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हर्जबर्ग का अभिप्रेरणा आरोग्य सिद्धांत (Theories of Herzberg in Hindi)
हर्जबर्ग का अभिप्रेरणा आरोग्य सिद्धांत- हर्जबर्ग और उसके साथियों ने सन् 1950वें दशक के अन्त में यू. एस. ए. के 200 लेखाकार व इंजीनियरों के साक्षात्कार के आधार पर अभिप्रेरणा- आरोग्य सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस सिद्धांत को द्विघटकीय सिद्धांत (Two factor theory) के नाम से भी जाना जाता है।
हर्जबर्ग ने अपने अध्ययन में यह पाया कि किसी भी उपक्रम में व्यक्तियों की आवश्यकताओं को प्रभावित करने वाले दो स्पष्ट घटक वर्ग होते हैं जिन्हें आरोग्य घटक (Hygiene factors) तथा अभिप्रेरणा घटक (Motivation factors) कहते हैं। आरोग्य घटक बाह्य वातावरण से सम्बन्धित होते हैं तथा वे कार्य की असंतुष्टता को धीरे-धीरे कम करके समाप्त कर देते हैं और उसके उपरान्त अभिप्रेरणा घटक कार्य संतुष्टि प्रदान करने या कार्य में रुचि पैदा करने में सहायक बनते हैं। ये घटक स्वयं कार्य से ही सम्बन्ध रखते हैं। इस प्रकार आरोग्य घटकों के बाद अभिप्रेरणा घटकों को प्रयोग में लाया जाता है ताकि कार्य असंतुष्टि को समाप्त कर उसमें संतुष्टि पैदा की जा सके।
आरोग्य घटकों में मुख्यतया वेतन व अन्य मौद्रिक लाभ, सुरक्षा, कार्य दशाएं, पर्यवेक्षक व उससे सम्बन्ध तथा कम्पनी नीति व प्रशासन को सम्मिलित किया जाता है। ये घटक कर्मचारियों में कार्य असंतोष को कम करके समाप्त कर देते हैं। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इन घटकों को लागू न करने पर कर्मचारियों में असंतोष उत्पन्न होता है, परन्तु ये घटक कार्य प्रेरक नहीं होते अर्थात् अभिप्रेरणा पैदा नहीं करते। इन घटकों से उत्पादकता या कार्यक्षमता में वृद्धि नहीं होती, परन्तु कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
अभिप्रेरणा घटकों (Motivation Factors) में मुख्यतया कार्य की प्रकृति, निर्वहनीय दायित्व, कार्य का चुनौतीपूर्ण होना, कार्य से ख्याति प्राप्ति की आशा, संस्था में विकास तथा आगे बढ़ने के अवसर, आदि को सम्मिलित किया जाता है। ये घटक व्यक्ति की कार्य संतुष्टि में वृद्धि करके उसे कार्य के लिए अभिप्रेरित करते हैं और इस प्रकार कर्मचारियों की कार्यक्षमता तथा उत्पादकता में वृद्धि करने में सहायक होते हैं। ये सभी घटक स्वयं कार्य से सम्बन्धित होते हैं। ये बाह्य, भौतिक, प्रशासकीय या सामाजिक वातावरण से सम्बन्धित नहीं होते।
हर्जबर्ग द्वारा प्रतिपादित इन घटकों को निम्न रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है।
हर्जबर्ग द्वारा प्रतिपादित घटक
आरोग्य घटक (Hygiene factors) | अभिप्रेरणा घटक (Motivation Factors) |
बाह्य वातावरण से सम्बन्धित कार्य संतुष्टि की समाप्ति के लिए1. वेतन
2. मौद्रिक लाभ 3. सुरक्षा (Security) 4. कार्य दशाएं 5. पर्यवेक्षक 6. कम्पनी प्रशासन व नीतियां |
कार्य (Job) से सम्बन्धित कार्य संतुष्टि उत्पन्न करने के लिए1. कार्य स्वयं
2. निर्वहनीय दायित्व 3. चुनौतीपूर्ण कार्य 4. कार्य से अर्जित होने वाली ख्याति 5. लक्ष्य प्राप्ति के अवसर 6. वैयक्तिक विकास तथा पदोन्नति |
अभिप्रेरणा-आरोग्य सिद्धांत की आलोचनाएं (Criticisms of Motivation-Hygiene Theory)
विभिन्न विद्वानों ने हर्जबर्ग के अभिप्रेरणा- आरोग्य सिद्धांत की निम्न आधारों पर आलोचना की है:
(1) यह सिद्धांत उच्च पदस्थ प्रबन्धकीय स्तर के लोगों पर लागू होता है, परन्तु शारीरिक श्रम करने वाले मजदूरों पर नहीं, क्योंकि मजदूर वर्ग को प्रेरणात्मक मजदूरी देकर अधिक कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जबकि हर्जबर्ग मजदूरी या वेतन को अभिप्रेरणा घटकों में सम्मिलित नहीं करते।
(2) यह सिद्धांत व्यक्तियों के निष्पादन स्तर (Performance level) की अपेक्षा कार्य संतुष्टिं या असंतुष्टि पर अधिक जोर देता है जो इसे अव्यावहारिक बनाते हैं।
(3) हर्जबर्ग द्वारा प्रतिपादित आरोग्य घटकों का वर्गीकरण यथार्थता से दूर हैं। वास्तव में, इनमें से कुछ घटक जैसे वेतन, मौद्रिक लाभ व कार्य दशाएं अभिप्रेरणा भी प्रदान करते हैं। इन कमियों के बावजूद भी हर्जबर्ग का यह सिद्धांत प्रबन्धकीय पदों पर कार्यरत व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययन करने तथा उन्हें आवश्यकतानुसार अभिप्रेरक प्रदान करने के रूप में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
मैस्लो तथा हर्जबर्ग के सिद्धांतों की तुलना (COMPARISON OF MASLOW AND HERZBERG MODELS)
यदि मैस्लो के आवश्यकताओं की क्रमबद्धता के सिद्धांत तथा हर्जबर्ग के अभिप्रेरणा आरोग्य सिद्धांत की तुलना करें तो इनमें निम्न समानताएं तथा भिन्नताएं दिखती हैं:
समानताएं (Similarities)
(1) जहां मैस्लो का सिद्धांत आवश्यकताओं को चिह्नित करने में सहायक है वहीं हर्जबर्ग का सिद्धांत इन आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के लिए पुरस्कार व प्रेरकों का ज्ञान कराता है।
(2) मैस्लो की प्रथम तीन आवश्यकताओं को हर्जबर्ग के आरोग्य घटक तथा अन्तिम दो आवश्यकताओं को हर्जबर्ग के अभिप्रेरणा घटक संतुष्ट करते हैं।
भिन्नताएं (Differences)
(1) मैस्लो का सिद्धांत मानवीय आवश्यकताओं के सन्दर्भ में प्रतिपादित किया गया है, जबकि हर्जबर्ग का सिद्धांत पुरस्कार तथा लक्ष्यों के सन्दर्भ में प्रतिपादित किया गया है।
(2) मैस्लो के अनुसार प्रत्येक आवश्यकता की संतुष्टि उसे अभिप्रेरित करती है, परन्तु हर्जबर्ग के अनुसार केवल प्रेरक घटक ही अभिप्रेरित करते हैं, आरोग्य घटक तो मात्र संतुष्टि प्रदान करते हैं, जबकि मैस्लों की प्रथम तीन आवश्यकताएं आरोग्य घटक से सम्बन्धित हैं।
वास्तव में, हर्जबर्ग का सिद्धांत मैस्लो के सिद्धांत का विस्तार मात्र है यद्यपि कुछ लोग इसे मैस्लो के सिद्धांत पर एक सुधार मानते हैं, क्योंकि इसमें कार्य-अभिप्रेरणा को अधिक वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। वैसे दोनों सिद्धांत एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं।
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