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सृजनात्मकता का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Creativity)
यह शब्द अंग्रेजी के “Creativity” का हिन्दी रूपान्तरण है। इस शब्द का प्रयोग साधारणतया ‘क्रियात्मकता’, ‘उत्पादन’, ‘रचनात्मकता’ आदि में होता है अर्थात् सृजनात्मकता का अर्थ है सृजन करना, उत्पन्न करना आदि।
यह सृजन किसी भी प्रकार का हो सकता है, नया भी व पुराना भी, अर्थात् मनुष्य की वह शक्ति जिसके द्वारा वह कुछ नया सृजन करता है, सृजनात्मकता कहलाती है जैसे लेखक द्वारा नये लेख की रचना, कवि द्वारा नई कविता की रचना, कुम्भकार द्वारा नये प्रकार की मटकी की रचना सृजनात्मकता कहलाती है।
दूसरे शब्दों में हम कह सकतें हैं कि सृजनात्मकता से आशय व्यक्ति की उस क्षमता से है जिसके कारण वह नई चीजों, रचनाओं तथा विचारों को उत्पन्न करता हैयह काल्पनिक भी हो सकता हैइसमें पुराने अनुभव के आधार पर प्राप्त सूचनाओं का एक सम्मिश्रण भी निहित होता है जो कि लक्ष्यपूर्ण होता हैइसलिए इसे रचनात्मक चिन्तन भी कहा जाता है।
हैमोविज तथा हैमोविज के अनुसार, ‘नवपरिवर्तन लाने, अविष्कार करने तथा तत्त्वों को इस ढंग से रखने की क्षमता, जैसे वे पहले कभी रखे नहीं गए ताकि उसका महत्त्व बढ़ जाए, को सृजनात्मकता की संज्ञा दी जाती है।”
According to Haimovitz and Haimovitz, “Creativity has been defined as the capacity to innovate, to invent, to place elements in a way in which they have never been placed, such that their value or beauty is enhanced”
कोल और ब्रूस के अनुसार, ‘सृजनात्मकता मौलिक उत्पाद के रूप में मानवमस्तिष्क को समझने, व्यक्त करने तथा सराहना करने की योग्यता व क्रिया है।”
According to Kohl and Bruce, “Creativity is an ability and activity of man’s mind to grasp, express and appreciate in the form of an original product.”
क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, ‘सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है।
According to Crow and Crow, “Creativity is a mental process to express the original outcomes.”
स्टेन के अनुसार, ‘जब किसी कार्य का परिणाम नवीन हो, जो किसी समय में समूह द्वारा उपयोगी व मान्य हो। वह कार्य सृजनात्मकता कहलाता है।”
According to Stain, “When it result in a novel work that is acceptable as useful or satisfying by a group at some point in time.”
जेम्स ड्रेवर के अनुसार, “अनिवार्य रूप से किसी नई वस्तु का सृजन कैसा है। रचना (विस्तृत अर्थ में) जहाँ पर नए विचारों का संग्रह हो वहाँ पर प्रतिभा का सृजन (विशेषतः यह अनुकूल न होकर स्वयं प्रेरित हो)। जहाँ पर मानसिक सृजन का आहवान न हो।”
According to James Drever, “Producing on essentially new product, constructive (somewhat wider) use of imagination where a new combination of ideas or images is constructed (strictly when it is self-initiated rather than initiated) also of thought synthesis, where the mental product is not a mere summation.”
ट्रैवहल के अनुसार, “सृजनात्मकता वह मानवीय योग्यता है। जिसके द्वारा वह किसी नवीन रचना या विचारों को प्रस्तुत करता है।”
According to Drevdahl, “Creativity is the human ability by which he presents any noble work or ideas.”
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