विद्यालय संगठन / SCHOOL ORGANISATION

विद्यालय फर्नीचर एंव विद्यालय कार्यशाला

विद्यालय फर्नीचर एंव  विद्यालय कार्यशाला
विद्यालय फर्नीचर एंव विद्यालय कार्यशाला

निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियों लिखिये-

  1. विद्यालय फर्नीचर।
  2. विद्यालय कार्यशाला।

(i) विद्यालय फर्नीचर

विद्यालयों के फर्नीचर में प्रथम स्थान छात्रों के बैठने के डैस्कों तथा कुर्सियों का है। रायबर्न के शब्दों में – “एकहरी डैस्कें दोहरी डैस्कों से अच्छी होती हैं। कभी-कभी लम्बी डैस्कों पर अलग स्टूल डालकर बैठने का प्रबन्ध किया जाता है। एकहरी डैस्क से बच्चे का कार्य आसान हो जाता है। डैस्क पर भीड़ भी नहीं हो पाती। स्वास्थ्य रक्षा के दृष्टिकोण से ये ज्यादा अच्छी होती हैं तथा साधारणतः वह अधिक संतोषजनक होती हैं। एकहरी डैस्कें अधिक महँगी मिलती हैं तथा इसी लिये कम मिलती हैं। कुछ विषयों के लिये मेजें डैस्कों की अपेक्षा अच्छी होती हैं। किसी ऐसे विषय के लिये जिसमें हाथ का काम अथवा प्रायोगिक कार्य करना हो, मेजों का होना ज्यादा अच्छा है। उन विषयों में जहाँ अनके पुस्तकों की सम्मति लेनी रहती है, जहाँ कार्य डाल्टन योजना के आधार पर किया जाता है एवं अधिकतर ऊँची कक्षाओं में मेज के कारण काम करने में अधिक आसानी होती है। जूनियर कक्षाओं में अधिकतर विषयों के लिये डैस्कें ही अधिक ठीक रहती हैं। “

फर्नीचर के मामले में इंग्लैण्ड के बोर्ड ऑफ एजुकेशन ने निम्न प्रकार सुझाव दिया है-

  1. छात्र को 18 इंच जगह दोनों ओर मिलनी चाहिये।
  2. लम्बे डैस्क इस प्रकार लगाये जायें, जिनमें से अध्यापक गुजर सकें।
  3. आसन तथा डैस्क बालकों की आयु के अनुसार होने चाहियें और उनको खिड़की वाली दीवार से सीधे कोण की ओर लगाना चाहिये।
  4. डैस्क पर 15 डिग्री का ढाल हो।
  5. डेस्क 12 इंच से अधिक चौड़े न हों।

कुर्सी पर बैठते समय छात्र के घुटनों पर जोर न पड़े, घुटने के अन्दर के कोण की जगह खाली हो, जंघाओं के ऊपर भी जगह खाली बचे, डैस्क का पिछला भाग, कुर्सी के अगले किनारे को ढक ले, कुर्सी की कमर, कमर से नीचे हो, डैस्क कुहनी से ऊँचा हो, जिससे लिखते समय आसानी हो।

(ii) विद्यालय कार्यशाला

आधुनिक वैज्ञानिक युग में प्रत्येक स्कूल में शिक्षण एवं गैर शिक्षण उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इसके साथ-साथ तकनीकी विषयों के शिक्षण के लिये कार्यशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसलिये व्यावहारिक विकास के लिये कार्यशाला की व्यवस्था करना अत्यन्त आवश्यक है

कार्यशाला की रचना

विद्यालय की कार्यशाला में लोहे तथा लकड़ी के कार्य के लिये इन साधनों तथा उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है-

लोहे के कार्य की कार्यशाला- एक बड़ा कमरा जिसमें वायु तथा प्रकाश की व्यवस्था हो, हथौड़ा, भट्टी, छैनी, निहाई, सेड़ासियाँ आदि उपकरण, मेज, कुर्सी, अलमारी आदि ।

इनके अतिरिक्त बिजली, पानी का प्रबन्ध होना चाहिये। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वहाँ आकस्मिक दुर्घटना के समय उपचार के लिये प्राथमिक चिकित्सा पेटी (First aid box) भी होना चाहिये।

लकड़ी के कार्य की कार्यशाला- एक बड़ा कमरा जिसमें वायु तथा प्रकाश की व्यवस्था हो। टूल रूम, लेथ मशीन, विभिन्न उपकरण-कटिंग मशीन, मेज, टूल बोर्ड, शीशे की अलमारियाँ, श्यामपट आदि।

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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