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पैकेजिंग का अर्थ (packaging kya hai)
पैकेजिंग का अर्थ- उपयुक्त पैकेजिंग एक ऐसी कला एवं विज्ञान है जो उत्पाद के सुरक्षित वितरण एवं उपयोग हेतु कन्टेनर्स और रेपर्स बनाने में तथा उत्पाद को उन कन्टेनर्स अथवा रेपर्स में बन्द करने से सम्बन्ध रखता है। यह वस्तु को सुरक्षा प्रदान कर विक्रय संवर्द्धन में सहायक होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि-
पैकेजिंग वह कला है जिसके द्वारा वस्तु को सुरक्षा प्रदान की जाती है, अपनी वस्तु को अपने उत्पादकों की वस्तु से भिन्नता प्रदान की जाती है तथा ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है।
पैकेजिंग की परिभाषा (packaging ki paribhasha)
स्टेन्टन के अनुसार, “पैकेजिंग को उत्पादन नियोजन की उन सामान्य क्रियाओं के समूह की तरह परिभाषित किया जा सकता है जो किसी वस्तु के लिए लपेटने या खोल का डिजाइन बनाने एवं उसके उत्पादन से सम्बन्धित है।”
डा० आर०एस०डावर के शब्दों में, “ पैकेजिंग वह कला या विज्ञान है जो किसी ‘खोल’ में बन्द करने या खोल को उत्पाद के पैकेजिंग के उपयुक्त बनाने हेतु सामग्रियों, ढंगों और साज-सज्जा के विकास एवं प्रयोग से सम्बन्धित है, जिससे उत्पाद वितरण की विभिन्न अवस्थाओं में गुजरते समय पूर्णतः सुरक्षित रह सके।”
प्रभावी या अच्छे पैकेज के आवश्यक तत्व (Essential elements of effective Package)
एक अच्छे एवं प्रभावी पैकेज हेतु निम्न तत्वों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए-
1. सुरक्षादायी (Protective)- पैकेज तभी अच्छा एवं प्रभावी कहा जा सकता है जबकि वह उत्पाद को आवश्यक सुरक्षा प्रदान कर सके। पैकेज उत्पाद के गुणों एवं मूल तत्वों को सुरक्षित रखने में सक्षम होना चाहिए। उसमें उत्पाद को धूल एवं धुएँ से बचाने की क्षमता होनी चाहिए। वह उत्पाद को छीजने, सूखने, रिसाव होने से बचा पाता हो। वह उत्पाद को स्वच्छा एवं प्रदूषण रहित बनाये रख सकता हो।
2. आकर्षक (Attractive)- उत्पाद का पैकेज आकर्षक भी होना चाहिए। ऐसा पैकेज ही लोगों का ध्यान उत्पाद की ओर आकर्षित कर सकता है। स्वंय सेवी भण्डारों के विस्तार के कारण तो पैकेज में इस तत्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।
3. सुविधाजनक (Covenient)- पैकेज सुविधाजनक भी होना चाहिए। सुविधाजनक पैकेज आसानी से खोला एवं बन्द किया जा सकता है। पैकेज उत्पाद के परिवहन, अन्तरण, हस्तांतरण तथा भण्डारण में भी सुविधाजनक होना चाहिए।
4. रूचिकर (Interesting)- उत्पाद का पैकेज उत्पाद के प्रति रूचि एवं उत्पाद क्रय करने की इच्छा उत्पन्न करने में सक्षम होना चाहिए।
5. स्मरण योग्य (Memorable)- पैकेज का रंग, रूप एवं आकार ऐसा हो जिसे उपभोक्ता लम्बे समय तक याद रख सके।
पैकेजिंग के प्रमुख उद्देश्य (Main Objectives of Packaging)
उत्पाद के पैकेजिंग के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नानुसार हैं-
1. उत्पाद को सुरक्षा प्रदान करना।
2. उत्पाद की गुणवत्ता को संरक्षित करना।
3. उत्पाद की पहचान बनाना।
4. उत्पाद के विक्रय में सुविधा प्रदान करना।
5. उत्पाद के विक्रय संवर्द्धन में योगदान प्रदान करना।
6. ग्राहकों को उत्पाद के उपयोग में सुविधा प्रदान करना।
7. छोटे-छोटे पैकेज में उत्पाद उपलब्ध कराके उपभोक्ता को आवश्यकतानुसार क्रय की सुविधा देना।
8. उत्पाद को खोलने, निकालने तथा बन्द करने में सुविधा प्रदान करना।
9. उत्पाद के व्यक्तित्व या स्तर को ऊँचा उठाना।
10. स्वंय सेवी दुकानों/भण्डारों में ग्राहकों का उत्पादन के प्रति ध्यान आकर्षित करना।
पैकेजिंग की आवश्यकता या उद्देश्य (Objectives or Need of Packaging)
आज के प्रतिस्पर्धी युग में वस्तु को आकर्षित बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किये जाते हैं।
ताकि ग्राहकों की अधिक से अधिक संख्या को आकर्षित किया जा सके। इन प्रयासों में ग्राहकों को वस्तु की ओर खींचकर लाने में पैकेजिंग का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। ग्राहक वस्तु की ओर आकर्षित होकर उसे एक करने के लिए लालायित हों, यह वस्तु के पैकेजिंग पर भी निर्भर करती है। एक अच्छे पैकेजिंग के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1. उत्पाद सुरक्षा (Product Protection)- सुरक्षा पैकजिंग का प्रथम उद्देश्य है। जिससे कि वस्तु धूल-मिट्टी, पानी, नमी, कीड़े-मकोड़े आदि से खराब न हो और उनके गुणों में किसी प्रकार की कमी न हो। वस्तु खुली रहने से उनका रंग फीका पड़ जाता है, उनके गुणों में कमी आ जाती है और कभी-कभी तो वस्तु खुली रहने के कारण वातावरण में मिल जाती है जिसे स्पिरिट, शराब आदि। पैकेजिंग का एक उद्देश्य यह भी है कि वस्तु में किसी प्रकार की मिलावट या चोरी मध्यस्थों द्वारा न की जाये।
2: सुविधा प्रदान करना (To Give Convenience)- पैकजिंग का उद्देश्य सुविधा- प्रदान करना भी है। यह सुविधा वस्तुओं को लाने-ले जाने, उठाने, पकड़ने एवं भण्डारण करने आदि में होती है। अच्छी प्रकार से पैक की हुई वस्तुओं के परिवहन में भी सुविधा रहती है।
3. विक्रय संवर्द्धन (Sales Promotion)- आजकल विक्रय संवर्द्धन भी पैकेजिंग का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य माना जाने लगा है। पैकिटों पर जो लिखा व चित्रित होता है वह विज्ञापन व विक्रय संवर्द्धन का कार्य करता है और उपभोक्ता के पास जब तक उस वस्तु का पैकेजिंग वाला डिब्बा या शीशी या थैला बना रहता है तब तक उसकी वस्तु के बारे में याद दिलाता रहता है।
4. मितव्ययिता (Economy)- पैकेजिंग का उद्देश्य मितव्ययिता प्राप्त करना भी है। जैसे पैकेजिंग के कारण वस्तु रास्ते में खराब नहीं होती और इस प्रकार उसको बदलने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसी प्रकार उसमें छीजन काटने की आवश्यकता नहीं होती है।
5. अन्य उद्देश्य (Other Objectives)- उपर्युक्त के अलावा पैकेजिंग के अन्य उद्देश्य भी हैं – (1) पैकेजिंग वस्तु की छवि में वृद्धि करता है। (2) वस्तु के मूल्य की जानकारी देता है। (3) यह उपभोक्ता को वस्तु की ताजगी की सूचना देता है। (4) वस्तु के उपयोग के बारे में सूचना देता है। (5) यह वस्तु को पहचानने में सहायता प्रदान करता है।
अच्छे पैकेजिंग की विशेषताएँ (Characteristics of a Good Packaging)
एक अच्छे पैकेजिंग में निम्न विशेषताएँ होनी चाहिए-
1. ध्यानाकर्षण (Attention)- एक अच्छे पैकेज में ध्यानाकर्षण का गुण होना चाहिए जिससे कि वह सम्भावित ग्राहकों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित कर सके। जो पैकेजिंग अपने ग्राहकों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाते वे विक्रय में वृद्धि नहीं कर पाते जिससे निर्माता या विक्रेता को अधिक लाभ नहीं हो पाता।
2. रूचि उत्पन्न करना (Interest)- एक अच्छे पैकेज में रूचि उत्पन्न करने की विशेषता भी होनी चाहिए क्योंकि बिना रूचि उत्पन्न किये इच्छा को उत्पन्न नहीं किया जा सकता है। इसके पैकेजों पर वस्तु के प्रयोग से प्राप्त होने वाले लाभों का विवरण लिखा होना चाहिए।
3. इच्छा बनाना (Desire)- इच्छा उत्पन्न करना भी एक अच्छे पैकेजिंग का कार्य है। यह इच्छा वस्तु के गुणों को समझने से पैदा होती है। यहाँ पर इच्छा से आशय वस्तु को क्रय करने की इच्छा से है।
4. कार्यवाही करना (Action)- एक अच्छे पैकेजिंग की प्रमुख विशेषता सम्भावित क्रेताओं के द्वारा वस्तु क्रय करने के लिए कार्यवाही करना है जिससे कि वस्तु को उनके द्वारा क्रय किया जा सके।
5. वस्तु की छवि में वृद्धि (Enhancement in the Image of the Product)- एक अच्छे पैकेजिंग में यह विशेषता भी होनी चाहिए कि वह वस्तु की विशेषताओं में वृद्धि कर वस्तु की छवि में भी वृद्धि करें।
6. स्मरण कराते रहना (Memorization)- वस्तु की बिक्री पूर्ण होने पर पैकेजिंग का कार्य समाप्त नहीं हो जाता बल्कि उसमें स्मरण कराते रहने की विशेषता भी होनी चाहिए जिससे कि वस्तु का पुनः विक्रय भी किया जा सके।
पैकेजिंग के कार्य (Functions of Packaging)
अधिकतर व्यक्ति यहीं समझते हैं कि पैकेजिंग वस्तुओं को केवल सुरक्षा प्रदान करने के लिए होता है, परन्तु यह विचार उपयुक्त नहीं है क्योंकि पैकेजिंग वस्तुओं को केवल सुरक्षा ही प्रदान नहीं करता बल्कि वस्तु के मूल्य में भी वृद्धि करता है तथा उनके विक्रय संवर्द्धन में भी सहायक होता है। पैकेजिंग में निम्न कार्य होते हैं-
1. सुरक्षा (Protection)- पैकेजिंग का प्रमुख कार्य उत्पादित वस्तु को टूटने-फूटने, गलने सड़ने, कीड़े मकोड़ों आदि से बचाना है।
2. सुविधा (Convenience)- पैकेजिंग उत्पाद को इस योग्य बनाता है ताकि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर मध्यस्थों तथा उपभोक्ताओं तक सुविधा से पहुँचाया जा सके।
3. परिचय (Identification)- जब विभिन्न निर्माताओं द्वारा एक ही वस्तु का निर्माण किया जाता है तो अपनी वस्तु की अलग पहिचान के लिए भी पैकेजिंग विशेष रूप से सहायक होता है। पैकेजिंग अपने अलग रंग, रूप, आकार आदि के द्वारा अपना परिचय देता है।
4. भण्डार (Storage)- वस्तुओं का उचित रूप से भण्डार करने के लिए भी पैकेजिंग किया जाता है ताकि स्टोर में रखने में सुविधा तथा सुरक्षा दोनों ही प्राप्त हो सके और जगह भी कम ही प्रयोग हो ।
5. विज्ञापन ( Advertisement) – आकर्षक पैकेजिंग के कारण ग्राहक स्वयं ही उसकी ओर आकर्षित होकर उसके बारे में पूछताछ करते हैं। इस प्रकार अच्छा पैकेज उत्तम विज्ञापन तथा विक्रय संवर्द्धन का कार्य भी करता है।
6. अधिक लाभ (More Profits)- यदि पैकेजिंग मजबूत तथा आकर्षक हो तो ग्राहकों से उत्पाद की ऊँची कीमतें प्राप्त करके लाभों में वृद्धि की जा सकती है।
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