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कक्षागत प्रथाओं में अधिगम समस्याओं का समाधान (Solution of Learning Difficulties in Classroom Practices)
शिक्षक को कक्षा में अधिगम कराते समय कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है परन्तु एक योग्य शिक्षक उन समस्याओं का समाधान बहुत ही सरलता से ढूंढ़ लेता है। एक शिक्षक प्रमुख समस्याओं का समाधान किस प्रकार से करता है उसका विवरण निम्नलिखित हैं-
- छात्रों से व्यक्तिगत सम्बन्ध ।
- छात्रों की समस्याओं को ध्यान से सुनना ।
- छात्रों को अलग-अलग शिक्षण विधियों से पढ़ाना।
- छात्रों की जिज्ञासा को शान्त करना।
- छात्रों को सरल शब्दों में समझाना आदि ।
1) छात्रों से व्यक्तिगत सम्बन्ध (Personal Relations with the Students) – कक्षा का प्रत्येक छात्र चाहता है कि शिक्षक का उसके साथ व्यक्तिगत सम्बन्ध हो जिससे वह अपनी प्रत्येक समस्या को सरलता के साथ कह सकें। यद्यपि शिक्षक के लिए प्रत्येक छात्र के साथ व्यक्तिगत रखना आसान नहीं होता है फिर भी शिक्षक को प्रत्येक छात्र के साथ अपने जुड़ाव को प्रदर्शित करना चाहिए जिससे उन्हें अधिगम में सरलता होती है।
2) छात्रों की समस्याओं को ध्यान से सुनना (Listen Carefully to the Problems of the Students) — शिक्षकों को प्रत्येक छात्र की समस्याओं एवं आवश्यकताओं को ध्यान से सुनना चाहिए। इससे छात्र का मन अधिगम में ठीक प्रकार से रमता है अन्यथा वह अपनी समस्याओं एवं आवश्यकताओं के बारे में ही चिन्तन मनन करता रहता है। यद्यपि शिक्षक के लिए छात्र को ज्ञान प्रदान करना प्रमुख कार्य है परन्तु अगर छात्र की आवश्यकता, समस्या, रुचि आदि के बारे में शिक्षक नहीं जानेगा तो वह छात्र को ज्ञान नहीं प्रदान कर पाएगा तथा उसका शिक्षण व्यर्थ जाएगा।
3) छात्रों को अलग-अलग शिक्षण विधियों से पढ़ाना (Different Types of Teaching Methods for the Students) – सभी छात्र एक ही शिक्षण विधि से सरलता से अवधारणाओं एवं तथ्यों को समझ नहीं पाते हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को चाहिए कि शिक्षण करते समय एक से अधिक विधि का प्रयोग एक ही विषय में करें जिससे समस्त छात्र विषय के विभिन्न पहलुओं एवं तथ्यों को सरलता से समझ सकें एवं इससे शिक्षण रुचिपूर्ण हो जाता है।
4) छात्रों की जिज्ञासा को शान्त करना (To Satisfy the Curiosity of the Students) – शिक्षक का प्रमुख दायित्व छात्रों की जिज्ञासा को शान्त करना होता है। छात्र जब किसी विषय का अध्ययन करना प्रारम्भ करता है तो वह उस विषय से जुड़े प्रत्येक तथ्य, अवधारणा आदि के बारे में तत्काल जानना चाहता है। ऐसे में शिक्षक छात्रों को समझाकर धीरे-धीरे उनकी जिज्ञासा को शान्त करता है। इससे छात्र अधिगम को अर्थपूर्ण ढंग से समझते तथा ग्रहण करते हैं।
5) छात्रों को सरल शब्दों में समझाना (To Explain the Students in Easy Words)- शिक्षक को प्रत्येक विषय को सदैव सरल शब्दों में समझाना चाहिए जिससे छात्रों को कोई भी विषय गम्भीर (कठिन) न लगे। यदि सरल विषय को कठिन शब्दों में समझाया जाए तो विषय जटिल बन जाता है। एक योग्य शिक्षक इस बात का विशेष ध्यान रखता है कि छात्रों को प्रत्येक विषय आसानी से समझ में आ जाए और इसके लिए वह सरल शब्दों का सहारा लेता है।
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