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शिक्षा में प्रौद्योगिकी उन्नति के प्रकार | Types of Technological Advancement in Education in Hindi

शिक्षा में प्रौद्योगिकी उन्नति के प्रकार | Types of Technological Advancement in Education in Hindi
शिक्षा में प्रौद्योगिकी उन्नति के प्रकार | Types of Technological Advancement in Education in Hindi

शिक्षा में प्रौद्योगिकी उन्नति के प्रकार (Types of Technological Advancement in Education)

प्रौद्योगिकी उन्नति को शिक्षा के क्षेत्र में निम्नलिखित प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है-

1) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence)- किंडरगार्टेन से लेकर स्नातक तक के विद्यालय में शिक्षा को प्रभावित करने का एक सफल पथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता है। जिसको वैयक्तिक अधिगम के द्वारा अधिक से अधिक स्तरों पर उपयोग किया जा सकता है। स्मार्ट क्लास कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उत्तम उदाहरण है, जो उपयोगकर्ता समूहों के अनुसार संसाधन परिपूर्ण तथा स्वचालित होता है। यह एक विशिष्ट वर्ग समूह या व्याख्यान के आगमन पर आधारित एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है यह स्टॉफ या छात्रों के आगमन पर स्वचालित रुप से प्रतिक्रिया कर सकता है। व्याख्यान के प्रारम्भ में थकाऊ कार्य को संचालित किया जा सकता है जिससे शिक्षक और छात्र दोनों का ध्यान अधिगम प्रक्रिया पर केन्द्रित रहता है।

2) आभासी वास्तविकता (Virtual Reality)- शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जो अधिगम प्रयोजनों के लिए आभासी वास्तविकता को चयनित करता है। यह छात्रों को त्रियामी (3-D) वातावरण में बातचीत करने के लिए सक्षम बनाता है साथ ही एक दूसरे के साथ अन्तर्क्रिया के अवसर भी बढ़ जाते हैं। प्रदर्शित चित्र में छात्र आभासी वास्तविकता के माध्यम से व्याख्यान सुन रहे हैं। छात्रों की अधिगम शैली उनके परिवेश के साथ बदल रही है।

3) एम-लर्निंग (M-Learning)- पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा में अधिगम के लिए मोबाइल का उपयोग बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में कम्प्यूटर का उपयोग मोबाइल से परिवर्तित किया जा रहा है। अधिकतर लोग इण्टरनेट के प्रयोग के लिए मोबाइल का उपयोग करते है न कि कम्प्यूटर का। यही वजह है कि मोबाइल अनुपयोग विकास कम्पनियों ने शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न अधिगम एप्स (Learning App) का विकास किया है जो छात्रों को अधिक स्तर में व्यस्त रखने के लिए अवसर देते हैं। स्मार्टफोन और क्लिकर जैसे उपकरणों का उपयोग कक्षा अनुभवों में सुधार करने में किया जाता है जिससे शिक्षकों को प्रतिपुष्टि प्राप्त होती है।

4) टैबलेट और लैपटॉप (Tablet and Laptop) – शिक्षण संस्थान परम्परागत तकनीकी शिक्षण विधियों को और अधिक उन्नत शिक्षण उपकरणों से परिवर्तित करते हैं। जैसे- पुस्तकों के स्थान पर लैपटॉप एवं टैबलेट का प्रयोग किया जा रहा है। ब्लैकबोर्ड का उपयोग एक पुरानी विधि है। परम्परागत शिक्षण विधियाँ वर्तमान समय की शिक्षण तकनीकी से अधिक लागत वाली थी। नवीन तकनीकी विधियों ने शिक्षण लगत को कम किया है। प्रौद्योगिकी के कारण शिक्षा का प्रसार परिवार में हुआ है।

5) संस्थानों में सामाजिक मीडिया (Social Media at Institutions)-सोशल मीडिया शिक्षा के क्षेत्र के साथ-साथ विश्वविद्यालय कॉलेजों और इन्टरनेशनल स्कूल में एक एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा है। छात्र सोशल मीडिया का उपयोग एक रहा प्लेटफार्म के रूप में करते हैं जहाँ वे अपने मित्र, रिश्तेदार एवं परिचितों के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त करते हैं। इसके अलावा कक्षा ब्लॉग और विक्कीपीडिया का उपयोग भी बहुतायत से किया जा रहा है। ब्लॉग छात्र को अपने संवाद रखने की अनुमति देते है। विकिपीडिया (Wikipedia) किसी डॉक्यूमेन्ट में परिवर्तन की अनुमति समूह के कुछ सदस्यों को होती है। ब्लॉग छात्र के सीखे ज्ञान को स्वतन्त्र रूप से व्यक्त करने की अनुमति देते हैं। 

6) स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से सीखना (Learning Through Smart Board)- स्मार्ड बोर्ड छात्रों को शिक्षण सम्बन्धी प्रक्रियाओं में प्रतिभाग करने की सुविधा प्रदान करता है। यह छात्रों को लेखन, शिक्षण और ड्राइंग के माध्यम से विषय को समझने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करता है। स्मार्ट बोर्ड प्रत्येक छात्र को टैबलेट एवं नोटबुक के माध्यम से इस चर्चा में भाग लेने की सुविधा प्रदान करता है। यह विषयों को सरलता और मनोरंजक पूर्वक समझने में सहयोग करते है। स्मार्ट बोर्ड कम्प्यूटर स्क्रीन पर अलग-अलग वस्तुओं को प्रदर्शित करके कक्षा के अनुभव तथा कम्प्यूटर नियन्त्रण अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करते हैं। दृश्य अधिगम के साथ स्मार्ट बोर्ड यह छात्रों को किसी छवि में परिवर्तन, लेखन एवं चित्र बनाने के अवसर भी प्रदान करता है। 

7) शिक्षा में क्लाउड आधारित प्रौद्योगिकी (Cloud Based Technology in Education) – कुछ स्थान ऐसे है जहाँ छात्र सामान्य कक्षा में उपस्थित नहीं रह सकते है ऐसी स्थिति में क्लाउड आधारित कक्षा-कक्ष आदर्श हो सकते हैं। इन कक्षाओं में मूल टेक्स्ट पाठ, वीडियो पाठ या लाइव चैट (Live Chat) को सम्मिलित किया जा सकता है। वीडियो सन्देश कार्यक्रम, तत्काल संदेशवाहक (Instant Messenger) जैसे स्काइप (Skype) के माध्यम से लाइव चैट किया जा सकता है। कक्षा में स्ट्रीम वीडियो वेबसाइट का उपयोग करके अधिगम को उन्नत बनाया जा रहा है। इन उपकरणों का उपयोग छात्रों को प्रेरित करने के लिए किया जाता है।

8 ) एम. ओ. ओ. सी. (Massive Open Online Courses, MOOCs)- एमओओसी एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ छात्र इण्टरनेट के माध्यम से निःशुल्क आनलाइन वार्षिक पाठ्यक्रम खोज सकता है। यद्यपि पाठ्यक्रम की गुणवत्ता और अवधि दिन प्रति दिन परिवर्तित होती रहती है। इस प्रौद्योगिकी ने शिक्षा के परिदृश्य को परिवर्तित कर दिया है। एमओओसी को मुक्त / ऑनलाइन शिक्षा से सम्बन्धित मापनीयता (Scalability) के रूप में माना जा सकता है। इसके अतिरिक्त क्लास वेबसाइट का डिजाइन छात्रों के होमवर्क, सामान्य ज्ञान खेल, प्रसिद्ध उद्धरण और अन्य शैक्षिक ज्ञान को पोस्ट करने में सहयोग करती है। वर्तमान समय में प्रत्येक छात्र कम्प्यूटर को सरलता से तथा अपने तरीके से वेबसाइट को संचालित कर सकता है।

9) शिक्षा में वीडियो का उपयोग (Use of Videos in Education)- वीडियो एक और साधन है जो हाल ही के वर्षों में उपयोग किया जा रहा है। लगभग 46 प्रतिशत शिक्षक कक्षा में वीडियो का उपयोग कर रहे है। एक तिहाई छात्र अपने होमवर्क पूर्ण करने के लिए ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से सहयोग प्राप्त कर रहे हैं। डिजिटल वीडियों ने कक्षा हार्डवेयर को स्थानान्तरित किया है तथा शिक्षक एवं छात्रों को सार्वजनिक इन्टरनेट के प्रयोग किए बिना वीडियो क्लिप के उपयोग की अनुमति देता है।

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Anjali Yadav

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