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पाठ्यचर्या के आधार (BASES OF CURRICULUM)
पाठ्यचर्या को आधार प्रदान करने वाले अनेक निर्धारक तत्त्व हैं तथा मानव जीवन में शिक्षा का अद्वितीय स्थान है। शिक्षा के अभाव में मानव मात्र एक प्राणी बन कर रह जाता है। शिक्षा प्राप्त करके ही वह एक सामाजिक प्राणी बनता है। शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली एक जटिल एवं व्यापक प्रक्रिया है। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति अपनी अपरिपक्वता को परिपक्वता, बर्बरता को सभ्यता एवं पाश्विकता को मानवता में परिवर्तित करता है। शिक्षा प्रक्रिया में पाठ्यचर्या अपनी अभूतपूर्व भूमिका का निर्वहन करती है एवं यह समय-समय पर अपने तत्कालीन समाज की दशाओं एवं परिवर्तनों से प्रभावित होती रहती है। पाठ्यचर्या निर्माण एवं विकास की प्रक्रिया विभिन्न तथ्यों एवं सिद्धान्तों पर निर्भर करती है, जैसे- दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक आधार आदि। पाठ्यचर्या के कुछ आधार होते हैं जो निम्नलिखित हैं-
पाठ्यचर्या के आधार (Basis of Curriculum)
- दार्शनिक आधार (Philosophical Basis)
- सामाजिक-सांस्कृतिक आधार (Socio-Cultural Basis)
- राजनैतिक आधार (Political Basis)
- मनोवैज्ञानिक आधार (Psychological Basis)
- अन्य आधार (Other Basis)
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