आर्थिक चिट्टे से क्या अभिप्राय है? यह क्यों बनाया जाता है ? विभिन्न सम्पत्तियों एवं दायित्वों का वर्गीकरण दीजिए। What is meant by Balance Sheet? Why is it prepared? Give the classification as various assets and liabilities.
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आर्थिक चिट्ठा या स्थिति विवरण (Balance Sheet)
चिट्ठा निर्धारित तिथि को किसी संस्था की वित्तीय स्थिति का विवरण है। इसका आशय ऐसे विवरण पत्र से है जो एक निर्धारित तिथि पर व्यवसाय की वित्तीय स्थिति प्रकट करता है। यह अन्तिम खाते तैयार करने की एक निश्चित तिथि को व्यवसाय की समस्त सम्पत्तियों (Assets) तथा दायित्वों (Liabilities) को सम्मिलित करके तैयार किया जाता है। चिट्ठे में समस्त व्यक्तिगत एवं वस्तुगत खातों के डेबिट शेषों को सम्पत्ति पक्ष में तथा समस्त क्रेडिट शेषों का दायित्व पक्ष में दिखाया जाता है। सम्पत्ति पक्ष दायीं ओर तथा दायित्व पक्ष बायीं ओर होता है। इसमें डेबिट व क्रेडिट पक्ष नहीं होते हैं तथा ‘TO’ और ‘By’ शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है। चिट्ठे के दोनों पक्षों का योग बराबर होता है। चिट्ठे में दिखाई जाने वाली सम्पत्तियों एवं दायित्वों को उनकी प्रकृति के अनुसार विभिन्न वर्गों में बाँट दिया जाता है।
चिट्ठा बनाने की आवश्यकता एवं उद्देश्य
(1) चिट्ठा बनाने का मुख्य उद्देश्य लेखा वर्ष के अन्तिम दिन व्यापारी को उसकी वित्तीय स्थिति का ज्ञान कराना है।
(2) चिट्ठा व्यापार को समस्त सम्पत्तियों, उनकी प्रकृति व उनके मूल्य का ज्ञान कराता है। इसके आधार पर व्यवसायी यह जान सकता है कि उसके पास नकद शेष कितना है, बैंक में रोकड़ कितना है, देनदारों से कुल कितना पैसा लेना है व स्थायी सम्पत्तियाँ कितनी है।
(3) चिट्ठा व्यापार के समस्त दायित्वों, उनकी प्रकृति व उनके मूल्य का ज्ञान कराता है। इसके आधार पर व्यवसायी यह जान सकता है कि कुल लेनदार कितने हैं, देय बिल कितने हैं, कुल ऋण कितने हैं व व्यापार में उसकी कितनी पूँजी लगी हुई है।
(4) चिट्ठे के आधार पर ही नये वर्ष के प्रथम दिन जर्नल में प्रारम्भिक प्रविष्टि की जाती है।
लाभ हानि खाते तथा चिट्टे में अन्तर
अन्तर का आधार | लाभ-हानि खाता | चिट्ठा |
1. स्वरूप | यह एक खाता है। अतः इसमें ‘To’ और ‘By’ शब्दों का प्रयोग होता है। | यह एक विवरण है। अतः इसमें ‘To’ और ‘By’ शब्दों का प्रयोग नहीं होता है। |
2. खातों का समावेश | इसमें अवास्तविक खाते दिखलाए जाते हैं । | इसमें व्यक्तिगत एवं वास्तविक खाते दिखलाए जाते हैं। |
3. पक्ष | इसमें डेबिट व क्रेडिट पक्ष होते हैं। | इसमें सम्पत्ति व दायित्व पक्ष होते हैं। |
4. खातों को दिखाने का क्रम | इसमें खाते को दिखाने का कोई क्रम नहीं है । | इसमें खातों को एक निश्चित क्रम में दिखाते हैं, या तो तरलता क्रम में या स्थायित्व क्रम में । |
5. उद्देश्य | इसका उद्देश्य एक निश्चित अवधि में व्यापार के लाभ या हानि को ज्ञात करना है। | इसका उद्देश्य एक निश्चित तिथि को व्यापार की आर्थिक स्थिति ज्ञात करना है। |
6. शेष का स्थानान्तरण | इस खाते का शेष पूँजी खाते में स्थानान्तरित किया जाता है। | इसमें दोनों पक्षों का योग हमेशा बराबर होता है, इसलिए इसमें कोई शेष नहीं होता । |
7. अनिवार्यता | इस खाते को बनाने के लिए चिट्ठा बनाना अनिवार्य नहीं है। | चिट्ठा बनाने के लिए लाभ-हानि खाता बनाना अनिवार्य हैं। |
तलपट व चिट्ठे में अन्तर
अन्तर का आधार | तलपट | चिट्टे |
1. उद्देश्य | तलपट बनाने के उद्देश्य खाताबही में की गई खतौनी की गणितीय शुद्धता को जाँच करना है। | चिट्ठा बनाने का उद्देश्य व्यापार की आर्थिक स्थिति के बारे में ज्ञान प्राप्त करना है। |
2. अवधि | तलपट कभी भी बनाया जा सकता है। | चिट्ठा प्रायः वर्ष में एक बार ही बनाया जाता हैं। |
3. पक्ष | तलपट में डेबिट और क्रेडिट के खाने होते हैं। | चिट्ठे में सम्पत्ति और दायित्व के खाने होते हैं। |
4. खातों की प्रकृति | तलपट में व्यक्तिगत वास्तविक और अवास्तविक सभी खातों के शेष लिखे जाते हैं। | चिट्ठे में केवल व्यक्तिगत और वास्तविक खातों के शेष ही लिखे जाते हैं। |
5. खातों को बन्द करना | तलपट को बनाने के लिए खातों को बन्द करना आवश्यक नहीं है। | चिट्ठा बनाने के लिए खातों को बन्द करना आवश्यक हैं। |
6. अन्तिम स्टॉक | तलपट में प्रायः अन्तिम स्टॉक को नहीं दिखाया जाता है। | चिट्ठे में अन्तिम स्टॉक को दिखाया जाता है। |
7. अनिवार्यता | तलपट का बनाना अनिवार्य नहीं है। | लेखा वर्ष के अन्तिम में चिट्ठा बनाना। अनिवार्य है। |
8. प्रमाणिकता | तलपट को न्यायालय प्रमाण की तरह नहीं मानता है। | चिट्ठा न्यायालय में प्रमाण की तरह माना जाता है। |
9. अन्तिम खातें का अंग | तलपट अन्तिम खाते बनाने से पूर्व बनाया जाता है। यह अन्तिम खातों का अंग नहीं। | चिट्ठा अन्तिम खातों का ही एक अंग है। |
10. खातों का क्रम | तलपट में खातों के शेषों को उसी क्रम में दिखाया जाता है जिसे क्रम में वे खाताबही में खोले जाते हैं। | चिट्ठे में खातों के शेषों को स्थायित्व या तरलता क्रम में दिखाया जाता है। |
11. आधार | तलपट को खाताबही से खातों के शेषों के आधार पर बनाया जाता है। | चिट्ठा तलपट के आधार पर बनाया जाता है। |
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