ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य (Functions of Operating System)
ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर सिस्टम को चालू (Start) करने के लिए अत्यन्त आवश्यक प्रोग्राम है। इसके अतिरिक्त यह कम्प्यूटर के सभी हार्डवेयर (Hardware) संसाधनों को भी नियन्त्रित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है तथा इनके कार्य निम्नलिखित हैं:
(1) प्रक्रिया प्रबंधन (Process Management)- प्रोसेस एक ऐसा प्रोग्राम है जो execute होता है। कम्प्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य करने के लिए प्रोसेस एक इकाई होती है।
(i) ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेस- ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेस वह होता है जिसे यूजर तथा सिस्टम प्रोसेस को सिस्टम के द्वारा बनाया तथा डिलीट किया जा सकता है।
(II) यूजर प्रोसेस – प्रोसेस प्रबंधन, यह ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा विभिन्न प्रोसेस के बीच कम्यूनिकेशन को हेन्डल किया जाता है।
(2) मेमोरी प्रबंधन (Memory Management)-प्रत्येक प्रोग्राम के क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि उसे मेन मेमोरी में लोड किया जाए। जब प्रोग्राम का कार्य पूरा हो जाता है। तो इसे मेन मेमोरी से हटाकर सेकन्डरी मेमोरी में स्टोर किया जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया को ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा हेन्डल किया जाता है। मेमोरी प्रबंधन निम्न कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है :
(i) प्रोसेस के लिए मेमोरी स्पेस प्रदान करना व हटाना।
(ii) यह निर्धारित करना कि मेमोरी का कौन-सा भाग किस प्रोसेस को देना है।
(3) फाइल का प्रबंधन (File Management)- डाटा के समूह को फाइल के रूप में कम्प्यूटर में स्टोर किया जाता है। फाइलों को व्यवस्थित करने के लिए फोल्डर का निर्माण किया जाता है यह कम्पोनेन्ट निम्न कार्यों के लिये उत्तरदायी होता है :
- (i) फाइलों का बनाना व डिलीट करना,
- (ii) फोल्डर को बनाना व डिलीट करना।
(4) सेकन्डरी स्टोरेज का प्रबंधन (Management of Secondary Storage) – वर्तमान समय में डिस्क प्रयोग सेकन्डरी मेमोरी के रूप में किया जाता है। अतः कम्प्यूटर सिस्टम में डिस्क का प्रबंधन एक मुख्य कार्य होता है। इस कम्पोनेन्ट के निम्न कार्य होते हैं :
(i) Free Space का प्रबंधन:
(II) डिस्क व्यवस्थित करना।
(5) इनपुट / आउटपुट का प्रबंधन (Monitoring Input/Output)- इनपुट आउटपुट डिवाइस किसी कम्प्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रत्येक इनपुट / आउटपुट डिवाइस के अपने अलग-अलग कमान्डस के समूह होते हैं। इस कम्पोनेन्ट का मुख्य कार्य है यूजर को आसानी से इन्टरफेस प्रदान करना ।
(6) सुरक्षा (Security)- डाटा सुरक्षा तथा एकता का निर्माण होता है जिससे कि विभिन्न प्रोग्राम तथा डाटा के बीच कोई मतभेद पैदा न हो।
(7) गतिविधियों का संचालन (Monitoring Activities) प्रक्रिया के दौरान कम्प्यूटर सिस्टम की गतिविधियों को ऑपरेटिंग सिस्टम ध्यान रखता है। प्रोग्राम में त्रुटि होने पर उन्हें निरस्त (terminate) करता है। इसी प्रकार इनपुट / आउटपुट डिवाइसेस में आने वाली किसी भी अप्रत्याशित . त्रुटि के लिए यूजर (User) को तत्काल संदेश (Message) भी ऑपरेटिंग सिस्टम देता है। जब अनेक यूजर्स (Users) द्वारा संचालित सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयुक्त किया जाता है तो यह सिस्टम को सुरक्षा (Security) भी प्रदान करता है।
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