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एक आदर्श वित्तीय विवरण की विशेषताएँ (Charactrstics of an Ideal Financial Statement)
वित्तीय विवरणों को आदर्श कहलाने हेतु निम्नलिखित गुणों का उनमें समावेश होना आवश्यक है-
1. सरलता (Easiness)
वित्तीय विवरण ऐसे होने चाहिए जो आसानी से तैयार किये जा सकें। इसमें गणना 1 से कम की जानी चाहिए क्योंकि अत्यधिक गणना किये जाने से विवरण की जटिलता बढ़ जाती है। इसके अलावा इसका आकार भी बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए अन्यथा समझने में दिक्कत हो सकती है।
2. शुद्धता (Accuracy)
वित्तीय विवरण सही आँकड़ों से निर्मित होना चाहिए, ताकि अध्ययनकर्ता अध्ययन के पश्चात् व्यवसाय के सम्बन्ध में सही जानकारी प्राप्त कर सकें।
3. शीघ्रता (Promptness)
वित्तीय विवरणों को वर्ष समाप्त होते ही प्रकाशित कर देना चाहिए ताकि व्यवसाय के सम्बन्ध में जानकारी शीघ्र हो जाए एवं आवश्यकतानुसार उसमें परिवर्तन सही समय पर लाया जा सके।
4. वोधगम्य (Intelligible)
वित्तीय विवरण स्पष्ट व बोधगम्य होना चाहिए। इनकी तैयारी इस ढंग से की जानी चाहिए कि एक साधारण व्यक्ति भी समझ सके। ऐसा नहीं कि विवरण मात्र लेखाशास्त्री द्वारा ही समझा जा सके। जहां तक हो सकें, सरल भाषा प्रयुक्त की जानी चाहिए।
5. पूर्णता (Completeness)
व्यवसाय की सही जानकारी के लिए आवश्यक है कि विवरण-पत्र अपने आप में पूर्ण होने चाहिए अन्यथा विवरण-पत्र अपने महत्व को खो देंगे क्योंकि ऐसा उनका अध्ययन कर किसी निष्कर्ष पर जाना सम्भव नहीं हो सकेगा। हाँ, यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि ये अनावश्यक बड़े नहीं हो जायें।
6. अनुरूपता (Relevance)
वित्तीय विवरण व्यवसाय के उद्देश्य के अनुरूप होना चाहिए इसके लिए आवश्यक है कि इसका निर्माण करते समय मात्र सम्बन्धित आँकड़े ही होने चाहिए, असम्बन्धित आँकड़ों को छोड़ देना चाहिए।
7. आकर्षक (Attractive)
वित्तीय विवरण इस ढंग से तैयार किये जाने चाहिए जो देखने में आकर्षक हो। उसके लिए महत्वपूर्ण तथा आकर्षक स्याही से रंखाकिंत (अण्डरलाइन) कर दिये जाने चाहिए।
8. अनुसूचियों का प्रयोग (Use of Schedules)
यदि किसी मद के सम्बन्ध में विस्तृत सूचना देनी हो तो उसके लिए अनुसूचियों का भी प्रयोग किया जाना चाहिए।
9. तुल्यता (Comparability)
वित्तीय विवरण ऐसे होने चाहिए, ताकि इनकी तुलना दूसरे विवरणों से की जा सके। वित्तीय विवरणों में तुल्यता के लिए आवश्यक है कि इनके स्वरूप में एकरूपता बनी रहे।
वित्तीय विवरण के उद्देश्य (Objective of Financial Statements)
वित्तीय विवरणों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक निर्णय लेने हेतु उपयोगी सूचनाएँ प्रदान करना तथा व्यवसाय की वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित करना है। संक्षेप में, इसके उद्देश्य निम्नांकित हैं-
1. सूचना प्रदान करना (To Provide Information)
व्यावसायिक लेन-देन तथा अन्य घटनाओं के सम्बन्ध में सूचना प्रदान करना वित्तीय विवरण का उद्देश्य है, ताकि संस्था की लाभार्जन शक्ति का अनुमान, तुलना व मूल्यांकन किया जा सके।
2. अर्जन शक्ति का ज्ञान (Knowledge of Earning Capacity)
प्रबन्ध को संस्था की अर्जन शक्ति का भावी अनुमान लगाने तथा मूल्यांकन करने हेतु आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करना।
3. रोकड़-प्रवाह की जानकारी (Knowledge of Cash-flow Statement)
लेनदारों व विनियोजकों के सम्बन्ध में रोकड़ प्रवाह का भावी अनुमान लगाने, तुलना करने तथा मूल्यांकन के लिए आवश्यक सूचना प्रदान करना।
4. प्रबन्धकीय योग्यता की मूल्यांकन (Evaluation of Managerial Ability)
संस्था के महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संस्था के साधनों का प्रबन्ध द्वारा प्रभावपूर्ण ढंग से प्रयोग करने सम्बन्धी आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करना।
5. वित्तीय पूर्वानुमान (Financial Forecasting)
भविष्य सूचक प्रक्रिया के लिए आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करना तथा भावी अनुमानों की विश्सनीयता को बढ़ाने के वित्तीय पूर्वानुमान प्रदान करना।
6. समाज को प्रभावित करने वाली क्रियाओं का ज्ञान (Knowledge of Activities affecting the Society)
संस्था की उन क्रियाओं के बारे में सूचित करना जो समाजिक वातावरण में संस्था की भूमिका के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा जिनका प्रभाव समाज पर पड़ता है।
7. वित्तीय क्रियाओं का विवरण (Statement of Financial Activities)
संस्था की लाभर्जन शक्ति का भावी अनुमान, मूल्यांकन तथा तुलना हेतु वित्तीय क्रियाओं का विवरण प्रस्तुत करना।
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