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स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य | HEALTH,HEALTH EDUCATION AND PERSONAL HYGIENE
स्वास्थ्य केवल बीमारी या अंग-विहीनता की अनुपस्थिति ही नहीं है वरन् शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कल्याण की पूर्ण दशा है। अतः स्वास्थ्य जीवन का वह गुण है जो व्यक्ति को अधिक सुखद ढंग से जीवित रहने तथा सर्वोत्तम रूप से सेवा करने के योग्य बनाता है। जिस देश के नवयुवक शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ होंगे, वह राष्ट्र सदैव उन्नति के पथ पर अग्रसर रहेगा। स्वास्थ्य व्यक्तिगत जीवन के लिए हो आवश्यक नहीं है वरन् राष्ट्रीय जीवन के लिए भी आवश्यक है। इसके अभाव में व्यक्ति का जीवन स्वयं अपने तथा समाज, दोनों के लिए भारस्वरूप बन जाता है।
स्वास्थ्य का अर्थ (MEANING OF HEALTH)
अंग्रेजी शब्द ‘Health’ ‘स्वस्थता’ की दशा (Condition of being hale) के लिए प्रयुक्त किया जाता था जिसका अभिप्राय सुरक्षा तथा निरोगता से लिया जाता था। सामान्यतः स्वास्थ्य का अर्थ उस स्वस्थ दशा से लगाया जाता है जिसके द्वारा शरीर तथा मस्तिष्क के समस्त कार्य सुचारू रूप से सक्रियतापूर्वक सम्पन्न किये जाते हैं। स्वास्थ्य के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए आगे कुछ परिभाषाएँ दी जा रही हैं-
जे. एफ. विलियम्स– “स्वास्थ्य जीवन का वह गुण है जो व्यक्ति को अधिक समय तक जीवित रहने तथा सर्वोत्तम प्रकार से सेवा करने के योग्य बनाता है।”
“Health is the quality of life that enables the individual to live most and to serve best.”
– J. F. Williams
विश्व स्वास्थ्य संगठन– “स्वास्थ्य रोग या निर्बलता का मात्र अभाव नहीं है वरन शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कल्याण की पूर्ण अवस्था है।”
“Health is a state of complete physical, mental and social well-being and not merely the absence of disease or infirmity.”
-World Health Organization
वेब्सटर का शब्दकोश- “स्वास्थ्य शरीर, मन या आत्मा में स्वस्थता तथा निरोगता की अवस्था है। मुख्यत: यह शारीरिक रोग या दुःख का अभाव है।”
“Health is a state of being hale and sound in body, mind or soul especially from physical disease or pain.”
-Webster Collegiate Dictionary
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि स्वास्थ्य में पर्याप्त मात्रा में शारीरिक शक्ति, सक्रियता या चुस्ती तथा सहनशक्ति निहित है। साथ ही इसमें मानसिक स्वास्थ्य भी निहित है जिससे दैनिक जीवन की माँगों की पूर्ति की जा सके। इस दृष्टि से एक स्वस्थ व्यक्ति में निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती है-
(1) कल्याण की भावना (Sense of well-being)।
(2) कुशलता तथा उत्साह के साथ कार्य करने की योग्यता (Ability of work efficiently and with enthusiasm)
(3) स्फूर्ति (Cheerfulness)।
(4) आत्म-विश्वास तथा आत्म-नियन्त्रण (Self-confidence and Self-control)
(5) रोग का अभाव (Absence of Disease)|
(6) स्वस्थ मानसिक दृष्टिकोण (Wholesome Mental Attitude)।
(7) अनावश्यक चिन्ता से मुक्त (Free from Anxiety)
(8) साहस (Courage) |
(9) दूसरों के साथ मिलकर कार्य करने की योग्यता (Ability to act with Others)।
पूर्ण स्वास्थ्य (Perfect Health) एक सूक्ष्म धारणा है जिसको किसी भी प्रकार के साधनों से प्राप्त नहीं किया जा सकता। अधिकतम स्वास्थ्य (Optimum Health) स्वस्थता की वह उच्चतम दशा है जिसको व्यक्ति प्राप्त कर सकता है। अधिकतम स्वास्थ्य की प्राप्ति को ही उद्देश्य निर्धारित किया गया है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
व्यक्ति के स्वास्थ्य को अंशत: पैतृकता तथा मुख्यतः उन तत्त्वों की समझदारी के द्वारा निर्धारित किया जाता है जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्त्व इस प्रकार है-
(1) पोषक आहार (Wholesome Food)।
(2) शारीरिक क्रिया बाह्य खेल-कूद, व्यायाम, आदि।
(3) निद्रा
(4) उपयुक्त व्यवसाय
(5) अवकाश का सदुपयोग।
(6) जीवन के प्रति स्वस्थ मानसिक दृष्टिकोण
(7) पैरों की समुचित देखभाल (Proper Care of Feet) |
(8) आवश्यकतानुसार डॉक्टरी सेवाएँ।
स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ (MEANING OF HEALTH EDUCATION)
स्वास्थ्य शिक्षा स्वस्थ जीवनयापन के नियमों का छात्रों को जान कराने का एक ढंग है। विभिन्न विद्वानों ने इसको विभिन्न दृष्टिकोणों से परिभाषित किया है। डॉ. थामस डी. वुड ने इसको व्यक्ति के जीवन अनुभवों के रूप में परिभाषित किया है। उसने लिखा है- “स्वास्थ्य शिक्षा उन अनुभवों का योग है जो व्यक्ति, समुदाय तथा प्रजाति के स्वास्थ्य से सम्बन्धित आदतों, वृत्तियों तथा ज्ञान को प्रभावित करते हैं।” वुड ने इस परिभाषा में व्यक्ति के उन जीवन अनुभवों की ओर संकेत किया है जो इन तथ्यों को प्रभावित करते है वह क्या जानता है, वह किस प्रकार अनुभव करता है तथा वह क्या करता है ? ‘ग्राउट’ ने स्वास्थ्य शिक्षा को सामुदायिक क्रिया तथा सामुदायिक उद्देश्य के रूप में परिभाषित किया है। उसने लिखा है “स्वास्थ्य शिक्षा शैक्षिक प्रक्रिया द्वारा व्यक्ति तथा समुदाय के स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवहार के विषय में जो कुछ ज्ञान है उनका अनुवाद है।” इस परिभाषा द्वारा स्वस्थ व्यवहार, उचित निर्देश तथा प्रभावकारी प्रेरणा पर बल दिया गया है।
स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र (SCOPE OF HEALTH EDUCATION)
स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है। सामान्यतया इसके क्षेत्र के अन्तर्गत बालकों के स्वास्थ्य का संरक्षण, उनके स्वास्थ्य में उत्पन्न विभिन्न दोषों एवं बीमारियों की खोज एवं उनका निराकरण तथा उनके स्वास्थ्य की वृद्धि के लिए उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों, आदि से अवगत कराना निहित है अतः शिक्षा के क्षेत्र में व्यक्तिगत स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य विज्ञान तथा सामुदायिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित तथ्यों के ज्ञान की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य संरक्षण के लिए उपयुक्त वातावरण की स्थापना एवं संक्रामक रोगों पर नियन्त्रण रखना आवश्यक है। उपयुक्त वातावरण की स्थापना के लिए विद्यालय भवन की स्थिति, शुद्ध वायु एवं प्रकाश की व्यवस्था, फर्नीचर एवं शैक्षिक सामग्री की उपयुक्तता, भोजन एवं जल की उचित व्यवस्था एवं शारीरिक शिक्षा के उचित प्रबन्ध पर ध्यान देना आवश्यक है। संक्रामक रोगों पर नियन्त्रण रखने के लिए विभिन्न साधनों का ज्ञान दिया जाता है। विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा का क्षेत्र संरक्षण तक ही सीमित नहीं है, वरन् उसे यह भी देखना पड़ता है कि बालकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताएँ क्या हैं, उनका डॉक्टरी निरीक्षण उचित रूप से किया जाता है या नहीं, उनकी स्वास्थ्य वृद्धि हेतु उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों, विभिन्न शारीरिक अंगों की बनावट एवं उनकी कार्य प्रणाली, आदि से अवगत कराया जाता है या नहीं। विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत वे समस्त क्रियाकलाप भी सम्मिलित किये जाने चाहिए जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं तथा व्यक्ति, समुदाय एवं जाति के स्वास्थ्य सम्बन्धी दृष्टिकोणों एवं आदतों को उत्तम बनाने में सहायता करते हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य (AIMS OF HEALTH EDUCATION)
स्वास्थ्य शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बालकों को यह सिखाना है कि-
(1) वे किस प्रकार स्वस्थ रह सकते हैं।
(2) इसके साथ ही यह भी सिखाना है कि वे स्वास्थ्य के स्तर को किस प्रकार उच्च बना सकते हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा उक्त बातों के लिए उनको सन्तुलित भोजन, जल तथा शुद्ध वायु प्रकाश एवं व्यायाम सम्बन्धी नियमों का ज्ञान तथा वैज्ञानिक एवं प्रभावशाली ढंग से जीवन व्यतीत करने के लिए अच्छी आदतों के निर्माण पर बल देती है। इन उद्देश्यों के अतिरिक्त स्वास्थ्य शिक्षा के निम्नलिखित अन्य उद्देश्य भी महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं-
(3) छात्रों को दुर्घटनाओं एवं विभिन्न बीमारियों के कारण एवं उनके दूर करने के उपायों के विषय में अवगत कराना।
(4) शिक्षकों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य को उन्नत बनाने में सहायता देना।
(5) अभिभावकों एवं समाज के अन्य सदस्यों को स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों एवं सिद्धान्तों से अवगत कराना जिससे वे स्वयं अपने स्वास्थ्य की वृद्धि कर सकें तथा अपने बालकों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण कर सकें।
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