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कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन क्या है? कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन के गुण और दोष

कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन क्या है? कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन के गुण और दोष
कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन क्या है? कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन के गुण और दोष

कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन क्या है?

कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन- कार्यात्मक संगठन कुछ वृहत् आकार के उपक्रमों में देखने को मिलता है। इस संगठन प्रारूप के अन्तर्गत स्टाफ विशेषज्ञ का कार्यक्षेत्र मात्र परामर्श प्रदान करना नहीं है, बल्कि अपने विशिष्ट क्षेत्र में योजना को क्रियान्वित करने के लिए उसे रेखीय अधिकार भी प्रदान कर दिए जाते हैं। इस प्रकार जहां शुद्ध रेखा संगठन में स्टाफ विशेषज्ञों का नाममात्र का प्रयोग किया जाता है तथा रेखा स्टाफ संगठन में कुछ कार्यों में विशिष्टीकरण के लिए परामर्शदाता के रूप में स्टाफ का प्रयोग किया जाता है, वहां कार्यात्मक संगठन के स्टाफ विशेषज्ञों को रेखीय अधिकार प्रदान कर दिए जाते हैं। वे अपनी योजना को क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को सीधे अपने नाम में आदेश प्रेषित कर सकते हैं। इस प्रकार कार्यात्मक संगठन के अन्तर्गत आदेश की एकात्मकता का सिद्धांत टूट जाता है और विभागीय कर्मचारियों को विभागीय प्रबन्धक तथा विशेषज्ञ दोनों के आदेशों का पालन करना होता है (देखिए चित्र)

चित्र - एक निर्माणी उपक्रम में कार्यात्मक संगठन

चित्र – एक निर्माणी उपक्रम में कार्यात्मक संगठन

चित्र में स्पष्ट किया गया है कि यद्यपि सेविवर्गीय प्रबन्धक तथा गुणवत्ता नियंत्रक को प्रबन्ध संचालन ने स्टाफ विशेषज्ञ माना है परन्तु उनके अपने-अपने विशिष्ट क्षेत्र में उत्पादन विभाग के प्लाण्ट अधीक्षक, पर्यवेक्षक व श्रमिकों के साथ रेखीय सम्बन्ध हैं। इसलिए उन्हें सीधी रेखा द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इसका आशय यह है कि ये स्टाफ विशेषज्ञ विभाग अधिकारियों व श्रमिकों को सीधे आदेश व निर्देश दे सकते हैं। इसीलिए संगठन का यह प्रारूप कार्यात्मक संगठन के नाम से जाना जा सकता है।

कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन के गुण 

इस प्रारूप का सबसे बड़ा लाभ यह है कि स्टाफ विशेषज्ञ अपने सुझाव या योजना के लिए उत्तरदायी होते हैं क्योंकि उसे क्रियान्वित व नियंत्रित करने का अधिकार उन्हें दे दिया जाता है। इसके अतिरिक्त परिचालन या उत्पादन विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को सीधे विशेषज्ञ द्वारा पथ-प्रदर्शन मिलना सम्भव हो जाता है।

कार्यात्मक या क्रियात्मक संगठन के दोष 

इस प्रारूप का प्रमुख दोष यह है कि इसमें परिचालन विभागों के कर्मचारियों को आदेश प्रदान करने वाले एक से अधिक प्रबन्धक हो जाते हैं और आदेशों का पालन करने में कर्मचारियों को कठिनाई होने लगती है क्योंकि कभी-कभी आदेश विरोधाभासी भी होते हैं।

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Anjali Yadav

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