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लेबलिंग का अर्थ | लेबलों के प्रकार | Labelling in Hindi

लेबलिंग का अर्थ | लेबलों के प्रकार | Labelling in Hindi
लेबलिंग का अर्थ | लेबलों के प्रकार | Labelling in Hindi

लेबलिंग का अर्थ  (Meaning of Labelling )

लेबल वह सूचना होती है जो भौतिक उत्पाद या उसके पैकेज पर लगायी जाती है और उत्पाद की विशेषताओं को बताती है।

विलियम जे० स्टैण्टन के अनुसार, “लेबिल उत्पाद का वह भाग होता है जिस पर उत्पाद या उसके निर्माता या विक्रेता के बारे में मौखिक सूचना दी जाती है। वह पैकेज का एक भाग भी हो सकता है या उसे उत्पाद के साथ प्रत्यक्ष रूप में नत्थी किया जा सकता है।”

मैसन एवं रथ के अनुसार, “लेबिल सूचना देने वाली चिट, लपटने वाला कागज या सील है जो वस्तु या उसके पैकेज से जुड़ी होती है।”

इस प्रकार स्पष्ट है कि लेबिल एक सूचना देने वाली चिट होती है, जो वस्तु या उसके पैकेज के साथ लगी होती है तथा जिस पर वस्तु के बारे में सूचनाएं होती हैं। ये सूचनाएँ लपेटने वाले कागज या सील के रूप में भी हो सकती है।

लेबलों के प्रकार (Types of Labels)

लेबिलों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

1. ब्राण्ड लेबिल (Brand Label)- इस प्रकार के लेबिल पर केवल ब्राण्ड नाम दिया रहता है। यह ब्राण्ड नाम या निर्माता का नाम होता है या कोई शब्द चिन्ह या डिजाइन जैसा होता है। जैसे ब्रुक ब्राण्ड इण्डिया लिo, कोलकाता की चाय पर ब्रुक ब्राण्ड टी रेड लेबिल की चिट लगी रहती है। ऐसे ब्राण्ड लेबिल वस्तु के बारे में पर्याप्त सूचना नहीं देते हैं।

2. वर्ग लेबिल (Grade Label)- वर्ग लेबिल वस्तु की किस्म विशिष्टाताओं के बारे में शब्दों या संख्या द्वारा जानकारी देता है। जैसे सुपर 777 या रिन सुपर, रिन शक्ति, ओमना ग्रेड सी, आन पेज ग्रेड ए आदि वर्ग लेबिल के उदाहरण हैं। वर्ग लेबिल का प्रयोग आसानी एवं निश्चितता के साथ किया जा सकता है। किन्तु ग्राहक इन ग्रेडस के आधार पर किस्म का अन्तर नहीं जान पाते हैं।

3. विवरणात्मक लेबिल (Descriptive Label)- ये वे लेबिल होते हैं जो उत्पाद की विशेषताओं के बारे में छिपी हुई सूचनाएँ देते हैं। इन्हें सूचनात्मक लेबिल भी कहा जाता है। इस प्रकार के लेबिलों पर साधारण तथा इस प्रकार की सूचनाएँ दी जाती हैं (1) वस्तु किन-किन चीजों को मिलाकर बनी है। (2) वस्तु किस प्रकार तैयार की गयी है। (3) वस्तु का प्रयोग किस प्रकार किया जाये। (4) वस्तु किन कार्यों में काम आती है। (5) प्रयोग करते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए। (6) निर्माता का नाम आदि। भारत में अधिकांशतया दवाई बनाने वाली कम्पनियों के द्वारा इस प्रकार के लेबिलों का प्रयोग किया जाता है।

4. संयोजन लेबिल्स (Combination Labels)- ये वे लेबिल होते हैं जो उपर्युक्त वर्णित तीनों प्रकार के लेबिलों के तत्वों को मिलाकर बनाये जाते हैं। वर्तमान में ऐसे लेबिलों का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है।

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Anjali Yadav

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