संचित अभिलेखों का अर्थ स्पष्ट कीजिये। बेसिक स्कूलों में अभिलेखों को रखना एवं प्रयोग का वर्णन कीजिये।
Contents
संचित अभिलेख पत्र (Cumulative Records)
संचित अभिलेख छात्रों की समय-समय पर सफलता का अभिलेख होता है। इसमें विद्यालय का सम्पूर्ण कोर्स होता है। इसका उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व की पूरी तस्वीर प्रस्तुत करना है ताकि कॉलिज स्तर पर केवल विषयों के चुनाव के लिए मार्ग दर्शन न किया जाये, अपितु व्यवसाय के लिए मार्ग प्रदर्शित किया जा सके। माध्यमिक शिक्षा आयोग ने संचित अभिलेख पत्र के सम्बन्ध में लिखा है-
“न ही बाह्य परीक्षायें और न ही आन्तरिक परीक्षायें इकट्ठी या अलग-अलग छात्र के पूर्ण व्यक्तित्व की विस्तारपूर्वक तस्वीर किसी विशेष स्तर पर दे सकती हैं, परन्तु फिर भी हमारे लिए यह अनुमान लगाया (to assess) आवश्यक है ताकि उससे भविष्य की पढ़ाई के कोर्स तथा भविष्य के व्यवसाय (future vocation) का निर्णय किया जा सके। इस काम के लिए प्रत्येक बच्चे के अभिलेख पर विशेष ध्यान देना चाहिये, जिसमें बालक का प्रत्येक दिन, मास तथा वार्षिक काम को दर्शाया गया हो। इसका स्कूल अभिलेख बालक की शिक्षा सम्बन्धी सफलता के स्तर के भिन्न-भिन्न बौद्धिक कार्यों (Intellectual Pursuits) का स्पष्ट तथा लगातार वर्णन प्रस्तुत करेगा।”
प्रणाली का विकास (Development of the System) भारतवर्ष में अभिलेख स्थापित करने की पद्धति बहुत देरी से प्रचलित है, चाहे इसको वास्तविक उत्साह माध्यमिक शिक्षा आयोग की रिपोर्ट 1953 ई० में प्रकाशित होने के बाद ही मिला है। इस आयोग की मूल्यांकन के उचित साधनों के विषय में सिफारिशें (Recommendations) सर्व सम्मति से स्वीकार की गई हैं। भिन्न-भिन्न स्कूलों में तथा कॉलिजों में संचित अभिलेख की निम्न किस्में अपनाई गई हैं।
ऐसे कार्ड बिहार के स्कूलों तथा जामिया मिलिया (Jamia-Millia) में आरम्भ किये गये थे। प्रधानाध्यापक को संचित अभिलेख अपने स्कूल से आरम्भ करने के लिए कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिये। वह एस० ई० सी० (S. E. C.) की रिपोर्ट के अनुसार बताये गये रिकार्ड कार्ड सरलतापूर्वक परिवर्तित कर सकता है, किन्तु इस पद्धति के स्कूलों में कार्यक्रम शुरू करने के लिए धीरे-धीरे कार्य करना चाहिये। इसका कारण यह है कि पढ़ाई सम्बन्धी तथा प्रबन्ध सम्बन्धी बहुत-सी कठिनाई आ सकती हैं।
बेसिक स्कूलों में संचित अभिलेखों की स्थापना तथा प्रयोग की समस्यायें (Problems of Maintenance and Use of Cumulative)
1. अभिलेख किसे रखना चाहिए ?
(i) यह सुझाव दिया गया है कि भिन्न-भिन्न क्रियाओं के व्यवस्थापक या पृथक्-पृथक् विषय पढ़ाने वाले अध्यापकों को अभिलेख रखने चाहिये। उनका काम समय-समय पर छात्रों की सफलता को देखना तथा उसका अभिलेख भी रखना है।
(ii) कक्षा अध्यापक (Class Incharge) का यह उत्तरदायित्व होता है कि वह अभिलेख की ऐसी फाइल रखे, जिसमें विद्यार्थियों के अभिलेख-कार्ड हों। उसको कार्ड में आवश्यक बातें (Entries) भरनी चाहियें। कक्षा अध्यापक (Class Incharge) का उत्तरदायित्व अधिक होता है, क्योंकि उसने केवल चार्ट ही पूरा करना नहीं होता, बल्कि अध्यापकों और विद्यार्थियों तथा माता-पिता और विद्यार्थियों के मध्य कड़ी का काम में करना होता है।
(iii) मार्ग दर्शन एवं सलाहकार अधिकारी (Guidance and Counselling Officer) का भी उत्तरदायित्व है कि वह ऐसे अभिलेख रखे। वह ऐसे कार्यों में कुशल होता है। वह न केवल रिकार्ड को ही स्थापित कर सकता है, बल्कि उनकी टीका-टिप्पणी भी कर सकता है।
2. अभिलेख कहाँ रखने चाहियें ?
यह अभिलेख कक्षा अध्यापक के पास होने चाहियें, परन्तु जिस समय भी दूसरे अध्यापकों को इसमें कुछ भरने की आवश्यकता हो, उन्हें सुगमता से मिल जायें। इनको रखने के लिए सबसे अच्छा स्थान प्रधानाध्यापक का कमरा या स्टाफ कमरा (Staff Room) होता है.
3. अभिलेखों की स्थापना कैसे की जाये ?
यह कार्य उस अध्यापक का होगा जो इस क्षेत्र में निपुण हो या यह काम प्रधानाध्यापक का होगा कि वह देखे कि अध्यापक ने नियत समय पर अभिलेख तैयार किया या नहीं। प्रति तीन मास के बाद प्रधानाध्यापक को रिकार्डो पर हस्ताक्षर करके उनको क्रमवार लगाकर विद्यार्थियों की सफलता की रिपोर्ट उनके माता-पिता को भेजनी चाहिये। यदि यह रिपोर्ट प्रत्येक महीने भेजी जा सके तो और भी अच्छा है
4. अभिलेखों को कब भरा जाये ?
अध्यापक को किसी खास घटना या परीक्षा के समय फार्म के खानों को निरन्तर भरते रहना चाहिये। फाइल ऐसी होनी चाहिये, जिसमें सरलतापूर्वक और कागज सम्मिलित किये जा सकें। यह बात ठीक नहीं है कि इस काम के लिए मास में एक ही दिन निश्चित किया जाये। ऐसा करना अध्यापकों के लिए कठिन होगा। वह शीघ्रता में गलत काम करेंगे, परन्तु यदि यह समस्त अध्यापकों को मिल सकें तो वह अपने अवकाश के समय में कार्ड लेकर सरलतापूर्वक भर सकेंगे। इस प्रकार काम अच्छा तथा साधारण रूप में होता रहेगा। यह भी ठीक है, यदि प्रत्येक अध्यापक अभिलेख भर सके, परन्तु यह सम्भव नहीं है कि वह खेल के मैदान में, समाज सेवा कैम्प के समय, ड्रामों के बीच में, सैरों के समय अथवा घर में जब वह छात्रों की कापियाँ देख रहा हो, कार्डों को भर सके।
5. अभिलेखों का नमूना कैसा होना चाहिये ?
कई बातें स्थाई रूप से भरी जानी चाहिये तथा कई बातें 15 दिन (Fortnightly) या सप्ताह के बाद भरी जानी चाहियें। कई बार किसी घटना के बाद उसी समय ही उसका अभिलेख रखना पड़ता है। इन सभी बातों को भरने के लिए विशेष प्रकार का नमूना होना चाहियें, जिससे कि कई बातों को रिकार्ड करते समय कोई कठिनाई न हो। इन नमूनों के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गये हैं-
(i) तह किए हुए ढंग के (Folder Type) – यह एक चौड़ा कार्ड होता है, जिसको कई भागों में बाँटा जा सकता है; उदाहरणार्थ, आठ भागों में जिसके 16 पन्ने हैं। पहले कुछ भाग स्थायी अभिलेख रखने के लिए हों। कुछ पन्ने समयानुसार अभिलेख रखने के लिए खाली रखे जायें।
(ii) फाइल ढंग के (File Type) – प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक फाइल बनाई जायेगी। फाइल के बाह्य मुख्य पृष्ठ पर विषय सम्बन्धी चिन्ह (Index of the Contents) दिया जायेगा। प्रत्येक समय तथा वर्ष के लिए जो प्रति वर्ष सफलता तथा क्रियाओं का विस्तार होना चाहिये, पेपर के अलग-अलग पन्नों पर लिखा होना चाहिये।
(iii) लिफाफे जैसा (Envelope Type)- फाइल के प्रकार का कार्ड जब तीन ओर से बन्द करके एक ओर से खुला रखा जाये तो यह लिफाफे जैसा बन जायेगा। स्थायी रिकार्ड पहले तथा अन्तिम कवर (Cover) पर लिखा जायेगा। बाकी सारा अभिलेख अलग-अलग पन्नों पर होगा। वे आपस में नत्थी किये हुये होंगे तथा उनको लिफाफे में डाल दिया जायेगा। किसी भी ढंग या डिजाइन की उचितता तो प्रधानाध्यापक की सुविधा (Convenience) पर ही रख दी जायेगी।
6. नए प्रवेश तथा परिवर्तनों की समस्या
स्थान परिवर्तन के समय किसी भी विद्यार्थी को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भेजने के लिए पूरा अभिलेख उसके सर्टिफिकेट का एक अंग होना चाहिये। ऐसा न होने से एक स्कूल का अभिलेख अपूर्ण ही रहेगा। विद्यार्थी को एक श्रेणी में और एक स्कूल से दूसरे स्कूल में परिवर्तन के समय उसके साथ ही अभिलेख भी जाना चाहिये। चाहे विद्यार्थी हाई में स्कूल पास भी कर जाये, फिर भी उसका अभिलेख स्कूल अधिकारियों पर ही रहना चाहिये ताकि कॉलिज के अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी (Employers) प्रत्याशी का निरीक्षण करके उसके अभिलेख प्राप्त कर सकें।
7. अध्यापकों को यह काम निभाने के लिए कैसे सहायता प्रदान की जाये ?
मूल्यांकन (Assessment) के लिए यदि अभिलेखों को कोई महत्व न दिया जाये तो अध्यापक निराशा अनुभव करेगा तथा उनको स्थापित करने के लिए उत्साहित नहीं होगा। इसलिए पहली कठिनाई इन अभिलेखों को अधिक महत्व प्रदान करना है। इन अभिलेखों पर आधारित अध्यापकों के प्रमाण-पत्रों को माता-पिता तथा अन्य व्यक्तियों द्वारा महत्व प्रदान किया जाना चाहिये। कर्मचारियों तथा कॉलिज के अधिकारियों को प्रधानाध्यापक के प्रत्याशी के ऐसे ही प्रमाण-पत्र की मांग करनी चाहिये, जिसमें प्रधानाध्यापक ने विद्यार्थियों की विशेषताओं की सफलता को संक्षेप में वर्णन किया है। ऐसे ही प्रमाण-पत्रों पर विश्वविद्यालय अधिकारियों के हस्ताक्षर हों, तभी इनकी महत्ता बढ़ सकेगी।
(i) अध्यापकों के हाथ में अभिलेखों का ढंग उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि उनके मन में इस बारे में गलत विचार हैं। उनको संचित अभिलेखों की स्थापना तथा लाभों के लिए शिक्षा प्रदान करनी चाहिये। इस काम के लिए अध्यापकों के थोड़े-थोड़े समय के कोर्स (Short term courses) होने चाहियें।
(ii) स्कूलों के लिए राज्य अधिकारियों के पास मॉडल किस्म के तैयार अभिलेख (Model form of Records) प्राप्त हों। इस प्रकार इन किस्मों का स्तर होना चाहिये। प्रधानाध्यापक को इन किस्मों में आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करने का अधिकार होना चाहिये।
IMPORTANT LINK
- अध्यापक के सामान्य गुण तथा कर्त्तव्य | General Qualities and Duties of a Teacher in Hindi
- पाठ्यक्रम के प्रकार | Types of Curriculum in Hindi
- पाठ्यक्रम का अर्थ, उद्देश्य, आधार एवं सिद्धान्त
- पुरस्कार एवं दण्ड की भूमिका | Role of Reward and Punishment in Hindi
- विद्यालय में अनुशासन स्थापित करने के सुझाव | Suggestions to Maintain Proper Discipline in School in Hindi
- आधुनिक युग में अनुशासनहीनता के क्या कारण हैं ?
- अनुशासन का अर्थ, महत्व एंव सिद्धान्त | Meaning, Importance and Principles of Discipline in Hindi
- कक्षा प्रगति से आप क्या समझते हैं ? What do you understand by class Promotion?
- छात्रों के वर्गीकरण से आप क्या समझते हैं ? वर्गीकरण की आवश्यकता एवं महत्व
- अध्यापक के कार्य एवं उत्तरदायित्व | Functions and Duties of the Teacher in Hindi
- स्टाफ के साथ प्रधानाध्यापक के सम्बन्ध | Headmaster’s Relations with the Staff in Hindi
- विद्यालय के प्रधानाध्यापक के प्रमुख कर्त्तव्य | Duties Of School Headmaster In Hindi
- विद्यालय प्रबन्ध में प्रधानाध्यापक की भूमिका | Role of a Headmaster in School Administration in Hindi
- शिक्षा प्रशासन का प्रारूप | Structure of Educational Administration in Hindi
- शिक्षा प्रशासन का अर्थ | Meaning of Educational Administration in Hindi
- विद्यालय संगठन का अर्थ | Meaning of School Organisation in Hindi
- शिक्षा में विद्यालय संगठन की भूमिका | Role of school organization in education in Hindi
- जनतान्त्रिक शिक्षा प्रशासन के नियम | Principles of Democratic Educational Administration in Hindi
- शिक्षा प्रशासन के नियम | Principles of Educational Administration in Hindi
- शिक्षा प्रशासन के सिद्धान्त | Theories of Educational Administration in Hindi
- मोहिल्सन के अनुसार शैक्षिक प्रशासक के कार्य | Duties of Educational Administrator in Hindi
- शिक्षा प्रशासन के उद्देश्य तथा कार्य | Objectives and Functions of Education Administration in Hindi
Disclaimer