भाषा प्रयोगशाला के संगठन को स्पष्ट कीजिए तथा इसके द्वारा शिक्षण में सहयोग एवं महत्त्व की विवेचना कीजिए।
Contents
भाषा प्रयोगशाला संगठन
आधुनिक भाषा शिक्षण विशेषज्ञों ने ध्वनियों के शिक्षण हेतु भाषा प्रयोगशालाओं की स्थापना पर अत्यधिक बल दिया है। भाषा प्रयोगशाला में ‘श्रव्य-दृश्य सामग्री प्रयोगशाला’ एक प्रमुख विभाग के रूप में होता है। इस विभाग में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रत्येक भाषा प्रयोगशाला के दो प्रमुख विभाग होते हैं-
भाषा प्रयोगशाला के उपरोक्त संगठन को निम्न तालिका के आधार पर भी प्रदर्शित किया जा सकता है-
भाषा प्रयोगशाला
अनुसन्धानात्मक शैक्षिक
भाषा प्रयोगशाला भाषा प्रयोगशाला
ध्वनि-विज्ञान दृश्य-श्रव्य
प्रयोगशाला प्रयोगशाला
प्रक्षेपणीय अप्रक्षेपणीय
भाषा प्रयोगशाला की सहायता से अधिगम
शैक्षिक दृष्टि से भाषा प्रयोगशाला में श्रव्य सामग्री का अत्यधिक महत्त्व है। इस प्रयोगशाला में श्रव्य-दृश्य सामग्री के द्वारा प्रभावपूर्ण ढंग से बोलना एवं सुनना सिखाया जाता है। भाषा प्रयोगशाला में 20-25 प्रकोष्ठ बने हुए होते हैं। इन प्रकोष्ठों में बैठकर भाषा के आदर्श रूप को सुना जा सकता है। इस उद्देश्य के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले रिकार्ड, भाषा-शिक्षण की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होते हैं। हिन्दी-शिक्षण के क्षेत्र में अब तक ऐसे अनेक रिकॉर्ड तैयार हो चुके हैं। रिकॉर्ड के अतिरिक्त प्रत्येक प्रकोष्ठ में टेपरिकॉर्डर की व्यवस्था भी होती है। विद्यार्थी के पास शिक्षक द्वारा अंकित टेप की गई सामग्री होती है, जिसे वह मास्टर टेप की सहायता से सुनता है, अपने ट्रैक में सामग्री को अंकित कर सकता है व इच्छानुसार मिटा सकता है तथा उसे पुनः अंकित कर सकता है। इस प्रकार वह कम समय में ही भाषा का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। श्रव्य-दृश्य सामग्री तथा विशिष्ट रूप से निर्मित कुछ टेपरिकॉर्डर, उच्चारण के शुद्धीकरण में भी सहायक होते हैं।
भाषा प्रयोगशाला का महत्त्व
भाषा प्रयोगशाला के आधार पर किसी भी भाषा को कुछ ही माह में सीखा जा सकता है। अनुसन्धानों के आधार पर भी इस सन्दर्भ में अनेक सकारात्मक निष्कर्ष प्राप्त हुए हैं। प्रोफेसर वेवर ने अपने शोध के आधार पर यह सिद्ध किया है कि ज्ञानार्जन की 40% संकल्पनाएँ हम चाक्षुष अनुभव के आधार पर, 25% श्रवण-अनुभव के आधार पर तथा 17% स्पर्श अनुभव के आधार पर प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार चार्टर के अनुसार चलचित्रों के माध्यम से लगभग छह सप्ताह तक पाठ्यवस्तु की स्मृति को बनाए रखा जा सकता है।
IMPORTANT LINK
- हिन्दी भाषा का शिक्षण सिद्धान्त एवं शिक्षण सूत्र
- त्रि-भाषा सूत्र किसे कहते हैं? What is called the three-language formula?
- माध्यमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम में हिन्दी का क्या स्थान होना चाहिए ?
- मातृभाषा का पाठ्यक्रम में क्या स्थान है ? What is the place of mother tongue in the curriculum?
- मातृभाषा शिक्षण के उद्देश्य | विद्यालयों के विभिन्न स्तरों के अनुसार उद्देश्य | उद्देश्यों की प्राप्ति के माध्यम
- माध्यमिक कक्षाओं के लिए हिन्दी शिक्षण का उद्देश्य एवं आवश्यकता
- विभिन्न स्तरों पर हिन्दी शिक्षण (मातृभाषा शिक्षण) के उद्देश्य
- मातृभाषा का अर्थ | हिन्दी शिक्षण के सामान्य उद्देश्य | उद्देश्यों का वर्गीकरण | सद्वृत्तियों का विकास करने के अर्थ
- हिन्दी शिक्षक के गुण, विशेषताएँ एवं व्यक्तित्व
- भाषा का अर्थ एवं परिभाषा | भाषा की प्रकृति एवं विशेषताएँ
- भाषा अथवा भाषाविज्ञान का अन्य विषयों से सह-सम्बन्ध
- मातृभाषा का उद्भव एवं विकास | हिन्दी- भाषा के इतिहास का काल-विभाजन
- भाषा के विविध रूप क्या हैं ?
- भाषा विकास की प्रकृति एवं विशेषताएँ
- भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता | Unity in Diversity of Indian Culture in Hindi
Disclaimer