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मस्तिष्क-उद्वेलन विधि (Brainstorming Method)
इस विधि का प्रतिपादन करने का श्रेय एलेक्स एफ. आसबॉर्न (Alex Faickncy Osborn) को है जिन्होंने सन् 1963 में अपनी रचना ‘एप्लाइड इमेजिनेशन’ (Applied Imagination) में इसे दिया था। यह एक प्रजातांत्रिक विधि है। मस्तिष्क उद्वेलन (हलचल) में ऐसी परिस्थितियों एवं साधनों का प्रयोग किया जाता है जो बालक के मस्तिष्क को इस प्रकार सक्रिय करे जिससे कि दिए गए कार्य या समस्या के बारे में असंख्य समाधान, विचार, सही गलत, औचित्य – अनौचित्य आदि उसके मस्तिष्क पटल पर अनायास ही उभर जाए। इसमें वाद-विवाद, तर्क-वितर्क, विचार-विमर्श आदि शिक्षण साधनों का प्रयोग किया जाता है।
इस विधि में छात्रों को समस्या दी जाती है तथा छात्रों से समस्या समाधान करने के लिए कहा जाता है। समस्या समाधान से सम्बन्धित जो भी विचार जिस छात्र के दिमाग में आते हैं वे उन्हें प्रस्तुत करते जाते हैं। प्रत्येक विचार के बारे में तर्क-वितर्क किया जाता हैं। सही सिद्ध होने पर उसे स्वीकार कर लिया जाता है अथवा अस्वीकार कर दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक विचार के बारे में वाद-विवाद, विचार-विमर्श एवं तर्क-वितर्क किया जाता है। प्रत्येक छात्र अपने विचारों को निर्भीकता एवं स्वतन्त्रतापूर्वक प्रस्तुत कर सकते हैं। सभी छात्रों से प्राप्त विचारों का विश्लेषण, संश्लेषण तथा मूल्यांकन किया जाता है। समस्या का सर्वोत्तम समाधान निकालने का प्रयास किया जाता है।
मस्तिष्क उद्वेलन से तात्पर्य व्यक्ति की सोचने की क्रिया से है। मनुष्य सदैव सोचने का कार्य करता रहता है। सोते समय भी मनुष्य के मस्तिष्क में विभिन्न विचार उद्वेलित होते रहते हैं। विचारों की प्रक्रिया विभिन्न आविष्कारों का आधार बनती है। अर्थशास्त्र एवं भूगोल के सम्बन्ध में व्यक्ति प्रायः किसी सिद्धान्त के सम्बन्ध में अपने विचारों को अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करता है। ये विचार समय-समय पर परिवर्तित होते रहते हैं। यही विचार बालक की समझ का विकास करते हैं तथा यही विचार वाद-विवाद आदि को भी जन्म देते हैं।
मस्तिष्क उद्वेलन प्रक्रिया सामान्यतः व्यक्ति की वैचारिक प्रवृत्ति से जुड़ा होता है जिसकी कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार हैं-
मस्तिष्क उद्वेलन नए विचारों को जन्म देने की प्रक्रिया है।
Brainstorming is a process for generating new ideas.
अलेक्स ऑजबोर्न के अनुसार, “मस्तिष्क उद्वेलन एक विचार गोष्ठी तकनीक है जहाँ एक समूह, एक समस्या का समाधान, अपने समूह के सदस्यों के विचारों के माध्यम से प्राप्त करता है।”
According to Alex Osborn, “Brainstorming is a conference technique by which a group attempts to find a solution for a specific problem by amassing all the ideas spontaneously by its members.”
मस्तिष्क उद्वेलन एक ऐसी तकनीक है जिससे विचार प्रकट करने की क्षमता का विकास होता है।
Brainstorming is a technique that maximises the ability to generate new ideas.
मस्तिष्क उद्वेलन एक विषय से सम्बन्धित अधिकतम विचार प्राप्त करने की प्रक्रिया है।
Brainstorming is a process designed to obtain the maximum number of ideas relating to a specific area of interest.
मस्तिष्क उद्वेलन विधि की विशेषताएँ (Characteristics of Brainstorming Method)
विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर मस्तिष्क उद्वेलन की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- मस्तिष्क उद्वेलन एक प्रक्रिया है जिसमें किसी समस्या के समाधान हेतु विचार प्राप्त किए जाते हैं।
- मस्तिष्क उद्वेलन में सभी व्यक्तियों को अधिक से अधिक विचार प्रस्तुत करने की स्वतन्त्रता होती है ।
- नवीन विचारों को रखने हेतु प्रेरणा प्रदान की जाती है।
- विचारों में जितनी विभिन्नता होती है मस्तिष्क उद्वेलन उतना ही गुणवत्तापूर्ण होता है।
- मस्तिष्क उद्वेलन में विचारों के मूल्यांकन एवं चयन की योग्यता होती है।
- विभिन्न विचारों एवं कसौटियों पर विचार-विमर्श किया जाता है।
- मस्तिष्क उद्वेलन की व्यूह रचना को अच्छे अध्यापक सरलता से समझा सकते हैं।
अतः उपरोक्त बिन्दुओं के माध्यम से मस्तिष्क उद्वेलन की प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट तथा परिलक्षित हो जाती हैं।
मस्तिष्क-उद्वेलन विधि के गुण (Merits of Brainstorming Method)
मस्तिष्क उद्वेलन विधि के गुण इस प्रकार हैं-
- इस विधि के द्वारा ज्ञानात्मक एवं भावात्मक पक्ष के उद्देश्यों का विकास होता है।
- इसके द्वारा सामाजिकता की भावना का विकास होता है।
- इसके द्वारा छात्र अपने विचारों की मौलिक अभिव्यक्ति करते हैं।
- इसके द्वारा छात्रों में दूसरों को सुनने व उनके विचारों को समझने की क्षमता का विकास होता है।
- छात्रों में आलोचनात्मक एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास होता है।
- उच्च कक्षाओं के छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
- छात्र सक्रिय रहते हैं इसलिए प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है।
- छात्र में समस्या समाधान करने की क्षमता का विकास होता है।
- छात्र को प्रजातान्त्रिक वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है।
- यह विधि शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित होती है।
- इस विधि से छात्रों में सामूहिक रूप से चिन्तन करने तथा कार्य करने की आदत का विकास होता है।
- इसमें छात्रों को विचार करने, संश्लेषण करने तथा निष्कर्ष पर पहुँचने की क्षमता का विकास करने का पर्याप्त अवसर मिलता है।
मस्तिष्क- उद्वेलन विधि के दोष (Demerits of Brainstorming Method)
मस्तिष्क उद्वेलन विधि के दोष निम्नलिखित हैं-
- इस विधि द्वारा सभी विषयों का ज्ञान देना सम्भव नहीं होता है।
- यह पिछड़े छात्रों के लिए उपयोगी नही है।
- सभी छात्र तर्क-वितर्क, वाद-विवाद तथा विचार-विमर्श में सहयोग नहीं दे पाते हैं।
- यह विधि अध्ययन-अध्यापन के लिए सुव्यवस्थित विधि नहीं है।
- सभी छात्र एक साथ अपने-अपने विचार प्रस्तुत करते हैं जिससे समय की बर्बादी होती है।
- इसमें छात्रों का व्यक्तिगत रूप से मूल्याकंन करना कठिन कार्य है।
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