निर्देशन से आप क्या समझते हैं ? इसके उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
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निर्देशन का अर्थ (Meaning of Guidance)
निर्देशन का अर्थ मार्ग प्रशस्त, मार्ग-दर्शन, पथ-प्रदर्शन अर्थात् किसी भी व्यक्ति को उसकी क्षमताओं, रुचियों, अभिरुचियों, कुशलताओं आदि से परिचित कराते हुए जो सुझाव दिए जाते हैं, उनको निर्देशन कहते हैं। अन्य शब्दों में, निर्देशन किसी व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को सहायता अथवा परामर्श देने की प्रक्रिया का नाम है। यह निर्देशन का सामान्य अर्थ है और अधिक जानने हेतु विभिन्न शिक्षाशास्त्रियों ने निर्देशन को तीन अर्थों में प्रयोग किया है-
- व्यापक अर्थ में किसी भी व्यक्ति को सेवा के रूप में दी गयी सहायता जो शैक्षिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास में सहायक हो, निर्देशन है।”
- विशिष्ट अर्थ में निर्देशन सेवा के रूप में प्रयोग होता है।
- शिक्षा की उपक्रिया के रूप में।
इस प्रकार निर्देशन का लक्ष्य व्यक्ति तथा समाज में सामंजस्य स्थापित करना है, चाहे सेवा के रूप में या शिक्षा की उपक्रिया के रूप में व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास ही निर्देशन का तात्पर्य है।
निर्देशन की परिभाषा (Definition of Guidance)
निर्देशन का अर्थ स्पष्ट करने के लिए कुछ विद्वानों ने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषायें दी हैं, जिनका विवरण निम्न प्रकार है-
1. जोन्स – निर्देशन एक प्रकार की व्यक्तिगत सहायता है, जो व्यक्ति को इसलिए प्रदान की जाती है कि वह जीवन के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समायोजन स्थापित कर सम्बन्धित समस्याओं को सुलझा सके।
Guidance is the help that is given by one person to another in developing life goals in making adjustment and in solving problems that confront him in the attainment of his life goals., -A. J. Jones
2. मॉरिस – निर्देशन का तात्पर्य व्यक्ति की सहायता से है, जिसके द्वारा वह स्वयं अपनी क्षमताओं का पता लगाने तथा उन्हें विकसित करने का प्रयास करता है, जिससे उसके व्यक्तिगत जीवन सुखी एवं सामाजिक जीवन उपयोगी हो सके।
Guidance is a process of helping individuals through their own efforts to discover and develop their potentialities for personal happiness and social usefulness. – B. Morris
निर्देशन के उद्देश्य(Aims of Guidance)
निर्देशन व्यक्तिगत सहायता या सेवा प्रक्रिया है। भले ही यह व्यक्तिगत रूप से दी जाये या सामूहिक रूप से। इसके द्वारा मार्ग-प्रदर्शन होते हुये भी Direction का समानार्थक नहीं समझना चाहिये। महत्वपूर्ण उद्देश्य निम्न प्रकार हैं-
1. व्यक्तिगत आत्म-ज्ञान (Self-awareness) को समझने लगता है। अपनी क्षमताओं, रुचियों, कुशलताओं के साथ-साथ अपनी आवश्यकताओं आदि से अवगत होने की प्रवृत्ति जाग्रत होती है।
2. विषयों का ज्ञान (Universal Knowledge) का एवं पाठ्यक्रमों के चुनाव में प्रत्येक व्यक्ति अपने क्षमता के अनुसार निर्देशन प्राप्त करता है।
3. सामाजिक जागरूकता (Social awareness) द्वारा समाज के कल्याण एवं सेवा की भावना जागृत करना तथा सामाजिक तनाव में कमी लाने का मार्ग दर्शन ही निर्देशन का महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
4. व्यक्तिगत निर्देशन (Personal Guidance) द्वारा मनुष्य अपनी निजी समस्याओं को सुलझाने में सहायक होता है।
5. व्यवसायों का ज्ञान (Occupational awareness) द्वारा किस व्यक्ति को जीवनोपर्जन के लिए कौन-सा कार्य अपनाना चाहिये। यह Vocational Guidance द्वारा ही सम्भव है।
हमफरी तथा ट्रैक्सलर (Humphery and Traxler) ने निर्देशन के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि निर्देशन व्यक्ति की सहायता निम्न बातों से करे-
- स्वयं को समझना।
- अपनी प्रतिभाओं, रुचियों और दूसरे गुणों का पूर्ण लाभ उठाना ।
- अपने पूर्ण परिवेश में विभिन्न स्थितियों में सामंजस्य स्थापित करना ।
- अपने निर्णय स्वयं लेने की योग्यता का विकास करना ।
- समाज में योगदान के लिए अपना पूरा सहयोग देना ।
- व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप शैक्षिक एवं व्यावसायिक अवसरों का ज्ञान करवाना।
- व्यक्ति को इस योग्य बनाना कि वह विभिन्न परिस्थितियों में अपनी समस्याओं का इस प्रकार समाधान करने योग्य हो जाये कि वह स्वयं का तथा समाज का अधिक हित कर सके।
अमेरिका की राष्ट्रीय निर्देशन समिति ने 1921 में निर्देशन के निम्नलिखित उद्देश्यों की व्याख्या की है-
- छात्रों को उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप सहायता प्रदान करनी चाहिये ताकि प्रत्येक बालक को समान अवसर प्राप्त हो सके।
- व्यक्तियों को व्यवसाय के चुनाव में, उसकी तैयारी में, इसमें प्रवेश लेने तथा उसमें प्रगति करने में सहायता . प्रदान करना ।
- विद्यालय तथा दूसरे औद्योगिक, व्यावसायिक संस्थानों के मध्य सहयोग प्राप्त करना ।
- व्यावसायिक दुनिया की समस्याओं तथा सामान्य व्यवसायों के बारे में जानकारी का विवरण ।
- सभी शिक्षण संस्थाओं में भिन्न-भिन्न शिक्षणों की व्यवस्था करना ।
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