केन्द्रीयकरण व विकेन्द्रीयकरण में अन्तर (Difference between Centralisation and Decentralisation)
हैराल्ड कुण्ट्ज तथा ओ० डोनेल के अनुसार, “केन्द्रीयकरण तथा विकेन्द्रीयकरण में ठीक उतना ही अन्तर है। जितना कि गरम और ठण्डे में पाया जाता है।” इन दोनों में अन्तर निम्न आधारों पर किया जा सकता है-
(1) एकीकरण का आधार- केन्द्रीयकरण के अर्न्तगत एकीकरण को प्रोत्साहन मिलता है जबकि विकेन्द्रीयकरण एकीकरण को हतोत्साहित करता है।
(2) प्रेरणा एवं मनोबल में सुधार का आधार – केन्द्रीयकरण में कर्मचारी केवल अपने को मशीन का पार्ट समझता है, उसमें मनोबल का अभाव पाया जाता है, क्योंकि उसे प्रेरणा नहीं मिलती, जबकि विकेन्द्रीयकरण में कर्मचारी को विशेष प्रेरणा मिलती है।
(3) क्रियाओं की एकरूपता का आधार- केन्द्रीयकरण में क्रियाओं की एकरूपता बनी रहती है जबकि विकेन्द्रीयकरण क्रियाओं में एकरूपता का अभाव रहता है।
(4) उच्च अधिकारियों के भार का आधार- केन्द्रीयकरण के अन्तर्गत उच्च अधिकारियों के ऊपर अधिक उत्तरदायित्व होता है, जिससे उन पर भार बढ़ जाता है जबकि विकेन्द्रीयकरण में उत्तरदायित्वों का विभाजन होने से भार में कमी आती है।
(5) संकटकालीन परिस्थितियों का सामना करने का आधार – केन्द्रीयकरण के अन्तर्गत संकटकालीन परिस्थितियों का सुगमता से सामना किया सकता है, जबकि विकेन्द्रीयकरण के अन्तर्गत संकटकालीन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता नहीं होती है।
(6) निर्णय लेने का अधिकार- केन्द्रीयकरण में निर्णय उच्च अधिकारियों द्वारा लिये जाते हैं जबकि विकेन्द्रीयकरण में निर्णय स्तरीय अधिकारियों द्वारा लिये जाते हैं।
(7) समन्वय की समस्या- केन्द्रीयकरण में समन्वय की समस्या उत्पन्न नहीं होती जबकि विकेन्द्रीयकरण में समन्वय की जटिल समस्या रहती है।
(8) निर्भरता – केन्द्रीयकरण में अधीनस्थों पर निर्भरता कम रहती है जबकि विकेन्द्रीयकरण में अधीनस्थों पर निर्भरता अधिक रहती है।
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