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जैड सिद्धांत क्या है? | विलियम औची का Z सिद्धांत | Z theory in hindi

जैड सिद्धांत क्या है? | विलियम औची का Z सिद्धांत | Z theory in hindi
जैड सिद्धांत क्या है? | विलियम औची का Z सिद्धांत | Z theory in hindi

जैड सिद्धांत क्या है? विलियम औची का सिद्धांत

जैड सिद्धांत क्या है- ‘जैड’ सिद्धांत का प्रतिपादन विलियम औची (William Ouchi) द्वारा किया गया। इस सिद्धांत के अन्तर्गत जापान की प्रबन्धकीय विधियों या तकनीकों को अन्य राष्ट्रों में प्रयोग करने की बात सोची गई है। वास्तव में, ‘जैड’ सिद्धांत मात्र अभिप्रेरणा से सम्बन्धित सिद्धांत न होकर, सम्पूर्ण प्रबन्ध के परिवर्तन से सम्बन्ध रखता है। इसकी निम्न प्रमुख विशेषताएं हैं :

(1) विश्वास (Trust)- ‘जैड’ सिद्धांत का मुख्य जोर है कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों, प्रबन्धकों, श्रम संघों, आदि के आपसी सद्भावना व विश्वास पर अर्थात् जब एक उपक्रम में विश्वास का वातावरण होगा तो टकराव नहीं होंगे तथा कर्मचारियों का अधिकतम सहयोग मिलेगा।

(2) संगठन व कर्मचारियों में मजबूत बन्धन (Strong Bond between Organisation and Employees) – ‘जैड’ सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि जापानी उपक्रमों की तरह हमें भी जीवन पर्यन्त रोजगार, स्वास्थ्यप्रद कार्य वातावरण, प्रजातांत्रिक प्रबन्ध, प्रोन्नति के अवसर जुटाने चाहिए। इससे कर्मचारियों की उपक्रम के प्रति निष्ठा बढ़ती है तथा कर्मचारी बदली दर घट जाती है जो कुल मिलकर दक्षता में वृद्धि करती है।

(3) कर्मचारी सहभागिता (Employee Participation)- ‘जैड’ सिद्धांत के अन्तर्गत प्रबन्ध के प्रत्येक स्तर पर कर्मचारियों को सहभागी बनाने, उनके द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर गौर करने तथा कुछ कम महत्व के मामलों में निर्णय लेने का कार्य उन्हीं पर छोड़ देने पर जोर दिया गया है इससे उनका अहं (ego) संतुष्ट होगा और वे अधिक उत्तरदायित्व पूर्ण तरीके से कार्य करेंगे।

(4) कोई औपचारिक संगठन न होना (No Formal Organisation)- ‘जैड’ सिद्धांत जोर देता है कि उपक्रम में किसी औपचारिक संगठन की संरचना न की जाए बल्कि लोग एक ‘टीम’ के रूप में सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए कार्य करें। इससे कर्मचारियों में समूह भावना का विकास होगा और कार्य निर्बाध गति से आगे बढ़ेगा।

(5) व्यक्तियों का समन्वय (Co-ordination of People)- उत्पादकता में वृद्धि के लिए ‘जैड’ सिद्धांत संस्था में कार्यरत व्यक्तियों के समन्वय पर जोर देता है। भौतिक संसाधनों या टेक्नोलॉजी के समन्वय पर नहीं। सिद्धांत यह बताता है कि नेतृत्व द्वारा मानव संसाधनों का विकास एवं समन्वय ही उपक्रम की सफलता को सुनिश्चित करेगा।

वास्तव में, ‘जैड’ सिद्धांत प्रबन्ध का दर्शन है जो मानवीय संसाधनों के विकास तथा संगठन के खुलेपन पर जोर देता है। यह अमेरिकन तथा जापानी विचारधाराओं का मिश्रण है जो विभिन्न अमेरिकन कम्पनियों द्वारा अपनाया गया है, जैसे- ऐलीलिली, रॉकबैल इन्टरनेशनल, डैटेन- हडसन, आदि द्वारा। जैड सिद्धांत का सर्वाधिक अच्छा प्रयोग टोयटा, होंडा तथा निसान जैसी जापानी कम्पनियों के यू.एस.ए. के ओटामोटिव असेम्बली संयंत्रों में देखने को मिलता है जहां समूहकार्य (team work), समयबद्ध उत्पादन (Just in time Production) तथा मधुर औद्योगिक सम्बन्धों के फलस्वरूप श्रम उत्पादकता दोगुनी हो गई तथा अनुपस्थिति दर 20 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत रह गई। वास्तव में जैड सिद्धांत में सम्मिलित जापानी प्रबन्धकीय व्यवहार कर्मचारियों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मद मानता है जिसके परिणाम सुखद होते हैं।

संक्षेप में ‘जैड’ सिद्धांत के निम्न मूल आधार हैं :

1. दीर्घकालीन अथवा आजीवन रोजगार,

2. गैर-विशिष्ट कैरिअर,

3. वैयक्तिक उत्तरदायित्व एवं जवाबदेही,

4. सम्पूर्ण व्यक्ति के प्रति निष्ठा व चिन्ता,

5. कम औपचारिक नियंत्रण प्रणाली,

6. एक मत निर्णयन,

7. धीमी गति से प्रोन्नति।

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Anjali Yadav

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