आज का युग सूचना का युग है। ये सूचनाएँ विशेष तथ्यों को प्रोसेस करके प्राप्त की जाती हैं। कम्प्यूटर एक मशीन हैं, जो विशेष तथ्यों को शीघ्र और कुशल प्रोसेसिंग करके सूचना प्रदान करता है। कम्प्यूटर के बारे में जानने से पहले, कम्प्यूटर क्षेत्र में प्रयोग की जाने वाली कुछ मूलभूत शब्दावली के बारे में जानना अति आवश्यक है।
डेटा किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान आदि के बारे में तथ्यों का संग्रह है। ये तथ्य अक्षर (Alphabets), संख्या (Numbers), चिह्न (Symbols) या चित्र (Figures) के रूप में हो सकते हैं। ये तथ्य अर्थहीन और असंगठित रूप में होते हैं और इस रूप में सीधे ही उपयोगी नहीं होते। उपयोगी रूप में लाने के लिए, इन्हें प्रोसेसिंग की आवश्यकता होती है।
“Data is a collection of facts and figures in raw (i.e, unorganized) form and is not in directly useful form.”
डेटा को इनपुट (Input) भी कहा जाता है।
डेटा को प्रोसेस करने के बाद सीधे उपयोगी (आवश्यक) रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। और आवश्यकता पड़ने पर दोबारा प्रोसेस करके आवश्यक सूचना प्राप्त की जा सकती है, जिसे सूचना कहते हैं। सूचना को आउटपुट (Output) भी कहा जाता है।
“Information is final result (or processed data) that is in directly useful form.”
कम्प्यूटर पर किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के लिए I-P-O (Input-Process Output) चक्र का प्रयोग किया जाता है। इसलिए ऐसे उपकरण होने चाहिए, जिनकी सहायता से हम निम्न क्रियाएँ कर सकें :
(i) कम्प्यूटर में डेटा को इनपुट कर पाएँ,
(ii) डेटा को प्रोसेस कर पाएँ,
(III) अन्तिम परिणाम को देख सकें या प्रिन्ट कर सकें।
Input -> Processing -> Output
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो दिए गए निर्देशों के अनुसार इनपुट उपकरणों की सहायता से डेटा को स्वीकार करता है, उन्हें प्रोसेस करता है और उन डेटा को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना (Information) के रूप में प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह डेटा, निर्देश और जानकारी को संगृहीत कर सकता है।
“Computer is an electronic device that takes data (le, input), process it according to given instructions and gives information (le., output). Moreover it can store data, instructions, and information.”
कंम्प्यूटर के मुख्य तीन भाग होते हैं।
इनपुट यूनिट या इनपुट उपकरण ।
सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)- इसके तीन भाग होते हैं- ALU, CU और मेमोरी यूनिट ।
आउटपुट यूनिट या आउटपुट उपकरण ।
व्यवसाय में कम्प्यूटर (Computer in Business)
आज व्यवसाय में कम्प्यूटर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लगभग व्यवसाय के सभी कार्यों में उत्पादन हो, विपणन हो, लेखांकन हो या मानव और अन्य स्रोतों का प्रबंधन, कम्प्यूटर का बहुत ही योगदान है।
व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटर की मुख्य भूमिका इस प्रकार है :
(1) संप्रेषण में आसानी (Ease of Communication) – बड़े क्षेत्र में व्यवसाय करने के लिए ग्राहकों और पूर्तिकर्ताओं के साथ प्रभावी संप्रेषण बहुत आवश्यक है। कंम्प्यूटर कर्मचारियों, पूर्ति कर्ताओं और ग्राहकों के मध्य सम्बन्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंटरनेट का प्रयोग करते हुए कम्प्यूटर शीघ्र और आसान संप्रेषण कम लागत पर प्रदान करता है।
(2) प्रतिस्पर्धात्मक लाभ (Competitive Advantage) – व्यवसाय में कम्प्यूटर को उचित प्रयोग सबसे पहले बाजार में अपना उत्पाद पहुँचाने का लाभ उठा सकता है। यह व्यावसायियों को उत्पाद लागत और पूर्ति लागत को कम करने में सहायता करता है और अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान करके अधिक-से-अधिक बाजार में अपना स्थान बना सकता है।
(3) उत्पाद विकास (Product Development ) – कम्प्यूटर व्यवसाय में परंपरागत तरीकों की अपेक्षा ग्राहकों की आवश्यकताओं को बहुत ही जल्दी पता लगाने में सहायक है। यह प्रतियोगिता के युग में लाभ उठाने के लिए समय पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सहायक होता है। तकनीक व्यवसाय में उत्पादन प्रक्रियाओं को बेहतर और शीघ्र करने में मदद करता है। टास्क मैनेजमेंट टूल्स दैनिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता के आधार पर दिखाते है। इसलिए कोई भी काम करने से छूटता नहीं है।
(4) वैश्वीकरण (Globalization) – इंटरनेट का प्रयोग करते हुए कम्प्यूटर व्यवसाय को स्थानीय क्षेत्र से विश्व क्षेत्र तक आसान और प्रभावी तरीके से व्यवसाय करने में सहायता करता है। इसका प्रयोग करते हुए कोई भी अपना उत्पाद विश्व भर में दिखा सकता है और बेच सकता है।
(5) इन्वेंटरी प्रबन्ध (Inventory Management) – व्यावसायिक संगठनों को दिन प्रतिदिन प्राप्त स्टॉक रखकर और बिना अधिक विनियोग के होने वाली मांग को पूरा करने की आवश्यकता होती है। सूचना प्रौद्योगिकी के इन्वेंटरी प्रबंधन की पद्धतियों की सहायता से प्रत्येक उत्पाद की न्यूनतम और अधिकतम सीमा का पता लगा सकते हैं।
(6) विपणन (Marketing)- सूचना प्रौद्योगिकी ने कई सामाजिक प्लेटफार्म प्रदान किए हैं जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक जिसका काफी लोग बार-बार प्रयोग करते हैं। इसलिए कह सकते हैं कि ये प्लेटफार्म विपणन के लिए भी उपयुक्त प्लेटफार्म की तरह होते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए एक अच्छी विपणन रणनीति अवश्य ही बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाने में सहायक हो सकती है।
(7) बेहतर ग्राहक सहयोग (Improved Customer Support)- ग्राहक किसी भी व्यवसाय का दिल और आत्मा होते हैं। एक व्यवसाय बिना ग्राहकों के जीवित नहीं रह सकता है, इसलिए बेहतर ग्राहक सहयोग व्यवसाय के लिए हितकर होता है। कम्प्यूटर में इस क्षेत्र में व्यवसाय की बहुत अधिक सहायता की है। ग्राहक को तत्काल सहयोग प्रदान करता है। परस्पर संवादात्मक वेबवाइट, ई-मेल पद्धति, ऑनलाइन 24 x 7 सहयोग सेवाएँ ग्राहकों को प्राथमिकता पर रखती हैं।
(8) सुरक्षा (Security) – आधुनिक युग में कई व्यवसायों को सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग वित्तीय और गोपनीय तथ्यों को सुरक्षित रखने के लिए किया जा सकता है। पासवर्ड का प्रयोग करके एक व्यवसाय इस बात से निश्चित हो सकता है कि उसके आने वाले प्रोजेक्ट के बारे में किसी प्रतियोगी को पता नहीं चलेगा।
(9) संचालन लागतों पर प्रभाव (Impact on Operating Costs) – छोटे व्यवसायों के स्वामी तकनीक का प्रयोग करके व्यवसाय की लागतों को कम कर सकता हैं। मूलभूत व्यवसायिक सॉफ्टवेयर एक संस्था के कार्यालय के कार्यों को स्वचालित बना देते हैं; जैसे रिकॉर्ड रखना, लेखांकन करना और पैरोल बनाना। तकनीक रियल टाइम नियंत्रण को भी कर सकता है। मोबाइल तकनीक की वजह से ऑफिस और कार्य क्षेत्र के कर्मचारी रियल टाइम में बातचीत कर सकते हैं।
(10) संशोधित मार्केटिंग (Improved Marketing) – प्रभावशील विपण व्यवसाय का बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। कम्पनियाँ जो अच्छे से मार्केटिंग करती हैं लम्बे समय में बहुत अधिक लाभ कमा पाती हैं। तकनीक ने व्यवसायों को प्रभावशील मार्केटिंग करने के योग्य बनाया है। तकनीक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम आदि की सहायता से मार्केटिंग के प्रभावशील रास्ते निकाले हैं। इन्टरनेट मार्केटिंग में ऑनलाइन विज्ञापन पद्धतियों की सहायता से लक्षित ग्राहकों तक पहुँचने के, उनकी आवश्यकताओं का पता लगाने और ग्राहकों को उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करने के बहुत प्रभावशाली रास्ते ढूंढ निकाले हैं जो परम्परागत मार्केटिंग के तरीकों से बहुत अधिक लाभकारी है।
(11) ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्धन (Customer Relationship Management)- कम्पनियाँ कम्प्यूटर का प्रयोग करके ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्ध में अच्छी स्थिति बना सकती हैं। ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्ध पद्धतियाँ ग्राहक के बारे में सभी आवश्यक जानकारियाँ इकट्ठे कर लेती हैं। यह जानकारियों ग्राहक के पैटर्न के आधार पर अच्छी सेवाएँ प्रदान करने और ग्राहकों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने में सहायता करती हैं।
(12) क्रियाओं की कुशलता (Efficiency of Operations) – सूचना प्रौद्योगिकी व्यवसाय में रोकड़ प्रवाह और महत्वपूर्ण स्रोतों जैसे समय और भौतिक स्थान का उचित प्रयोग करने में सहायता करती है। यह व्यवसाय में अधिक उचित योजनाएँ बनाने में भी सहायक है।
(13) अनुसन्धान क्षमता (Research Capacity) – एक व्यवसाय जिसके पास अनुसन्धान करने के लिए तकनीकी क्षमता है वह प्रतियोगियों की अपेक्षा अवसर तलाशने में एक कदम आगे हो सकता है। एक व्यवसाय को जीवित रहने के लिए नए अवसर बनाने होते हैं और ढूँढने होते हैं। इंटरनेट एक व्यवसाय को काल्पनिक रूप में नए बाजार बिना किसी लागत के ढूंढने में सहायता करता है और विदेशों में भी अनुसन्धान जारी किया जा सकता है।
(14) बेहतर निर्णय (Better Decisions) – सूचना प्रौद्योगिकी व्यवसाय में बेहतर निर्णय लेने में सहायता करती है। व्यवसाय में ऐसे निर्णय विपणन अनुसंधान में बहुत अच्छा प्रदान करते हैं। ये सब अनुसंधानकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके, सोशल मीडिया पर सार्वजनिक भावनाओं को जानकर और ग्राहक प्रतिक्रिया जानने के लिए ऑनलाइन सर्वे करके किया जा सकता है।
(15) इनकृपिटड पासवर्ड्स (Encrypted Passwords) – इनकृपिटड पासवर्ड्स सुरक्षा के स्तर को बढ़ा देते है। यही कारण है कम्प्यूटर हैकर डाटा को चुरा नहीं पाते हैं और निजी और गोपनीय सूचनाएँ चोरी नहीं हो पाती हैं। तकनीक ने कार्यक्षेत्र के प्रत्येक पहलू को बदल दिया है और व्यवसाय लगातार नई खोजों को लागू करके लाभ उठा रहे हैं।
(16) आदेश पूर्ति (Order Fulfilment) – ग्राहक के आदेश की पूर्ति एक अधिक समय लेने वाला कार्य है। इसमें लेखांकन के लिए लेखपालों की आवश्यकता, गोदाम, इन्वेंटरी नियंत्रण और माल भेजने वाले विभाग की आवश्यकता होती है। कम्प्यूटर संगठनों को ऑटोमेट करके एक कार्य को आसान बनाते हैं और आदेश पूर्ति की प्रक्रिया को स्पीड अप करते हैं। आदेश पूर्ति सॉफ्टवेयर हमें बता सकते हैं कि कब इन्वेंटरी की आवश्यकता होगी और कब इन्वेंटरी खत्म हो जाएगी।
(17) मानव संसाधन प्रबंधन (Human Resource Management ) – कम्प्यूटर पर मानव संसाधन Application भी उपलब्ध है जो उपयुक्त कर्मचारियों के चयन में सहायता करती है जो संस्था के वातावरण में आसानी से अच्छे ढंग से काम कर सकते हैं। यह कर्मचारियों से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी संगृहीत करती है ताकि उनके कार्य निष्पादन लाभ, संदेश वाहन और टीक वर्क से सम्बन्धित रिपोर्ट तैयार की जा सके। यह मानव संसाधन मैनेजर की मानव संसाधनों के प्रभावी प्रयोग करने में सहायता करती है।
(18) घर बैठे व्यवसाय (Home Based Business) – कम्प्यूटर का प्रयोग करके, हम घर बैठे भी व्यवसाय कर सकते हैं। यदि हमारे पास उत्पाद हैं, तब भी ठीक हैं, अगर नहीं है तो हम दूसरे व्यावसायियों से सम्पर्क बना कर व्यवसाय कर सकते हैं। जैसे ही कोई आदेश हमें मिलता है, दूसरे विक्रेता से उत्पाद खरीद कर ग्राहक को भेज सकते हैं। इस प्रकार के व्यवसाय करने में ऑफिस का किराया / लागत और स्टॉक विनियोग में बचत होती है।
(19) तकनीक से व्यावसायिक सुरक्षा (Technology keeps businesses safe)- व्यवसाय में हाथ से बनाए हुए रिकॉर्ड्स को रखने में कई बार बहुत अधिक कठिनाइयाँ सामने आती हैं। इनको स्टोर करना मुश्किल हो जाता है। आधुनिक तकनीक की सहायता से कम्पनियाँ अपने व्यवसाय के रिकॉर्ड रखने और बनाने में काफी सुविधा महसूस करने लगी हैं।
(20) कुशल और प्रभावी संग्रहण (Efficient and Effective Storage)- व्यवसायों को बहुत अधिक मात्रा में डाटा और सूचनाएँ संगृहीत करनी पड़ती हैं। आदेश, डिलीवरी, भुगतान सम्बन्धी रिकॉर्ड का बहुत अधिक डाटा कम्प्यूटर में एक छोटे से स्थान पर आसानी से स्टोर किया जा सकता है और इसके लिए पेन ड्राइव भी प्रयोग में लाई जाती है। इसके अतिरिक्त यह सूचनाएँ बहुत आसानी से और शीघ्रता से एक्सेस की जा सकती हैं और प्रोसेस की जा सकती हैं। कम्प्यूटर नेटवर्क का प्रयोग करके डाटा को कहीं दूर से भी एक्सेस किया जा सकता है।
(21) डिजाइन और ग्राफिक्स (Design and Graphics) – कम्प्यूटर और डीटीपी जैसे एप्स का प्रयोग करके हम अपने व्यवसाय के ग्राफिक्स बना सकते हैं और इसके लिए किसी प्रोफेशनल ग्राफिक की नियुक्ति की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसकी सहायता से एक नया उपयोगकर्ता भी बैनर्स, Logo, मार्केटिंग मैटेरियल, फोटो और न्यूजलेटर आसानी से तैयार कर सकता है। पावर पॉइंट जैसा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके आकर्षित स्लाइड तैयार की जा सकती हैं। कम्प्यूटर आपको इंटरनेट से जोड़ सकता है और जहाँ पर आप मुफ्त में ग्राफिक डाउनलोड कर सकते हैं और उसमें आप अपने अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं।
(22) बजटिंग और पूर्वानुमान (Budgeting and Forecasting)-Excel जैसे कम्प्यूटर एप्लीकेशन बजटिंग और पूर्वानुमान में बहुत सहायक होते हैं। यह भविष्य की बिक्री और व्यवसाय के विस्तार का पूर्वानुमान लगाने में सहायक होते हैं। Excel के स्प्रेडशीट प्रोग्राम बजटिंग और पूर्वानुमान लगाने में सहायक होते हैं।
(23) नवाचार (Innovation) – व्यवसाय में नए विचार भविष्य में विकास के लिए बहुत आवश्यक है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की सफलत स हम कह सकते हैं कि बड़े व्यवसाय नए विचारों को कितना महत्व देते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी इस क्षेत्र में विषय को काफी मदद कर रही है। सूचना प्रौद्योगिकी से जो नए विचार आते हैं वे विभिन्न व्यवसायों में कई प्रकार के परिवर्तन ला देते हैं। जैसे :
एक स्टोर से खरीदारी करने से ऑनलाइन खरीदारी करना ज्यादा प्रभावी हो गया है।
डिजिटल मार्केटिंग रेडियो विज्ञापन, टीवी विज्ञापन, समाचार विज्ञापन से अधिक प्रभावी हो गया है।
सोशल नेटवर्किंग क्लबों में जाने से अधिक प्रभावी हो गई है।
तकनीक की सहायता से वैश्विक बिक्री में वृद्धि हुई ।
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