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बुद्धि की अवधारणा | बुद्धि का अर्थ एवं परिभाषाएँ | बुद्धि का वर्गीकरण

बुद्धि की अवधारणा | बुद्धि का अर्थ एवं परिभाषाएँ | बुद्धि का वर्गीकरण
बुद्धि की अवधारणा | बुद्धि का अर्थ एवं परिभाषाएँ | बुद्धि का वर्गीकरण

बुद्धि की अवधारणा (Concept of Intelligence)

दैनिक जीवन में बुद्धि एक सामान्य शब्द है जिसका कई अर्थों में प्रयोग किया जाता है। वैयक्तिक भिन्नता के कारण कोई भी दो व्यक्ति एक समान नहीं होते कुछ तीव्र बुद्धि के होते हैं तो कुछ मन्द बुद्धि के कुछ सुस्त होते हैं तो कुछ अधिक सक्रिय, कुछ समस्याओं का समाधान शीघ्र ढूँढ लेते हैं तो कुछ देर से ढूंढ़ पाते हैं। इनमें परस्पर भिन्नता के इन विभिन्न कारणों में से एक सबसे प्रमुख कारण बुद्धि है।

यह एक सर्वमान्य सत्य है कि बुद्धिमान व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। यद्यपि बुद्धि के विकास पर उपयुक्त वातावरण एवं व्यक्ति की मानसिक योग्यता का भी प्रभाव पड़ता है। बुद्धि में कोई एक गुण नहीं बल्कि बुद्धि अनेक गुणों का समुच्चय है. अतः किसी भी व्यक्ति को बुद्धिमान या बुद्धिहीन तब तक नहीं कहा जा सकता जब तक कि उसके व्यवहार में निहित बुद्धि के विभिन्न गुणों का परीक्षण न किया जाए। बुद्धि एक परिकल्पनात्मक शक्ति है क्योंकि बुद्धि को प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं जा सकता है। बुद्धि का बहुधा उपयोग व्यक्ति विविध समस्याओं को समझने एवं उनका अधिगम करने में करता है। मानसिक विकास के लिए उसकी मानसिक क्षमता एवं बौद्धिक स्तर को जानना आवश्यक है।

बुद्धि का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Intelligence)

सर्वप्रथम सन् 1895 में हरबर्ट स्पेन्सर ने ‘बुद्धि’ शब्द का प्रयोग किया। बुद्धि क्या है? इस सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों में सदैव मतभेद रहे हैं। इस मतभेद का अन्त करने के लिए प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अनेक अवसरों पर एकमत हो चुके हैं। सन् 1910 में अंग्रेज मनोवैज्ञानिकों की सभा हुई। सन् 1923 में विश्व में मनोवैज्ञानिकों की अन्तर्राष्ट्रीय परिषद् (international congress) हुई पर जैसा कि रॉस ने लिखा कि वे यह निश्चित नहीं कर सके कि बुद्धि में स्मृतियाँ, कल्पना, भाषा, अवधान, गामक योग्यता (motor) और संवेदना सम्मिलित हैं अथवा नहीं।

संक्षेप में, बुद्धि का एक अर्थ ही स्पष्टीकरण (explanation) है जिसे अंग्रेजी में Construct के नाम से जाना जाता है। इसलिए बुद्धि जो केवल अर्थमात्र है तथा इसकी कोई भौतिक सत्ता नहीं है। भौतिक सत्ता न होने के कारण इसके आयाम (dimension) भी भौतिक नहीं है अपितु ये केवल इनके कुछ गुण मात्र हैं।

दूसरे शब्दों में बोरिंग ने कहा कि, बुद्धि परीक्षण जो मापता है यही बुद्धि है. बुद्धि एक ऐसा सामान्य शब्द है जिसका प्रयोग हम अपने दिन प्रतिदिन की बोलचाल की भाषा में -अधिक करते हैं तथा सीखने, समझने एवं अच्छी स्मरण शक्ति आदि गुणों के लिए हम बुद्धि शब्द का प्रयोग करते हैं।”

मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को परिभाषित करने की कोशिश की है। सबसे पहले बोरिंग (Boring) ने बुद्धि की एक औपचारिक (formal) परिभाषा दी कि बुद्धि परीक्षण जो मापता है. वही बुद्धि है, लेकिन बुद्धि को मापने की बहुत सी विधियाँ है। इनमें किस परीक्षण द्वारा किए गए मापन को बुद्धि कहा जायेगा। यह स्पष्ट नहीं है। बोरिंग के बाद अनेक मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को भिन्न-भिन्न ढंग से परिभाषित करने की कोशिश की है। इन्हें तीन वर्गों में बाँटा गया है-

बुद्धि का वर्गीकरण

  • वातावरण से समायोजन
  • अमूर्त चिन्तन करने की योग्यता
  • सीखने की क्षमता के रूप

परन्तु बाद में अनुभव किया गया कि इन तीनों श्रेणियों में यह दोष है कि प्रत्येक श्रेणी की परिभाषाओं में बुद्धि के मात्र एक पहलू या पक्ष को आधार मानकर बुद्धि को परिभाषित किया गया है जबकि बुद्धि में केवल एक तरह की क्षमता सम्मिलित नहीं होती है बल्कि इसमें अनेक तरह की क्षमताएँ जिसे सामान्य क्षमता कहते हैं सम्मिलित होती हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि को दूसरे ढंग से परिभाषित किया है।

वैश्लर के अनुसार, अभिप्रयुक्त करने, तर्कयुक्त चिंतन करने तथा पर्यावरण के साथ प्रभावपूर्ण ढंग से व्यवहार करने की शक्ति व्यक्ति की सम्पूर्ण अथवा सार्वभौम क्षमता ही बुद्धि है।”

वैश्लर ( Weschler) के अनुसार, बुद्धि एक समुच्चय या सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण क्रिया करता है, विवेकशील चिन्तन करता है तथा वातावरण के साथ प्रभावकारी ढंग से समायोजन करता है।”

According to Weschler, “Intelligence is the aggregate or global capacity of the individual to act purposefully to think rationally and to deal effectively with his environment.”

राबिन्सन एवं राबिन्सन के अनुसार ‘बुद्धि से तात्पर्य संज्ञानात्मक व्यवहारों (cognitive behaviour) के संपूर्ण वर्ग से होता है जो व्यक्ति में सूझ के द्वारा समस्या समाधान करने की क्षमता, नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की क्षमता अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता तथा अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता है।”

According to Robinson and Robinson, “Intelligence refers to the whole class of cognitive behaviour which reflect an individual’s capacity to solve problem with insight, to adopt himself to new situation to think abstractly, and to get profit from his experiences.”

वुडवर्थ के अनुसार, ‘बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।

According to Woodworth, “Intelligence is a way of acting.”

टरमन के अनुसार, बुद्धि, अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है।

According to Terman, “Intelligence is the ability to think in terms of abstract ideas.”

रॉस के अनुसार, “नवीन परिभाषा से चेतन अनुकूलन ही बुद्धि है।”

According to Ross, “Conscious adaptation to new situation is intelligence.”

थार्नडाइक के अनुसार, “गत अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता ही बुद्धि है।”

According to Thorndike, “Intelligence is the ability to motive profitable use of past experience.”

विने के अनुसार, बुद्धि इन चार शब्दों में निहित है-

  1. ज्ञान,
  2. अविष्कार,
  3. निर्देश एवं
  4. आलोचना।

इन सभी परिभाषाओं की एक सामान्य विशेषता यह है कि इन परिभाषाओं में बुद्धि को कई तरह की क्षमताओं का गढ़ माना जाता है। इनका विश्लेषण करने पर हम निम्न तथ्य पर पहुँचते हैं-

1) बुद्धि विभिन्न क्षमताओं का सम्पूर्ण योग होती है। इसका मतलब यह है कि बुद्धि में किसी एक प्रकार की क्षमता नहीं होती है इसमें कई प्रकार की क्षमताएँ होती हैं। इन क्षमताओं का पूर्व योग ही बुद्धि है।

2) बुद्धि के सहारे व्यक्ति किसी समस्या के समाधान में सूचना का सहारा लेता है व पूर्व अनुभवों का लाभ बुद्धि के द्वारा उठाता है।

3) बुद्धि के सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण क्रियाएँ करता है जो व्यक्ति जितना अधिक उद्देश्यपूर्ण व सार्थक क्रियाएं करता है वह उतना अधिक बुद्धिमान माना जाएगा।

4) बुद्धि व्यक्ति को वातावरण के साथ प्रभावशाली ढंग से समायोजन या अनुकूलन करने में मदद करती है। कम बुद्धि वाले व्यक्ति में समायोजन की क्षमता कम होती है।

5) बुद्धि से व्यक्ति में विवेकशील चिंतन व अमूर्त चिन्तन करने में भी मदद मिलती है मतलब यह हुआ कि जो व्यक्ति बुद्धिमान है उसके सोचने व समझने का तरीका विवेकपूर्ण, तर्कपूर्ण एवं युक्तिसंगत होता है।

6) बुद्धिमान व्यक्ति प्रायः कठिन और जटिल कार्य को करते हैं और उनके कार्यों में मौलिकता अधिक होती है।

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Anjali Yadav

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