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ब्लैके तथा मौटन का प्रबन्धकीय ग्रिड (BLAKE AND MOUTONS MANAGEMENT GRID)
ब्लैके तथा मौटन ने 1960 के दशक के प्रारम्भ में ‘प्रबन्धकीय ग्रिड’ सिद्धांत का प्रतिपादन किया। यह नेतृत्व शैलियों में सर्वाधिक प्रचलित एवं व्यावहारिक सिद्धांत समझा जाता है। यह ग्रिड विश्व में प्रबन्धकों को प्रशिक्षण देने तथा उन्हें प्रभावशाली नेता बनाने की महत्वपूर्ण तकनीक बन गई है।
ब्लैके तथा मौटन ने प्रबन्धक की दृष्टि से इस ग्रिड में दो तत्वों पर जोर दिया है।
(1) उत्पादन के सम्बन्ध में चिन्ता (Concern for production);
(2) व्यक्तियों के सम्बन्ध में चिन्ता (Concern for people)
यहां उत्पादन के सम्बन्ध में चिन्ता से तात्पर्य उत्पादन सम्बन्धी विभिन्न घटकों के प्रति प्रबन्धक या पर्यवेक्षक के दृष्टिकोण से है। इन उत्पादन घटकों में उत्पादन सम्बन्धी नीति, प्रक्रिया, क्रियाविधि, नवाचार और शोध (innovation and research), विशेषज्ञ सेवाओं का गुणात्मक स्तर, कार्यक्षमता तथा कार्य की मात्रा आदि को सम्मिलित किया जाता है। इसी प्रकार व्यक्तियों के सम्बन्ध में चिन्ता से तात्पर्य अधीनस्थों की अभिप्रेरणा के प्रति अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण से है। इसमें लक्ष्य प्राप्ति के प्रति निष्ठा, श्रमिकों के स्वाभिमान को बनाए रखना, अधीनस्थों को आदेश के स्थान पर सद्भाव के आधार पर दायित्व सौंपना, अच्छी कार्य दशाएं उत्पन्न करना तथा पारस्परिक सम्बन्धों को बनाए रखना आदि बातें सम्मिलित की जाती हैं।
ब्लैके तथा मौटन ने उपर्युक्त दो प्रमुख तत्वों के आधार पर नेतृत्व शैलियों (Leadership style) के अध्ययन के लिए इन तत्वों को 1 से लेकर 9 तक अंक वाला पैमाना (scale) प्रदान किया है। जहां 1 अंक इन तत्वों के न्यूनतम स्तर को दिग्दर्शित करता है वहां 9 अंक उच्चतम स्थान को प्रदान किया गया है। इस पैमाने के आधार पर ब्लैके एवं मौटन ने पांच प्रकार की नेतृत्व शैलियों (Leadership style) का प्रतिपादन किया है जैसा कि अग्रांकित तालिका से स्पष्ट है:
ब्लैके तथा मौटन द्वारा प्रतिपादित नेतृत्व शैलियां
क्र.सं. | नेतृत्व शैली का नाम | पैमाना | नेतृत्व शैली की विशेषताएँ |
I | साधनहीन प्रबन्ध (Impove rished Management) | 1.1 |
1. प्रबन्धक उत्पादन तथा व्यक्तियों के सम्बन्ध में बहुत की कम चिन्तित होता है। 2. प्रबन्धक अधीनस्थों के कार्य में स्वयं को बहुत ही कम लिप्त करता है। 3. प्रबन्धक मात्र पोस्टमैन की तरह वरिष्ठ प्रबन्धकों से प्राप्त सूचनाओं को अधीनस्थों को सम्प्रेषित करता है। 4. यह शैली अत्यन्त ही अक्षम प्रबन्ध को इंगित करती हैं। |
II | निरंकुशक कार्य-प्रबन्ध (Autocratic task Management) | 9.1 |
1. प्रबन्धक उत्पादन के सम्बन्ध में अत्यधिक चिन्तित होता है तथा व्यक्तियों के सम्बन्ध में न्यूनतम चिन्तित होता है। 2. प्रबन्धक परिचालन क्षमता पर विशेष ध्यान देता है और उसमें अधीनस्थों का हस्तक्षेप जरा भी स्वीकार नहीं करता। 3. प्रबन्धक निरंकुशक होता है जो व्यक्तियों को आदेश देने और पूर्ण नियंत्रण में रखने में विश्वास करता है। |
III | कण्ट्री, क्लब प्रबन्ध (Country, Club Management) | 9.1 |
1. प्रबन्धक उत्पादन के सम्बन्ध में न्यूनतम तथा व्यक्तियों के सम्बन्ध में अधिकतम चिन्तित होता है। 2. प्रबन्धक उपक्रम में मैत्रीपूर्ण, आरामदायक तथा भयमुक्त वातावरण प्रस्तुत करता है। 3. कोई भी व्यक्ति उपक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समन्वित प्रयास नहीं करता। |
IV | समूह-प्रबन्ध (Team-Management) | 9.9 |
1. प्रबन्धक उत्पादन तथा व्यक्तियों दोनों के सम्बन्ध में अत्यधिक चिन्तित रहता है। 2. प्रबन्धक अपने अधीनस्थों में समूह भावना का विकास करता है। 3. प्रबन्धक अपने अधीनस्थों में सद्भाव, सम्मान तथा पुरस्कारों द्वारा उच्च-स्तरीय अभिप्रेरणा उत्पन्न करता है। 4. प्रबन्धक ऐसे निष्ठावान समूह का सृजन कर उच्चतम उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करता है। |
V | संगठन व्यक्ति प्रबन्ध (Organisation-Management) या उदार निरंकुशक प्रबन्धक (Benevolent Autocratic Management) | 6.5 |
1. प्रबन्धक उत्पादन और व्यक्ति दोनों के प्रति न तो पूर्ण लापरवाह होता है और न अत्यधिक चिन्तित । 2. प्रबन्धक अत्यधिक ऊंचे लक्ष्य निर्धारित नहीं करते बल्कि उपयुक्त ( adequate) उत्पादन तथा अभिप्रेरणा में आस्था रखते हैं। 3. अधिकांश प्रबन्धक इसी श्रेणी में पाए जाते हैं। |
ब्लैके एवं मौटन के अनुसार उपर्युक्त पांच नेतृत्व पांच नेतृत्व शैलियों में समूह-प्रबन्ध शैली (Team management style) जिसका कि पैमाना (scale 9.9) है, सर्वाधिक प्रभावपूर्ण शैली है। इस शैली के अन्तर्गत व्यक्तियों का निष्पादन उच्च-स्तर का हो जाता है, कर्मचारियों की अनुपस्थिति एवं बदली दर (absenteeism and turnover rate) न्यूनतम हो जाती है। रुचिकर जॉब, निर्णयों में सहभागिता तथा पुरस्कारों एवं अभिप्रेरणा के आधार पर इस शैली में कर्मचारी संतुष्टि उच्चतम स्तर पर पहुंच जाती है।
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