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केन्द्रीय स्तर पर शिक्षा प्रशासन | EDUCATIONAL ADMINISTRATION AT CENTRAL LEVEL

केन्द्रीय स्तर पर शिक्षा प्रशासन | EDUCATIONAL ADMINISTRATION AT CENTRAL LEVEL
केन्द्रीय स्तर पर शिक्षा प्रशासन | EDUCATIONAL ADMINISTRATION AT CENTRAL LEVEL

केन्द्रीय स्तर पर शिक्षा प्रशासन | EDUCATIONAL ADMINISTRATION AT CENTRAL LEVEL

स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने स्वयं को लोकतन्त्रात्मक गणराज्य घोषित किया और आर्थिक क्षेत्र में समाजवादी व्यवस्था को अपनाया। इस क्षेत्र में प्रस्तावित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए देश के कर्णधारों ने पंचवर्षीय योजनाओं का नियोजन किया। उन्होंने यह अनुभव किया कि शिक्षा के अभाव में न तो लोकतन्त्र सफल हो सकता है और न आर्थिक समृद्धि ही प्राप्त की जा सकती है। इसलिए उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं में शिक्षा को भी स्थान दिया। तृतीय पंचवर्षीय योजना की रूपरेखा में यह घोषित किया “मनुष्य मशीनों को अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है इसलिए भौतिक योजनाओं की अपेक्षा मनुष्य के लिए विनियोजन (Investment) करना अधिक महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार हमारे देश के योजना बनाने वालों ने यह अनुभव किया कि जनता की आर्थिक दशा को सुधारने एवं लोकतन्त्र की दिशा में किये जाने वाले महान् प्रयोग की सफलता केवल शिक्षा द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा को व्यक्ति एवं समाज-दोनों की प्रगति के लिए परमावश्यक समझ कर राष्ट्र के कर्णधारों ने उसकी प्रगति के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाने के प्रयास किए।

केन्द्र में शिक्षा का प्रशासन (EDUCATIONAL ADMINISTRATION AT CENTRE)

1947 ई. में भारत स्वतन्त्र हुआ। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद 1945 ई. में केन्द्र में स्थापित शिक्षा विभाग (Department of Education) को शिक्षा मन्त्रालय में परिवर्तित कर दिया गया। 1957 ई. में शिक्षा मन्त्रालय के साथ वैज्ञानिक अनुसन्धान को और जोड़ दिया गया। 1958 ई. में इस मन्त्रालय को दो भागों (अ) शिक्षा मन्त्रालय (Ministry of Education) तथा (ब) वैज्ञानिक अनुसन्धान एवं सांस्कृतिक मामलों का मन्त्रालय (Ministry of Scientific Research and Cultural Affairs) में विभक्त किया गया। 1963 ई. में इन दोनों मन्त्रालयों को जोड़ दिया गया जिसे दो भागों-(अ) शिक्षा विभाग (Department of Education) तथा (ब) विज्ञान विभाग (Department of Science) में विभक्त किया गया। 1967-68 ई. में इस मन्त्रालय को पुनः गठित किया गया और इसमें निम्न ब्यूरोज को स्थान दिया गया—

1. सांस्कृतिक क्रियाओं का ब्यूरो (Bureau of Cultural Activities),

2. ब्यूरो ऑफ प्लानिंग एण्ड कोरडीनेशन (Bureau of Planning and Coordination).

3. ब्यूरो ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (Bureau of Adrninistration),

4. ब्यूरो ऑफ जनरल एजूकेशन (Bureau of General Education),

5. ब्यूरो ऑफ टेक्नीकल एजूकेशन (Bureau of Technical Education),

6. ब्यूरो ऑफ स्कॉलरशिप एण्ड यूथ सर्विसेज (Bureau of Scholarship and Youth Services),

7. ब्यूरो ऑफ लैंग्वेज एण्ड बुक प्रमोशन (Bureau of Langua and Book Promotions) |

26 सितम्बर, 1985 को मानव संसाधन विकास नामक नवीन मन्त्रालय का सृजन किया गया। इस मन्त्रालय में निम्नांकित विभाग हैं-

1. शिक्षा विभाग (Department of Education),

2. संस्कृति विभाग (Department of Culture).

3. कला विभाग (Department of Arts),

4. युवा कार्य व खेल विभाग (Department of Youth Affairs and Sports).

5. महिला व बाल विकास विभाग (Department of Women and Child Care) |

संगठनात्मक संरचना (Organizational Structure) – शिक्षा विभाग मानव संसाधन विकास मनत्रालय का एक घटक है जिसका पूर्ण नियन्त्रण मानव संसाधन विकास मन्त्री के अधीन है। शिक्षा और सांस्कृतिक उपमन्त्री उनकी सहायता करता है। सचिवालय का नेतृत्व शिक्षा सचिव (Education Secretary) द्वारा किया जाता है जिसको अपर सचिव (Additional Secretary) सहयोग देते हैं। यह विभाग ब्यूरो, प्रभागों, शाखाओं, डेस्कों, अनुभागों तथा एककों में संगठित है। प्रत्येक ब्यूरो एक संयुक्त सचिव/संयुक्त शिक्षा सलाहकार (Joint Secretary / Joint Educational Advisor) के प्रभार में होता है जिसे प्रभागीय प्रमुख सहयोग दोते हैं। विभाग के संगठन को पृथक् रूप से संगठन चार्ट में दर्शाया जा रहा है जो कि संलग्न है।

शिक्षा विभाग के अन्तर्गत निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण अधीनस्थ कार्यालय हैं-

1. प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय,

2. केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय,

3. वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग,

4. उर्दू प्रोन्नति ब्यूरो,

5. केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान।

उपर्युक्त कार्यालयों के अतिरिक्त शिक्षा विभाग से निम्नलिखित स्वायत्त संगठन सम्बन्धित हैं—

1. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (National Council of Educational Research and Training).

2. राष्ट्रीय शैक्षिक आयोग तथा प्रशासन संस्थान (National Institute of Educational Planning and Administration NIEPA);

3. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission).

4. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (All India Council of Technical Education AICTE),

5. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् (National Council of Teacher Education- NCTE) |

निम्नलिखित संस्थाएँ उच्चतर सैक्षिक अनुसन्धान के लिए कार्य कर रही हैं—

1. भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला,

2. भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली,

3. भारतीय ऐतिहासिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली,

4. भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली।

भाषाओं की प्रोन्नति के क्षेत्र में प्रमुख संगठन इस प्रकार हैं-

1. डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ,

2. केन्द्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली,

3. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा,

4. राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली। यह संस्थान संस्कृत की प्रोन्नति, विकास तथा अनुसन्धान लगा हुआ है।

स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में संगठन (ORGANIZATION IN FIELD OF SCHOOL EDUCATION)

विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र सरकार से निम्नलिखित संगठन सम्बद्ध हैं-

1. केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली,

2. नवोदय विद्यालय समिति, नई दिल्ली,

3. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली,

4. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय, नई दिल्ली,

5. एन. सी. ई. आर. टी., नई दिल्ली।

प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में संगठन (ORGANIZATION IN FIELD OF PRIMARY EDUCATION)

बाल भवन सोसायटी, नई दिल्ली यह सोसायटी 5 से 16 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में सृजनात्मक कार्यकलापों को बढ़ावा देने में योगदान दे रही है।

पुस्तक संवर्द्धन के क्षेत्र में संगठन (ORGANIZATION IN FIELD OF BOOKS ENLARGEMENT)

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, नई दिल्ली, मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के शिक्षा विभाग का एक स्वायत्तशासी संगठन है। पुस्तकों को बढ़ावा देने और पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करने के उद्देश्य से 1957 में इसकी स्थापना की गई थी। बच्चों के लिए पुस्तकों और नव साक्षरों के लिए साक्षरता के बाद की पठन सामग्री तैयार करने के अलावा ट्रस्ट हिन्दी व अंग्रेजी सहित 13 भारतीय भाषाओं में सामान्य पाठकों के लिए पुस्तकें प्रकाशित करता है। ट्रस्ट सामान्य पाठकों के लिए भौतिक पर्यावरण, वनस्पति व जीव-जन्तुओं, भारत की लोक कथाओं, प्रख्यात भारतीयों की जीवनियों, भारतीय भाषाओं की साहित्यिक कृतियों के अनुवाद तथा लोकप्रिय विज्ञान विषयों पर पुस्तकें प्रकाशित करता है, नेहरू बालक पुस्तकमाला के अन्तर्गत बच्चों के लिए प्रकाशित होने वाले ट्रस्ट के प्रकाशनों का उद्देश्य बच्चों के लिए ऐसा मनोरंजन व शिक्षाप्रद साहित्य प्रकाशित करना है जो बच्चे अपने आप पढ़ना पसन्द करें ये प्रकाशन ढेर सारे विषयों पर भारत भर के बच्चों की मातृभाषा में समान पठन सामग्री प्रस्तुत करते हैं जिससे राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा मिलता है।

ट्रस्ट, भारतीय विश्वविद्यालयों तथा तकनीकी संस्थाओं के छात्रों व शिक्षकों के लिए उचित मूल्य पर मान्य स्तर की पुस्तकें तैयार करने में लेखकों व प्रकाशकों को सहायता प्रदान करता है। ट्रस्ट, देश भर में पुस्तक मेलों, उत्सव, संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं के आयोजनों के माध्यम से पुस्तकों को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।

तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में संगठन (ORGANIZATION IN FIELD OF TECHNOLOGY EDUCATION)

तकनीकी शिक्षा मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के शिक्षा विभाग के महत्त्वपूर्ण संगठकों में से एक है. जिसमें सेवाओं और उत्पादों की किस्म में सुधार लाने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने की बड़ी सम्भावनाएँ हैं। इस क्षेत्र के मुख्य संगठन निम्नांकित हैं-

1. भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर (बंगलुरु)।

2. भारतीय खान स्कूल, धनबाद।

3. राष्ट्रीय औद्योगिकी इन्जीनियरी प्रशिक्षण संस्थान, बम्बई (मुम्बई)।

4. राष्ट्रीय ढलाई तथा गढ़ाई प्रौद्योगिकी, राँची

5. आयोजना तथा वास्तुकला स्कूल, नई दिल्ली।

6. भारतीय प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज, हैदराबाद।

7. अहमदाबाद, बंगलौर (बंगलुरु), कलकत्ता (कोलकाता) तथा लखनऊ स्थित भारतीय संस्थान।

8. बम्बई (मुम्बई), दिल्ली, गोहाटी, कानपुर, खड़गपुर तथा मद्रास (चेन्नई) स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान।

9. 17 क्षेत्रीय इन्जीनियरी कॉलेज।

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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