शिक्षा का अधिकार अधिनियम से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रमुख प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
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शिक्षा का अधिकार (RTE) (Right to Education)
बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 से लागू हुआ। बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान वाला अधिनियम (The Right of Children to Free and Compulsory Education Act) जिससे संसद के दोनों सदनों में जुलाई-अगस्त, 2009 में पारित किया था तथा जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी अगस्त, 2009 में प्राप्त हुई थी। अप्रैल, 2010 से लागू 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान इस कानून में किया गया है। इसके लिए केन्द्र व राज्यों के खर्च के हिस्से का 65:35 के अनुपात में रखा गया है। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 रहेगा, निजी स्कूलों सहित सभी विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान भी अधिनियम में किया गया है। इस अधिनियम के विभिन्न नियमों वायदों को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने 13 फरवरी, 2010 को मंजूरी प्रदान की थी । अधिनियम के अधिसूचित होने के बाद लक्षित आयु-वर्ग (6-14 वर्ष) के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए प्रत्येक बसावट के नेबरहुड में स्कूल उपलब्ध कराना भी सरकार का दायित्व होगा। कक्षा 1 से 5 तक 1 किमी के दायरे में तथा कक्षा 6 से 8 तक 3 किमी के दायरे में स्कूल को नेबरहुड स्कूल के रूप में इस कानून में परिभाषित किया गया, जिन छोटी-छोटी बसावतें के आस-पास ‘नेबरहुड स्कूल’ नहीं है, वहाँ स्कूल आने-जाने के लिए आवागमन की सुविधा भी सरकार को दिलानी होगी। भूस्खलन, बाढ़ व ऐसी किसी अन्य प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के लिए शिथिलता का प्रावधान कानून में किया गया है।
1 अप्रैल, 2010 से इस अधिनियम के लागू किये जाने की घोषणा करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 22 फरवरी, 2010 को संसद बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में बताया कि सरकार देश के शैक्षिक ढाँचे में बुनियादी परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं शैक्षिक ढाँचा विस्तार, सम्प्रेषण व उत्कृष्टता के अन्तर्निहित सम्बन्धों पर आधारित होगा।
अपने इस सम्बोधन में राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा का उल्लेख करते हुए यह भी बताया कि उच्च शिक्षा और अनुसंधान की नियामक संस्था के रूप में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद की स्थापना भी शीघ्र ही की जाएगी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधान (Provisions of Right to Education Act – RTE Act, 2009)
वर्ष 2009 में पारित शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं-
1. यह अधिनियम संविधान में अधिष्ठापित मूल्यों तथा ऐसे मूल्यों के अनुरूप पाठ्यचर्या के विकास का प्रावधान करता है जो बालकों में ज्ञान, क्षमता एवं प्रतिभा का निर्माण करते हुए उनके बहुमुखी विकास को सुनिश्चित करें।
2. यह अधिनियम 10 वर्षीय जनगणना, स्थानीय प्राधिकरण, राज्य विधानमण्डलों एवं संसद के चुनावों तथा आपदा राहत को छोड़कर गैर-शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों की तैनाती का भी निषेध करता है।
3. यह अधिनियम शारीरिक दण्ड एवं मानसिक उत्पीड़न, बालकों के दाखिले के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया, कैपिटेशन की फीस, शिक्षकों द्वारा निजी शिक्षण तथा मान्यता रहित विद्यालयों + के संचालन का निषेध करता है।
4. यह अधिनियम उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों अर्थात् अपेक्षित शैक्षिक अर्हता वाले शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
5. यह अधिनियम अन्य बातों के साथ शिक्षक छात्र अनुपात, भवन, स्कूल के कार्य घण्टों तथा शिक्षकों के लिए घण्टों से सम्बन्धित मानक एवं मानदण्ड विहित करता है।
6. यह अधिनियम सुनिश्चित करता है कि निर्दिष्ट शिक्षक छात्र अनुपात प्रत्येक स्कूल के लिए अनुरक्षित किया जाए, न कि केवल राज्य या जिला या ब्लॉक स्तर के पदों में।
7. यह अधिनियम स्पष्ट करता है कि ‘प्रारम्भिक शिक्षा का अभिप्राय 6 14 वर्ष की आयु के सभी बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करने, अनिवार्य दाखिला, उपस्थिति एवं प्रारम्भिक शिक्षा का पूर्ण होना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त सरकार के दायित्व से है। ‘निःशुल्क’ का अभिप्राय यह है कि कोई भी बालक किसी भी प्रकार का शुल्क या प्रभार या व्यय अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा जो उसे प्रारम्भिक शिक्षा की पढ़ाई करने एवं पूरा करने से रोक सकता है।
8. प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण होने तक निकट के विद्यालय में बालकों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।
9. यह अधिनियम गैर-दाखिल बालक की आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश के लिए प्रावधान करता है।
10. यह अधिनियम निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने तथा केन्द्र एवं राज्य सरकारों, स्थानीय प्राधिकरण एवं अभिभावकों के कर्त्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों को विनिर्दिष्ट करता है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के उद्देश्य (Objectives of RTE Act, 2009)
1. प्रारम्भिक स्तर पर सभी बालकों एवं बालिकाओं को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना ।
2. उत्तम विद्यालयी शिक्षा और साक्षरता की सहायता से संवैधानिक मूल्यों को समर्पित समाज का निर्माण करना।
3. उत्तम माध्यमिक शिक्षा के लिए अवसरों को सार्वभौमिक बनाना।
4. शिक्षा का राष्ट्रीय और समन्वित स्वरूप लागू करने के लिए राज्यों और संघ शासित राज्यों को भागीदार बनाना।
5. कमजोर वर्गों के अतिरिक्त वंचित वर्गों को सम्मिलित करके, माध्यमिक शिक्षा प्रणाली को समान बनाना।
6. वर्तमान संसाधनों की सहायता करके नये शिक्षा संस्थान स्थापित करके, शिक्षा के उत्तम और समुन्नत स्तर को सुनिश्चित करना ।
7. नेटवर्क का विस्तार करके उत्तम विद्यालयी शिक्षा के प्रति पहुँच बढ़ाना।
शैक्षिक कार्यक्रम (Education Programme)
उपर्युक्त दिये गये उद्देश्यों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जाने वाले निम्नलिखित कार्यक्रमों द्वारा प्राप्त किया जा रहा है-
- प्रारम्भिक स्तर- सर्व शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था।
- माध्यमिक स्तर- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा अभियान आदर्श विद्यालय।
- व्यावसायिक शिक्षा
- बालिका छात्रावास
- आईसीटी स्कूल
- प्रौढ़ शिक्षा- साक्षर भारत ।
- अध्यापक शिक्षा- अध्यापक शिक्षा बढ़ाने के लिए योजना ।
- महिला शिक्षा- महिला समाख्या।
- अल्पसंख्यक शिक्षा- मदरसों में उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए योजना ।
- अल्पसंख्यक संस्थाओं का आधारिम विकास।
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