अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए। अथवा वे कौन से कारक हैं जो अधिगम को प्रभावित करते हैं ? वर्णन कीजिए।
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अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing the Learning)
अधिगम मनुष्य की अनुभवज्ञान-ग्राही प्रक्रिया है जिस पर विभिन्न कारक अपना प्रभाव डालते हैं। मनुष्य को शरीर एवं मन दो तत्त्व जन्म से प्राप्त हुए हैं जिन पर उसके चारों ओर पाया जाने वाला पर्यावरण अपने विभिन्न साधनों के द्वारा प्रभाव डालता है। अधिगम एतदर्थ में मनुष्य की पर्यावरण से प्राप्त उत्तेजना के प्रति अनुक्रिया है जिसके बहुत से उत्पाद्य होते हैं, ये उत्पाद्य पर्यावरण के प्रभाव ही कहे जाते हैं। अतः अब हम कह सकते हैं कि अधिगम को प्रभावित करने वाले तीन प्रकार के कारक हैं- (1) शारीरिक, (2) मानसिक (3) पर्यावरण सम्बन्धी
(1) शारीरिक कारक
शरीर और उसके अवयव अधिगम को प्रभावित करते हैं और ये कारक काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि बिना शारीरिक अवयवों के अधिगम की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसी दशा में हमारी पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ और हाथ-पाँव, धड़, शरीर का पूरा ढाँचा, आन्तरिक अंग सभी अधिगम को प्रभावित करते हैं। ज्ञानेन्द्रियों से संवेदन और प्रत्यक्षण होता है, यदि इनमें कोई कमी और दोष हुआ तो अधिगम भी दोषपूर्ण होता है या नहीं होता है। कान से बहिरे, मुख से गूँगे, हाथ-पाँव से अपंग या विकल व्यक्ति को ज्ञान-अनुभव कौशल प्राप्त करना सम्भव नहीं होता। इसी प्रकार से आन्तरिक पीड़ा, आन्तरिक दोष-रोग के कारण भी अधिगम क्रिया पूरी नहीं होती है।
शारीरिक अंगों के अलावा स्वास्थ्य भी अधिगम को प्रभावित करता है- Healthy mind in healthy body स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क-मन होता है। अतः शारीरिक स्वास्थ्य, अच्छी दशा, शारीरिक अवस्था (शैशवावस्था, बाल्यावस्था आदि), आयु, शारीरिक परिपक्वता, भिन्न शारीरिक श्रम और थकान आदि मनुष्य के अधिगम को अधिक प्रभावित करते हैं। अब पूरी तौर से हमें ज्ञात हो जाता है कि विविध शारीरिक तत्त्वों का प्रभाव अधिगम की क्रिया पर कितना अधिक पड़ता है।
(2) मानसिक कारक
मानसिक कारक कई हैं जिन्हें हम नीचे दे रहे हैं, इन सबका प्रभाव अधिगम पर पड़ता है।
(a) आवश्यकता- व्यक्ति की आवश्यकता उसे विभिन्न प्रकार से ज्ञान अनुभव कौशल के अर्जन में प्रयत्नवान बनाती है। उदाहरण के लिए भूख लगने पर मानव यह जानने की चेष्टा करता है कि भोजन कहाँ मिल सकता है। परीक्षा पास करने की आवश्यकता उसे पुस्तकों के अध्ययन में लगाती है।
(b) अभिप्रेरण- कुछ मनोविज्ञानियों ने अभिप्रेरण को सबसे प्रमुख कारक माना है। इसे ‘अधिगम का प्राण’ कहा है। वस्तुतः विभिन्न ढंग से अभिप्रेरित करने पर मनुष्य अधिगम पूरा करता है। ऐसे साधन कई हैं- (i) अन्तर्नोद (Drive) जैसे भूख, प्यास आदि। (ii) अधिगम की अभिलाषा और जिज्ञासा । (iii) आकांक्षा का स्तर । (iv) अहं का अन्तरविष्टन (Ego Involvement) जब व्यक्ति अपने आत्म को अधिगम में निहित कर देता है। (v) प्रशंसा और निन्दा अर्थात् अधिगम का मूल्यांकन करना । (vi) परिणाम का ज्ञान । (vii) जीवन का लक्ष्य।
(c) बुद्धि- मनुष्य की बुद्धि भी एक मानसिक कारक है जो अधिगम को प्रभावित करती है। मंद बुद्धि की अपेक्षा तीव्र बुद्धि शीघ्र अधिगम करता है। उसे अनुभव एवं ज्ञान भी अधिक होता है। विशेष बुद्धि या अभिक्षमता (Aptitude) भी इसी में शामिल है।
(d) अभिवृत्ति अधिगम के लिए यह कारक भी अति उत्तरदायी माना जाता है। जब तक मनुष्य की अभिवृत्ति किसी प्रकार के ज्ञान धारण करने की ओर नहीं होती है अधिगम सम्भव नहीं होता है।
(e) अवधान और रुचि- मनुष्य के द्वारा अधिगम क्रिया में अवधान और रुचि रखने से ही अधिगम क्रिया सफल होती है।
(f) अध्यवसाय एवं अभ्यास- अधिगम के लिए लगातार परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है और इसके लिए मनुष्य को अध्यवसायी होना जरूरी है, उसे हमेशा अभ्यास भी करना चाहिए तभी कुशलता एवं दृढ़ता आती है।
(g) संकल्प- मनुष्य की दृढ़ता एवं विश्वास होने से संकल्प पूरा होता है। अधिगम में संकल्प का योगदान पाया जाता है। प्रथम स्थान पाने वाला छात्र अपने संकल्प का प्रयोग करता है।
(h) मानसिक स्वास्थ्य- मानसिक स्वस्थता भी अधिगम को प्रभावित करता है।
(3) पर्यावरण सम्बन्धी कारक
अधिगम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक ऐसे हैं जिनका संबंध पर्यावरण से होता है। ऐसे कारक निम्नलिखित हैं-
(a) गृह से सम्बन्धित- (i) स्वास्थ्यदायक भोजन, (ii) सुविधा तथा आराम, (iii) शान्त एवं एकान्त आवास, (iv) माता-पिता और अन्य सम्बन्धियों का अच्छा व्यवहार।
(b) विद्यालय से सम्बन्धित- (i) अधिगम के लिए स्वस्थ, शान्त और अच्छा स्थान और वातावरण (ii) शिक्षण के साधन की सुलभता (iii) विषय सामग्री का सार्थक होना (iv) शिक्षण विधि का उपयुक्त होना, (v) अध्यापक एवं प्रशासक का व्यवहार अच्छा होना (vi) अध्यापक एवं विद्यार्थी का सम्बन्ध, (vii) अधिगम का समय (viii) अधिगम प्रेरक विद्यालय का कार्यक्रम।
(c) समाज से सम्बन्धित- (i) देश व समाज में शान्ति होना (ii) प्रशासन से सुरक्षा प्राप्त होना (iii) समाज में पढ़े-लिखे विद्वान अधिक होना (iv) समाज के द्वारा शिक्षा एवं शिक्षित को सम्मान, पुरस्कार, प्रशंसा देना (v) समाज के द्वारा शिक्षितों को काम में लगाना। (vi) समाज में उद्योग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाना।
इन सब कारकों के अतिरिक्त पूर्ववर्ती अधिगम (Previous learning) भी सीखने की क्रिया को प्रभावित करती है। कभी-कभी पूर्ववर्ती अधिगम, नवीन अधिगम की प्रक्रिया में बाधा पहुँचाता है। विषयवस्तु की क्लिष्टता एवं सार्थकता भी अधिगम को प्रभावित करते हैं। साथ ही साथ वस्तु का रुचिकर या अरुचिकर होना भी सीखने को प्रभावित करता है।
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