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मौनवाचन का महत्त्व | IMPORTANCE OF SILENCE IN HINDI

मौनवाचन का महत्त्व | IMPORTANCE OF SILENCE IN HINDI
मौनवाचन का महत्त्व | IMPORTANCE OF SILENCE IN HINDI

हिन्दी में मौनवाचन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।

मौनवाचन का महत्त्व

लिखित सामग्री को मन ही मन चुपचाप बिना आवाज निकाले ही पढ़ा जाता है। मौनवाचन में ओठ नहीं हिलता है। जङ महोदय का कथन है कि जब बालक पैरों से चलना सीख जाता है तो घुटनों के बल खिसकना छोड़ देता है। इसी प्रकार भाषा के क्षेत्र में जब बालक मौनवाचन की कुशलता प्राप्त कर लेता है तो सस्वर वाचन का अधिक प्रयोग देता है। मौनवाचन में निपुणता का आना व्यक्ति के विचारों को प्रौढ़ता का द्योतक और भाषाई दक्षता पर अधिकार का सूचक है। मौनवाचन में थकान कम होती है क्योंकि इसमें वाद्ययन्त्रों पर जोर नहीं पड़ता। सस्वर वाचन में बोलने पर थकान शीघ्र ही आ जाती है। इस प्रकार मौनवाचन में श्रम की बचत होती है। मौनवाचन में समय की भी बचत होती है। मौनवाचन में मितव्ययिता होने के कारण दैनिक जीवन में व्यक्ति इसी का अधिकाधिक प्रयोग करते हैं, जबकि सस्वर वाचन अधिकतर शालेय जीवन तक ही सीमित होता है। मौनवाचन में एक छात्र दूसरे छात्र के वाचन में बाधा उपस्थित नहीं करता है। सामूहिक वाचन के लिए मौनवाचन सर्वोत्तम है।

मौनवाचन के समय छात्र चिन्तन भी करता चलता है। उसका ध्यान केन्द्रित होता है। यह क्रिया सदा सोद्देश्य होती है। सस्वर वाचन में छात्र का ध्यान उच्चारण पर अधिक रहता है। अतः कभी-कभी वह बिना अर्थ समझे ही पढ़ता चला जाता है।

मौनवाचन द्वारा स्वाध्याय की आदत पड़ जाती है। स्वाध्याय में रुचि उत्पन्न होती है और छात्र वाचन द्वारा आनन्द प्राप्त करने का प्रयास करता है। आनन्द प्राप्त करने के लिए पढ़ना प्रायः मौन रूप में ही होता है।

प्रारम्भिक कक्षाओं में सस्वर वाचन जितना लाभकारी है उच्च कक्षाओं में उससे कहीं अधिक लाभप्रद मौनवाचन है। हम शक्तिपूर्वक बिना किसी को असुविधा दिये हुए कम समय में किसी वस्तु का भाव ग्रहण मौन वाचन से ही कर सकते हैं। इसमें श्रम करना पड़ता है। भावों की गहरी पैठ के लिए गहन मनन एवं अध्ययन के लिए इसी का सहारा लेना पड़ता है।

मौनवाचन में होठों का स्पन्दन वर्जित है। केवल मस्तिष्क व नेत्रों द्वारा ही सम्पूर्ण क्रिया हो जानी चाहिए। कक्षा के मौन वाचन के अवसर पर अध्यापक को छात्रों के पठन का निरीक्षण करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि मीन पाठन के स्थान पर छात्र फुसफुसा कर तो नहीं पढ़ रहे हैं। पंक्तियों पर अँगुलियाँ तो नहीं फेर रहे हैं।

इस प्रकार मौनवाचन छात्र में वाचन की गति का विकास करता है एवं पठित सामग्री का अर्थ ग्रहण कराने में मदद करता है

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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