Contents
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 वह चिड़िया जो
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 वह चिड़िया जो कविता सारांश, सप्रसंग व्याख्या is part of NCERT Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 वह चिड़िया जो.
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 6 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 1 |
Chapter Name | वह चिड़िया जो |
Number of Questions Solved | 25 |
Category | NCERT Solutions |
Vah Chidiya Jo Poem Summary- वह चिड़िया जो कविता
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर
रस उंँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी ग़रबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो कविता का सारांश
प्रस्तुत कविता में कवि केदारनाथ अग्रवाल ने नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया के बारे में बताया है जो दूध भरे जुंडी के दाने खाकर खुश व संतुष्ट हो जाती है। जिसे अन्न से प्यार है। यह छोटी चिड़ियों बूढ़ें वन बाबा को खुश करने के लिए अपने छोटे से मुँह से पूरा रस उड़ेल कर कंठ खोलकर गाती है। उस मुँह बोली चिड़िया को एकांत से भी प्यार है। यह छोटी गर्वीली चिड़िया उफनती नदी का दिल टटोल कर जल रूपी मोती अपनी चोंच से ले जाती है।
वह चिड़िया जो कविता सप्रसंग व्याख्या तथा अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
1. वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है।
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ।
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
शब्दार्थ : रुचि= इच्छा (desire, wish)। अन्न= अनाज(grain)| संतोषी = थोड़े में संतुष्ट (contented, pesson)। जुंडी = जौ और बाजरे की बालियाँ (ears of cereal)।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग- 1’ में संकलित ‘वह चिड़िया जो’ नामक कविता से ली गई है। इसके कवि ‘श्री केदारनाथ अग्रवाल’ है। इन पंक्तियों में नीले पंखों वाली छोटी चिड़िया के बारे में बताया गया है जो कवि के मन को मोह लेती है।
व्याख्या : कवि का कहना है कि वह छोटी सी चिड़िया जो अपनी चोंच मार-मार कर दूध के समान भरे हुए जुंडी के दाने बड़े ही चाव और आनंद के साथ खाती है। उस चिड़िया का कहना है कि वह बड़ी सब्र वाली, नीले पंखों वाली चिड़िया मैं ही हूँ। मुझे अनाज बहुत अच्छा लगता है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर-
(क) कवि और कविता का नाम बताओ ।
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल
कविता ‘वह चिड़िया जो’।
(ख) चिड़िया क्या खाती है ?
उत्तर- चिड़िया दूध भरे जुंडी के दाने बड़े ही शौक व आनंद से खाती है।
(ग) इस छोटी सी चिड़िया को क्यों कहा गया है ?
उत्तर- इस छोटी-सी चिड़िया को संतोषी चिड़िया इसलिए कहा गया है क्योंकि वह थोड़े से जुंडी के दाने खाकर बड़े सब्र और आनंद से रहती है। संतुष्ट हो जाती है।
(घ) चिड़िया को किससे प्यार है ?
उत्तर- चिड़िया को अन्न से प्यार है।
2. वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन-बाबा की ख़ातिर
रस उंँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुंँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
शब्दार्थ : कंठ = गला (throat)। खातिर = के लिए (for)। विजन = एकांत, निर्जन स्थान (Solitude) । उँडेल = गिराना (pour)।
प्रसंग : इन पंक्तियों में चिड़िया के मधुर गान के बारे में बताया गया है।
व्याख्या : कवि उस चिड़िया के मधुर गान के बारे में बताते हुए कहते हैं कि वह छोटी-सी चिड़िया जो अपना पूरा सुर निकाल कर बूढ़े वन बाबा के लिए गाती है। वह अपने मीठे स्वर से वन में पूरा रस उँडेल देती है। मीठे स्वर में गाने वाली वह छोटे-से मुँह वाली, नीले पंखों वाली चिड़िया मैं हूँ। मुझे जंगल से बहुत प्यार है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर-
(क) चिड़िया कंठ खोलकर किसके लिए गाती है?
उत्तर- चिड़िया कंठ खोलकर बूढ़े वन-बाबा के लिए गाती है।
(ख) ‘रस उँडेल कर गा लेती है’- पंक्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- इस पंक्ति से अभिप्राय है कि वह छोटी-सी नीले पंखों वाली चिड़िया अपनी मधुर आवाज़ में गाती है।
(ग) चिड़िया के पंखों का रंग क्या है ?
उत्तर- चिड़िया के पंखों का रंग नीला है।
(घ) चिड़िया किस स्वर में वन बाबा के लिए गाती है।
उत्तर- चिड़िया मीठे स्वर में वन बाबा के लिए गाती है। चढ़ी नदी का दिल टटोल कर जल का मोती ले जाती है। वह छोटी गरबीली चिड़िया नीले पंखों वाली मैं हूँ मुझे नदी से बहुत प्यार है।
3. वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी ग़रबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूंँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
शब्दार्थ : टटोल कर= ढूँढ़कर (searching)। गरबीली = गर्व करने वाली (proud)।
प्रसंग : इन पंक्तियों में कवि ने एक नन्ही चिड़िया के बारे में बताया है।
व्याख्या: कवि का कहना है कि चिड़िया अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वह छोटी-सी चिड़िया, जो भरी नदी में चोंच मारकर नदी का दिल टटोलकर जल में से मोती ले जाती है। नदी का जल मोती के समान शुद्ध व निर्मल होता है। वह छोटी-सी गर्व से जीने वाली चिड़िया, जिसके नीले पंख हैं, मैं ही हूँ और मुझे नदी से बहुत प्यार है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर-
(क) उस चिड़िया को गरबीली क्यों कहा गया है?
उत्तर- वह छोटी-सी चिड़िया अपने सादे जीवन पर गर्व करती है इसलिए उसे गरबीली (गर्वीली) कहा गया है।
(ख) चिड़िया को किससे प्यार है ?
उत्तर- चिड़िया को नदी से प्यार है।
(ग) चिड़िया किस का दिल टटोलती है ?
उत्तर- चिड़िया नदी का दिल टटोलती है।
(घ) चिड़िया नदी से क्या ले जाती है ?
उत्तर- चिड़िया नदी से जल का मोती ले जाती है।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 वह चिड़िया जो
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।
उत्तर- कविता पढ़कर हमारे मन में निम्नलिखित चित्र उभरते हैं-
- वह नीले पंखोंवाली सुंदर चिड़िया है।
- चिड़िया मधुर स्वर में जंगल में गाती है।
- वह बहती नदी का पानी पीती है।
- चिड़िया का आकार छोटा है।
- उसे आज़ादी बहुत पसंद है।
प्रश्न 2. तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।
उत्तर- ‘नन्ही चिड़िया’, ‘सुंदर चिड़िया’ या ‘परिश्रमी चिड़िया’
प्रश्न 3. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?
उत्तर-
इस कविता के आधार पर ज्ञात होता है कि चिड़िया को दूध भरे अनाज के दानों, नदी तथा जंगल से प्यार है। चिड़िया जुडी के दाने एवं अन्य अनाज के दानों को खाना पसंद करती है। इस चिड़िया को गीत गाना पसंद है। जंगल से इसे बहुत प्यार है। यह नदी से भी बहुत प्यार करती है।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट करो
(क) रस उँडेलकर गा लेती है।
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है।
उत्तर-
(क) चिड़िया जंगल में जब अकेली होती है, तब वह बिना किसी डर और संकोच के उन्मुक्त भाव से गाती है। वह मधुर स्वर में गाती है। उसके स्वर की मधुरता वातावरण में रस घोल देती है।
(ख) छोटी चिड़िया चढ़ी हुई नदी से बिलकुल भी नहीं घबराती है। वह उफनती नदी के बीच से अपनी चोंच में पानी की बूंद लेकर उड़ जाती है। यानी लबालब भरी नदी की जलराशि का अनुमान लगाकर उस जलराशि में से जल का मोती निकाल लाती है अर्थात उसी पानी से चिड़िया अपनी प्यास बुझाती है, इसीलिए पानी मोती की तरह अमूल्य है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन सी चिड़िया रही होगी? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी-विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक ‘भारतीय पक्षी’ देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी-
नीलकंठ
छोटा किलकिला
कबूतर
बड़ा पतरिंगा
उत्तर-
इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद नीलकंठ रही होगी, क्योंकि उसके शरीर के ज्यादातर भाग का रंग नीला आकार छोटा तथा आवाज़ मीठी होती है।
प्रश्न 2.
नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो, कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है। जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।
- मैना
- कौआ
- बैतखे
- कबूतर
उत्तर-
- मैना- मैना के पंख भूरे व सफ़ेद रंग के होते हैं। उनकी टाँगें हलकी लाल होती हैं।
- कौआ- कौआ का पूरा शरीर काला होता है।
- बतख- बतख सफ़ेद रंग का होता है। इसके पैर हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।
- कबूतर- कबूतर का रंग स्लेटी सफ़ेद होता है। गरदन कुछ-कुछ नीले रंग की होती है। इसकी टाँगे लाल होती हैं।
प्रश्न 3.
कविता का हर बंध ‘वह चिड़िया जो-‘ से शुरू होता है और मुझे बहुत प्यार है’ पर खत्म होता है। तुम भी इन। पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।
उत्तर-
वह चिड़िया जो
चींची करके
सबका मन बहलाती है।
नील गगन की सीमा पाने
पंख पसारे उड़ जाती है।
अपना घर बनाने के लिए।
घास के तिनके लाती है।
वह परिश्रमी चिड़िया सबको
परिश्रम का पाठ सिखाती है।
प्रश्न 4.
तुम भी ऐसी कल्पना कर सकते हो कि ‘वह फूल का पौधा जो-पीली पंखुड़ियों वाला-महक रहा है, मैं हूँ। उसकी विशेषताएँ मुझ में हैं …। फूल के बदले वह कोई दूसरी चीज़ भी हो सकती है जिसकी विशेषताओं को गिनाते हुए तुम उसी चीज़ से अपनी समानता बता सकते हो … ऐसी कल्पना के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर-
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पंखोंवाली चिड़िया
नीले पंखोंवाली चिड़िया
ऊपरवाली दराज
सबसे ऊपरवाली दराज़
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज संज्ञाओं की विशेषताएँ बता रहे हैं, अतः | रेखांकित शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो।
……. मोरोंवाला बाग
………….. पेड़ोंवाला घर।
…………… फूलोंवाली क्यारी
…………. स्कूलवाला रास्ता।
…………. हँसनेवाला बच्चा
………… मूंछोंवाला आदमी।
उत्तर-
सुनहरे मोरोंवाला बाग-सुनहरे मोरोंवाली बाग
हरे-भरे पेड़ोंवाला बाग-हरे-भरे पेड़ोंवाला बाग
पीले फूलोंवाली क्यारी-पीले फू लोंवाली क्यारी
महात्मा गांधी स्कूलवाला रास्ता महात्मा गांधी स्कूलवाला रास्ता
अधिक हँसनेवाला बच्चा-अधिक हँसनेवाला बच्चा।
घनी-मूछोंवाला आदमी-घनी मूछोंवाला आदमी
प्रश्न 2.
वह चिड़िया ………….. जुडी के दाने रुचि से …….. खा लेती है।
वह चिड़िया …………… रेस उँडेलकर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में रुचि से खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस उँडेलकर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये दोनों क्रियाविशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण शब्द छाँटो..
- सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
- गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
- भूकंप के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा।
- कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प-से आँगन में गिरी।
- टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।
- तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
- आज अचानक ठंड बढ़ गई है।
उत्तर-
- जल्दी-जल्दी
- लुढ़कती हुई।
- धीरे-धीरे
- धप्प से
- फुर्ती से
- सहमकर
- अचानक
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) चिड़िया आनंदपूर्वक क्या खाती है?
(i) दूध भरे गेहूँ के दाने
(ii) दूध भरे मक्का के दाने
(iii) दूध भरे ज्वार के दाने
(iv) दूध भरे धान
(ख) चिड़िया के पंख के रंग कैसे हैं?
(i) लाल
(ii) पीले
(iii) नीले
(iv) काले
(ग) चिड़िया को पसंद है-
(i) फल
(ii) सब्ज़ी
(iii) अनाज़ के दाने
(iv) मिठाई
(घ) चिड़िया किसके लिए गाती है?
(i) नदियों के लिए
(ii) संगीत प्रेमियों के लिए
(iii) जंगल के लिए।
(iv) अपने मित्र के लिए
(ङ) चिड़िया को किन चीज़ों से प्यार है?
(i) नदी से
(ii) जंगल से
(iii) अन्न से
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(क) (iii)
(ख) (iii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चिड़िया के पंख किस रंग के हैं?
उत्तर-
चिड़िया के पंख नीले रंग के हैं।
प्रश्न 2.
चिड़िया कहाँ से मोती ले जाती है?
उत्तर-
चिड़िया नदियों के उफनते जल से मोती ले जाती है।
प्रश्न 3.
चिड़िया किसके दाने खाती है?
उत्तर-
चिड़िया जुडी के दाने खाती है।
प्रश्न 4.
अनाज के दाने किससे भरे हुए हैं?
उत्तर-
अनाज के दाने दूध से भरे हुए हैं।
प्रश्न 5.
चिड़िया का स्वभाव कैसा है?
उत्तर-
चिड़िया का स्वभाव संतोषी है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कविता के आधार पर चिड़िया के स्वभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इस कविता में नीले पंखोंवाली एक छोटी-सी चिड़िया का वर्णन है। इस चिड़िया का स्वभाव संतोषी है। थोड़े से दाने इसके लिए पर्याप्त हैं। यह मुँह बोली है। यह एकांत में उमंग से गाती है। यह गरबीली भी है। इसे अपने साहस और हिम्मत पर गर्व है।
प्रश्न 2.
चिड़िया किससे प्यार करती है और क्यों?
उत्तर-
इस छोटी चिड़िया को अन्न से प्यार है। यह जुडी के दाने बड़े मन से खाती है। उसे विजन से प्यार है। उसे नदी से भी प्यार है। एकांत जंगल में वह मधुर स्वर में गाती है। वह उफनती नदी की बीच धारा से जल की बूंदें अपनी चोंच में लेकर उड़ जाती है।
प्रश्न 3.
चिड़िया अपना जीवन कैसे व्यतीत करती है?
उत्तर-
चिड़िया अपना जीवन प्रेम, उमंग और संतोष के साथ व्यतीत करती है। वह सबसे प्रेम करती है। एकांत में भी उमंग से रहती है। वह संतोषी है। वह थोड़े में ही संतोष करती है। आजाद होने की वजह से वह मीठे स्वर में गाती है। उसका स्वर बहुत मीठा है। वह गाते और उड़ते हुए अपना पूरा जीवन व्यतीत करती है।
प्रश्न 4.
चिड़िया के गायन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
वह छोटी चिड़िया खुले गले से बहुत ही मीठी आवाज़ में गाती है, उसके गाने वातावरण में रस घोल देते हैं। वह अपने गीत जंगल को समर्पित कर देती है।
प्रश्न 5.
चिड़िया के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर-
कवि चिड़िया के माध्यम से खुशी से जीने का संदेश हमें देते हैं। चिड़िया के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि हमें थोड़े में ही संतोष करना चाहिए। इस कविता में अकेले रहकर भी उमंग से जीने का संदेश दिया गया है। इसके साथ ही कवि हमें बताते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें साहस नहीं खोना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को भी पहचानना चाहिए।
Important Link…
- अधिकार से आप क्या समझते हैं? अधिकार के सिद्धान्त (स्रोत)
- अधिकार की सीमाएँ | Limitations of Authority in Hindi
- भारार्पण के तत्व अथवा प्रक्रिया | Elements or Process of Delegation in Hindi
- संगठन संरचना से आप क्या समझते है ? संगठन संरचना के तत्व एंव इसके सिद्धान्त
- संगठन प्रक्रिया के आवश्यक कदम | Essential steps of an organization process in Hindi
- रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi
- संगठन संरचना को प्रभावित करने वाले संयोगिक घटक | contingency factors affecting organization structure in Hindi
- रेखा व कर्मचारी संगठन से आपका क्या आशय है ? इसके गुण-दोष
- क्रियात्मक संगठन से आप क्या समझते हैं ? What do you mean by Functional Organization?