Contents
कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Characteristics of Computers)
आज कम्प्यूटर का प्रयोग लगभग जीवन के हर क्षेत्र में किया जा रहा है। ये सब कम्प्यूटर के अच्छे गुणों जैसे- तीव्र गति, उच्च स्तर की शुद्धता, संग्रहण सुविधा, लगातार कार्य करने की क्षमता और विभिन्न प्रकार के कार्य करने की क्षमता और विभिन्न प्रकार के कार्य करने की विशेषताओं के कारण सम्भव हो पाया है। अच्छे गुणों के साथ कम्प्यूटर की अपनी कुछ सीमाएँ भी हैं :
(1) शुद्धता (Accuracy) – कम्प्यूटर प्रोसेसिंग में कभी गलती नहीं करते। शुद्ध डेटा और शुद्ध निर्देश हमेशा शुद्ध परिणाम दर्शाते हैं। यदि डेटा या निर्देश में कुछ भी गलत होगा, तब परिणाम अशुद्ध होंगे। इस क्रिया को Garbage in, Garbage Out (GIGO) कहते हैं।
(2) तेज गति (High Speed) – कम्प्यूटर एक तेज गति की मशीन है, जो कि सारी प्रक्रियाएँ बड़ी तेज गति से कुशलतापूर्वक कर सकता है। कम्प्यूटर की गति को प्रायः माइक्रो सेकण्ड में मापा जाता है। एक शक्तिशाली कम्प्यूटर प्रति सेकण्ड कई अरब गणनाएँ कर सकता है।
(3) बहुमुखी प्रतिभा (Versatility) – बहुमुखी प्रतिभा का अर्थ है अनेक प्रकार के कार्यों को करने की क्षमता। एक काम से दूसरा काम, बिना समय व्यर्थ किए और ध्यान भंग किए किया जा सकता है। जैसे-एक समय, यदि पेरोल पर काम कर रहे हैं, तो अगले क्षण गेम भी खेली जा सकती है।
(4) संग्रहण (Storage) – कम्प्यूटर में In-built मेमोरी होती है, जो प्रोसेस किए जा रहे निर्देश सूचना को संगृहीत करती है, परन्तु आन्तरिक मेमोरी इतनी ज्यादा नहीं होती। इस कमी को दूर और करने के लिए द्वितीयक (Secondary) संग्रह उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इन उपकरणों में डेटा और निर्देश संग्रह करके बार-बार प्रयोग कर सकते हैं।
(5) कम लागत (Low Cost )- कम्प्यूटर की लागत और लगाने की लागत भी कोई ज्यादा नहीं है, यदि इससे मिलने वाले लाभों को ध्यान में रखा जाए। ये कई कर्मचारियों का कार्य भी अकेले कर सकता है, जिससे धन की बचत होती है। इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर की लागत भी दिन-प्रतिदिन कम हो रही है।
(6) बुद्धिमान नहीं (Not intelligent)- कम्प्यूटर बुद्धिमान नहीं है और जब तक इसे निर्देश न दिए जाएँ, यह काम नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त जैसे इसे निर्देश दिए जाएँ वैसे ही कार्य करता है। परिस्थितियों के अनुसार कोई बदलाव नहीं कर सकता।
(7) सटीक निर्देश (Precise Instructions)- कम्प्यूटर तभी कार्य करता है, जब इसे सटीक निर्देश दिए जाते हैं। कोई सन्देहशील या दोहरा अर्थ वाले निर्देश कम्प्यूटर को भ्रमित कर देते हैं और जिसका परिणाम गलत भी हो सकते हैं।
(8) ह्युअरिस्टिक नहीं (No Heuristics)- कम्प्यूटर अपने अनुभव से नहीं सीखता है। यदि एक बार गलती कर दे, तो भविष्य में भी उसी तरह की गलती करेगा, यदि उन्हीं निर्देशों के अनुसार ‘कार्य करता है।
(9) परिश्रमी (Diligence)- एक कम्प्यूटर लगातार, बिना आराम किए 24 घण्टे कार्य कर सकता है। यह प्रथम निर्देश को जिस गति और शुद्धता से करता है, उतनी ही गति और शुद्धता से 100वें निर्देश पर भी कार्य कर सकता है। मानव में ये विशेषता नहीं होती, क्योंकि कुछ काम करने के बाद वह थक जाता है और गति और शुद्धता भी कम हो जाती है।
(10) अनावश्यक दोहराव में कमी (Reduce Redundancy) – कम्प्यूटर में अनावश्यक कार्यों में दोहराव न हो, यहाँ क्षमता भी होती है। कम्प्यूटर नेटवर्किंग के कारण, एक कम्प्यूटर का डेटा उससे जुड़े कम्प्यूटर में आसानी से शेअर किया जा सकता है। इस प्रकार, एक ही तरह का डेटा सब कम्प्यूटर पर संगृहीत करने की आवश्यकता नहीं होती।
(11) प्रोग्रामैबल (Programmable)- कम्प्यूटर में प्रोग्रामिंग की भी क्षमता होती है। इस क्षमता की वजह से कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन की तरह कार्य करता है, क्योंकि जैसे ही कम्प्यूटर को कोई प्रोग्राम दिया जाता है, केवल प्रोग्राम का नाम एण्टर करने पर वह प्रोग्राम कार्य करने लगता है।
(12) मानव पर निर्भरता (Human Dependency)- कम्प्यूटर कोई भी कार्य स्वयं नहीं कर सकता। यह मानव पर निर्भर है। मानव द्वारा निर्देश दिए जाने पर ही वह कार्य करता है।
(13) भावनाएँ नहीं (No feeling) – कम्प्यूटर की मेमोरी भी है और सूचनाएँ संगृहीत भी कर सकता है, परन्तु कोई भावनाएँ नहीं। इसलिए भावनाओं और स्वाद आधार पर जो निर्णय लेने होते हैं, कम्प्यूटर वह निर्णय नहीं ले सकता।
(14) स्वयं-चालित (Automation) – कम्प्यूटर को एक बार प्रोग्राम और निर्देश दे दिए जाते हैं, तो यह बिना मानवीय सहायता के अकेले ही प्रोग्राम को चला पर कार्य निष्पादन कर सकता है अर्थात् यह एक स्वचालित मशीन की तरह कार्य करता है।
Important Link
- अधिकार से आप क्या समझते हैं? अधिकार के सिद्धान्त (स्रोत)
- अधिकार की सीमाएँ | Limitations of Authority in Hindi
- भारार्पण के तत्व अथवा प्रक्रिया | Elements or Process of Delegation in Hindi
- संगठन संरचना से आप क्या समझते है ? संगठन संरचना के तत्व एंव इसके सिद्धान्त
- संगठन प्रक्रिया के आवश्यक कदम | Essential steps of an organization process in Hindi
- रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi
- संगठन संरचना को प्रभावित करने वाले संयोगिक घटक | contingency factors affecting organization structure in Hindi
- रेखा व कर्मचारी संगठन से आपका क्या आशय है ? इसके गुण-दोष
- क्रियात्मक संगठन से आप क्या समझते हैं ? What do you mean by Functional Organization?
Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com