भ में विद्यमान था।

(2) अन्तिम स्टॉक (Closing Stock) – यह मद लेखा-वर्ष के अन्तिम अवधि से सम्बन्ध रखती है, अतः इसे वर्ष के अन्त की विनिमय दर (Closing Exchange Rate) से परिवर्तित किया जाता है।

(3) अन्य चालू सम्पत्तियाँ तथा चालू दायित्व (Other current Assets and Current Liabilities) – शाखा के तलपट में प्रदर्शित चालू सम्पत्तियाँ, यथा-रोकड़ शेष, देनदार, प्राप्त बिल, पूर्वदत्त व्यय आदि तथा चालू दायित्व यथा-व्यापारिक लेनदार, देय बिल, अदत्त व्यय आदि के शेष चूँकि लेखा वर्ष की अन्तिम तिथि को ज्ञात किए जाते हैं, अतः इन मदों को वर्ष के अन्त की विनिमय दर (Closing Exchange Rate) के आधार पर करना चाहिए। डूबत ऋण के लिए प्रावधान तथा देनदारों तथा लेनदारों पर छूट के लिए प्रावधानों की राशियों को भी इसी दर पर परिवर्तित किया जायेगा।

(4) स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets) – विदेशी शाखा के तलपट में दिखलाई गई स्थायी सम्पत्तियाँ की राशियों को निम्नलिखित में से किसी एक विनिमय दर के आधार पर परिवर्तित किया जाता है—

(i) सम्पत्ति प्राप्त करने की तिथि को प्रचलित विनिमय दर (Exchange Rate Prevailing on the Date of Acquisition of Fixed Assets) – विदेशी शाखा के तलपट में प्रदर्शित स्थायी सम्पत्तियाँ चालू लेखा वर्ष की अन्तिम तिथि के पूर्व किसी तिथि को खरीदी गई होगी। अतः ऐसी सम्पत्तियों की राशियों का उस विनिमय दर पर परिवर्तन करना होगा जो उन सम्पत्तियों को प्राप्त करने की तिथि को विदेशी विनियम बाजार में प्रचलित थी।

(ii) सम्पत्ति क्रय करने के सम्बन्ध में किए गए प्रसंविदे के दिन प्रचलित विनियम दर (Exchange Rate Prevailing on the date of contract) – विदेशी शाखा के तलपट में यदि कोई ऐसी सम्पत्ति भी शामिल है जिसे खरीदने के लिए कई प्रसंविदा किया गया था, तो ऐसी सम्पत्ति की राशि का परिवर्तन प्रसंविदे के दिन प्रचलित विनिमय दर पर किया जाता है, क्योंकि ऐसी सम्पत्ति के लिए प्रसंविदे में वर्णित राशि का भुगतान किया गया है।

(iii) सम्पत्ति के सम्बन्ध में किए गए भुगतान के दिन प्रचलित दर (Exchange Rate Prevailing on the Date of Payment) – यदि विदेशी शाखा के तलपट में कोई ऐसी सम्पत्ति शामिल है जिसके मूल्य का भुगतान शाखा द्वारा उसे प्राप्त करने की तिथि के बाद किया गया है, तो ऐसी सम्पत्ति की राशि का परिवर्तन भुगतान के दिन प्रचलित विनिमय दर के आधार पर किया जाता है।

टिप्पणी-

(i) यदि विदेशी शाखा के तलपट में प्रदर्शित किसी स्थायी सम्पत्ति का मूल्य प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में अतिरिक्त सूचना के रूप में उपलब्ध हो तो ऐसी सम्पत्ति की राशि को उपरोक्त किसी भी आधार पर परिवर्तित करने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी स्थिति में प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में उपलब्ध मूल्य को ही परिवर्तित मूल्य मान लिया जाता है।

(ii) एक स्थायी सम्पत्ति के लिए एक ही विनिमय दर का प्रयोग किया जायेगा और प्रतिवर्ष उसके मूल्य का परिवर्तन उसी विनिमय दर पर किया जाता रहेगा।

(5) स्थायी दायित्व (Fixed Liabilities) – विदेशी शाखा के तलपट में प्रदर्शित स्थायी दायित्व जैसे ऋणपत्र, दीर्घकालीन ऋण आदि की राशियों को ऐसे दायित्वों को स्वीकार करने (यथा-ऋण-पत्रों को निर्गमित करने) की तिथि को प्रचलित विनिमय दर पर परिवर्तित करना चाहिए।

(6) आयगत मदें (Revenue Item: ) – विदेशी शाखा के तलपट में अनेक आयगत मदें भी सम्मिलित होती है, जैसे—क्रय विक्रय, मजदूरी, वेतन, मरम्मत व्यय आदि। इन मदों की राशियों में वर्ष भर परिवर्तन होता रहता है, अतः इनकी राशियों का परिवर्तन सम्पूर्ण वर्ष की औसत विनिमय दर (Average Exchange Rate) के आधार पर किया जाता है

टिप्पणी-

(i) स्थायी सम्पत्तियों पर मूल्य-हास का परिवर्तन उस विनिमय दर पर किया जाता है जिस पर सम्बन्धित स्थायी सम्पत्ति की राशि का परिवर्तन किया गया है।

(ii) प्रधान कार्यालय द्वारा विदेशी शाखा को भेजा गया माल प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में दिखाए गए लागत मूल्य पर परिवर्तित किया जाता है। इसी प्रकार शाखा द्वारा प्रधान कार्यालय को लौटाए गए माल को भी प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में प्रदर्शित लागत मूल्य पर परिवर्तित किया जाता है। परन्तु यदि ये लागत मूल्य पर उपलब्ध न हो तो इनका परिवर्तन माल भेजने के दिन वास्तविक विनिमय दर (Actual Exchange Rate) पर किया गया है। वास्तविक विनिमय दर से आशय उस विनिमय दर से है जिस पर कि विदेशी विनिमय बाजार में विदेशी मुद्रा को खरीदा जाता है।

(7) शाखा द्वारा भेजी गई राशियाँ (Remittances by Branch) – विदेशी शाखाओं से रकमें विनिमय पत्र के रूप में प्राप्त होती है जिन्हें विदेशी विनिमय बाजार में बेचकर विदेशी मुदा के बदले में स्वदेशी मुद्रा प्राप्त की जाती है। जिस दर पर विदेशी मुद्रा के बदले में स्वदेशी मुद्रा प्राप्त की जाती है, उसी दर पर इस मर्दों की राशि परिवर्तित की जाती है। यदि प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में इस मद के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध हो तो इस मद को परिवर्तित करने की आवश्यकता नहीं होती वरन् प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में दिए गए मूल्य पर ही इसे परिवर्तित मान लिया जाता है।

(8) प्रधान कार्यालय के खाते का शेष (Balance of Head Office Account) – विदेशी शाखा के तलपट की एक मद ‘प्रधान कार्यालय खाता’ होता है। दूसरी तरफ शाखा के साथ व्यवहारों को दर्ज करने के लिए प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में ‘विदेशी शाखा खाता’ खुला होता है । अन्य किसी सूचना में यह मान लिया जाता है कि इन खातों में किसी प्रकार के समायोजन की आवश्यकता नहीं है और ‘प्रधान कार्यालय खाते’ के शेष को विदेशी शाखा खाते की राशि पर परिवर्तित कर लिया जाता है। उदाहरणार्थ यदि न्यूयार्क स्थिति विदेशी शाखा के तलपट में ‘प्रधान कार्यालय खाते’ का शेष 2,200 डॉलर (क्रेडिट) दिया हुआ है और प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में न्यूर्यार्क शाखा खाते का शेष 52,500 रु० डेबिट है तो शाखा के तलपट में दिए गए ‘प्रधान कार्यालय खातें’ के शेष को 52,500 रु० परिवर्तित मान लिया जायेगा ।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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