निम्नलिखित स्कूल अभिलेखों पर नोट लिखिये और इनकी स्थापना के लिए आवश्यक बातों पर विचार कीजिये ।
- प्रवेश तथा नाम काटने का रजिस्टर (Admission and Withdrawal Register)
- सेवा रजिस्टर (Service Register)
- लॉग बुक (Log Book)
- उपस्थिति रजिस्टर (Attendance Register)
- स्कूल कैलेण्डर (School Calendar)
- स्टाफ की उपस्थिति का रजिस्टर (Attendance Register for Staff)
- कैश बुक (Cash Book)
- मासिक प्रगति रिपोर्ट (Monthly Progress Report)
- विद्यार्थियों का फण्ड रजिस्टर (Boys’ Fund Register)
- मासिक कार्यक्रम रजिस्टर (Monthly Progress Register )
- स्टॉक रजिस्टर (Stock Register)
- फीस इकट्ठी करने का रजिस्टर (Fee Collection Register )
1. प्रवेश तथा स्कूल छोड़ने का रजिस्टर (Admission and Withdrawal Register)- यह स्कूल में रखे हुये रजिस्टरों में सबसे आवश्यक रजिस्टर होता है, क्योंकि यह विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति एवं उसके बारे में विशेष बातें (Particulars) बताता है। मुख्याध्यापक निजी रूप से इस रजिस्टर के बारे में उत्तरदायी होता है। विभाग के नियमों के अनुसार यह रजिस्टर जब पूरे हो जायें तो हमेशा के लिए ही अभिलेख के रूप में रख देने चाहियें। इनको सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिये। इनका अभिलेख कम से कम पचास वर्ष तक रखना चाहिये।
रजिस्टर में शीघ्र ही बच्चे के दाखिले होने के बारे में भर देना चाहिये। यह बात अगले दिन पर नहीं छोड़नी चाहिये। हर वर्ष प्रवेश तथा दोबारा प्रवेश इस में भरना चाहिये। प्रत्येक नये प्रवेश होने वाले को प्रवेश नम्बर भी दिया जाना चाहिये, जो उसके लिए सारा समय बता सके। इस रजिस्टर में निम्नलिखित बातें होनी चाहियें-
- विद्यार्थियों के नये या दोबारा प्रवेश की तिथि।
- ईसा-सन् के अनुसार बच्चे की ठीक जन्म तिथि
- वह श्रेणी जिसमें प्रवेश किया गया हो।
- विद्यार्थी का प्रवेश नम्बर। यह प्रवेश के क्रम नम्बर (Serial number) के अनुसार होता है।
- स्कूल छोड़ते समय विद्यार्थी की श्रेणी तथा स्कूल छोड़ने की तिथि तथा कोई और बात हो।
- बच्चे का पूरा नाम यह नाम जल्दी बदला नहीं जा सकता। विश्वविद्यालय अभिलेखों तथा विभाग सम्बन्धी अभिलेखों के लिए यही नाम चलता रहता है।
- माता-पिता या संरक्षक का नाम व पता और उनका पेशा ।
जन्म-तिथि का अभिलेख में होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि साधारणतया महत्वपूर्ण विषयों में इसकी आवश्यकता पड़ती है। लिखे हुये अभिलेख में कोई परिवर्तन तभी किया जा सकता है, यदि इसकी स्वीकृति किसी योग्य अधिकारी से ली हो। जन्म-तिथि शब्दों तथा अंकों (in figures and words) दोनों में लिखा होना चाहिये ताकि गलती का अवसर न बन सके। इसके अतिरिक्त जब विद्यार्थी अपने संरक्षक के कहने पर संस्था को छोड़ता है या ज्यादा देर अनुपस्थित रहने पर, फीस न देने पर नाम कट जाता है तो इस रजिस्टर में उसी समय रिमार्कस कॉलम में छोड़ने का असली कारण नोट कर लेना चाहिये।
2. सेवा रजिस्टर (Service Register) – यह स्टाफ के प्रत्येक सदस्य का विश्वास योग्य अभिलेख होता है। स्टाफ के प्रत्येक सदस्य के साथ सम्बन्धित बात उसकी निजी फाइल में जमा कर दी जाती है। यह अभिलेख उन्नति (Promotion), छुट्टी तथा अन्य सुविधाएँ देने के लिए लाभदायक होता है।
3. लॉग बुक (Log Book) – भारतवर्ष में इस अभिलेख का प्रयोग केवल निरीक्षकों (Inspectors) द्वारा ही किया जाता है। अंग्रेजी स्कूलों में यह अभिलेख एक डायरी (Diary) का काम देता है। विशेष घटनाएँ स्कूल का इतिहास तथा कई किताबों का परिचय, नई रिसर्च, शिक्षा सम्बन्धी प्रयोगों तथा नये परिचितों (Introduction) तथा विशेष अतिथियों के विशेष कथनों (Remarks by distinguished visitors) आदि बातें इस में लिखी होती हैं। इसमें असली तथा सम्बन्धित तालिका का होना आवश्यक है।
4. विद्यार्थियों का उपस्थिति रजिस्टर (Pupil’s Attendance Register) – प्रत्येक श्रेणी के हर विभाग के लिए एक रजिस्टर होता है, जिस पर श्रेणी के विद्यार्थियों के नाम लिखे होते हैं। यह उपस्थिति रजिस्टर श्रेणी में प्रत्येक विद्यार्थी की उपस्थितियों का अभिलेख रखता है। इसे प्रति मास नये सिरे से भरना चाहिये। उपस्थिति प्रातः एवं दोपहर के बाद भी लगाई जाती है, क्योंकि कई विद्यार्थी आधी छुट्टी के समय भाग जाने का प्रयत्न करते हैं। उपस्थित छात्रों के आगे ‘P’ का चिन्ह लगाना चाहिये तथा बीमारी एवं छुट्टी के कारण अनुपस्थित छात्रों के आगे ‘S’ और ID के चिन्ह लगाने चाहिये। जब वहाँ छुट्टी हो तब उस खाने को लाल स्याही द्वारा लाईन द्वारा काट दिया और उसको छुट्टी का नाम दिया जाये। विद्यार्थियों की बीमारी तथा छुट्टी के बारे में तभी लिखना चाहिये, जब मुख्याध्यापक उनके सम्बन्धित प्रार्थना पत्र की स्वीकृति दे। यदि बिना सूचना दिए कोई विद्यार्थी निरन्तर 12 दिन अनुपस्थिति रहे तो उसका नाम काट कर उसके सामने विशेष कथन खाने में उसका उल्लेख करना चाहिये। ऐसी बातों के लिए उपस्थिति रजिस्टर में मुख्याध्यापक को अध्यापक के हस्ताक्षर पर स्वीकृति देनी चाहिये। इसी तरह ही प्रवेश तथा स्कूल छोड़ने के रजिस्टर पर भी हस्ताक्षर होने चाहियें। छात्रों से सब लिए जाने वाले फण्ड, शुल्क तथा जुर्माने इस रजिस्टर में उचित खाने में लिखने चाहिये।
महीने के अन्तिम कार्य के दिन एक संक्षेप विवरण कक्षा अध्यापक द्वारा तैयार करना चाहिये तथा उस अध्यापक द्वारा जांच किया जाये जो इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया हो और तब मुख्याध्यापक द्वारा इस पर हस्ताक्षर हों।
5. स्कूल कैलेण्डर (School Calendar) – यह स्कूल सैक्शन के आरम्भ में तैयार किया जाता है। एक प्रदेश के सभी स्कूलों में यह बात आवश्यक है कि वार्षिक कार्यक्रम एक जैसा होना चाहिये ताकि विद्यार्थियों को एक स्कूल बदल कर दूसरे स्कूल जाने में कोई कठिनाई पेश न आये। इस कैलेण्डर में साधारण ऐच्छिक एवं स्थानीय छुट्टियों की सूची होती है। इसमें परीक्षाओं की तारीख लिखी होती है, जो स्कूल द्वारा ली जायें या विश्वविद्यालय तथा विभाग की ओर से ही ली जाये। इसमें स्कूल की सभाओं की तारीख, स्कूल के महत्वपूर्ण समारोहों की तारीखें जैसे परितोषिक का दिन, वार्षिक खेल-दिवस, अभिभावक दिवस और वार्षिक मनोरंजन उत्सव, स्कूल नींव दिवस आदि लेखे होते हैं। यह साहित्यिक, नाटकीय, भौगोलिक, विज्ञान की सभाओं की तिथि को बताता है। संक्षेप में, कह सकते हैं कि यह स्कूल की कार्य-सूची को प्रदर्शित करता है।
6. स्टाफ का उपस्थिति रजिस्टर (Attendance Register of Staff)- इस पर प्रतिदिन स्टाफ के प्रत्येक सदस्य द्वारा अपनी उपस्थिति के हस्ताक्षर किये जाते हैं। कई संस्थाओं में अध्यापकों को स्कूल में आने तथा छोड़ने का समय (Time of arrival and departure) भी नोट करना पड़ता है। इसमें प्रत्येक सदस्य की छुट्टियों तथा अन्य छुट्टियों को लाल स्याही से लिखा होता है।
7. कैश बुक (The Cash Book)- इसमें धन सम्बन्धी प्रबन्ध और इसको सम्भालने का दैनिक अभिलेख होता हैं। इसके दो पक्ष होते हैं। आय (Credit) वाले भाग में सभी साधनों से प्राप्त होने वाले घन के बारे में बताया जाता है। जैसे—विद्यार्थियों से प्राप्त की जाने वाली फीसें, सरकार से सहायता के रूप में मिली ग्रांट, दान एवं लड़कों का फण्ड आदि। दूसरे भाग में खर्च (Debit) का हिसाब रखना होता है। इसमें दैनिक अदायगी के बारे में लिखा हुआ होता है। अदायगी में वेतन, बैंक या डाकखाने में जमा करवाया हुआ पैसा एवं अचानक किये हुए खर्च आदि होते हैं। जहाँ तक सम्भव हो कैश रुपया बैंक में जमा करवाना चाहिये गलती या शंका दूर करने के लिए कैश रुपया हर रोज गिनना चाहिये ।
8. महीने का प्रगति रजिस्टर (Monthly Progress Register ) – प्रत्येक महीने ही बच्चों के कार्यों तथा उन्नति की रिपोर्ट की महत्ता के बारे में पहले ही बताया जा चुका है। विद्यार्थियों द्वारा श्रेणी में एवं स्कूल में समय-समय की परीक्षाओं में लिए हुए नम्बर उनकी प्रगति रिपोर्ट में लिखे जाते हैं। पाठ्यक्रम के प्रत्येक विषय की प्रगति के बारे में लिखा होना चाहिये ताकि प्रत्येक विषय में उनकी योग्यता तथा कमजोरी का ठीक पता लग सके। जहाँ पर शिक्षा का विशेष ढंग अपनाया जाता है, वहाँ विशेष अध्यापक इंचार्ज द्वारा प्रत्येक विषय के अध्यापक के लिए एक रजिस्टर शुरू करना चाहिये तथा मुख्याध्यापक द्वारा चैक किया जाना चाहिये। रजिस्टरों की साधारण सम्भाल वाला निर्देशन प्रगति रजिस्टर पर भी लागू होता है तथा उस पर पूरा-पूरा आचरण होना चाहिये।
कई उन्नत स्कूलों में अध्यापक केवल उपर्युका बातों से ही सन्तुष्ट नहीं होते। वह विद्यार्थियों के लिए प्रमाण-पत्र देना और उनके माता-पिता को रिपोर्ट देना ही काफी नहीं समझते। वह विस्तारपूर्वक अभिलेखों की व्यवस्था करते हैं, जिस में प्रत्येक बच्चे के बारे में व्यक्तिगत रूप से विस्तारपूर्वक उसके चरित्र का वर्णन किया हुआ होता है। ऐसे अभिलेख केवल पढ़ाई की उन्नति के बारे में ही नहीं, अपितु विद्यार्थियों के सदाचार, स्वभाव एवं गुण, उसकी विशेष रुचियों के साथ ही उसकी कमजोरियों के बारे में भी बताते हैं।
9. लड़कों के फण्ड का रजिस्टर (Boys’ Fund Register) – संस्था का मुखिया लड़के या लड़कियों के फण्ड का मुख्य इंचार्ज होता है। इस काम में प्रबन्धक हस्तक्षेप नहीं कर सकता। विभाग ने वह मद (Items) बताये हुए होते हैं जिन पर लड़कों के फण्ड को खर्च किया जाये। इस फण्ड से सम्बन्धित बातें फण्ड रजिस्टर में भी भरी जाती हैं, क्योंकि इन फण्डों को प्रयोग करने में काफी कठिनाइयाँ पेश आती हैं, इसलिए इनके बारे में अभिलेख बड़े ठीक एवं अच्छे ढंग से होने चाहियें। अनुचित फण्ड विद्यार्थियों से इकट्ठे करने से अनुशासन ठीक नहीं रहता और फण्ड का गलत प्रयोग करने की शंका हो सकती है।
10. मासिक कार्यक्रम (Monthly Programme) – प्रत्येक अध्यापक को वर्ष के आरम्भ में वर्ष के काम के स्वीकृत में पाठ्यक्रम के बारे में महीने में कम से कम एक बार यह नोट कर लेना चाहिये कि इस महीने किस प्रकार कार्यक्रम के अनुसार कार्य किया गया। इस तरह संस्था के मुख्याध्यापक अथवा निरीक्षण अफसर को जाँच करने तथा परीक्षा लेने को आसानी होती है। इसके साथ यह भी आवश्यक है कि स्कूलों में मुख्याध्यापक कम से कम तीन महीने में एक बार निरीक्षण करें और अगर इन अभिलेखों में किसी व्याख्या की आवश्यकता हो तो वह करें।
अब तक जिन रजिस्ट्रों का वर्णन हुआ है वह अधिकतर स्कूल की पढ़ाई सम्बन्धी काम के साथ सम्बन्धित थे। मुख्याध्यापक के कार्यों में उस धन की पूरी सम्भाल तथा सुरक्षा भी होती है, जो धन वह देता अथवा प्राप्त करता है, जिस के हिसाब-किताब से वह सम्बन्ध रखता है या उसके मैनेजर और अन्य उच्च अधिकारियों अथवा कर्मचारियों की ओर से वापसी स्वीकृति देना भी सम्मिलित है।
11. स्कूल के सामान का स्टॉक रजिस्टर (Stock Register of School Equipment)- यह एक और आवश्यक अभिलेख होता है, जिसके बारे में बताना बहुत आवश्यक है। यह स्कूल में चल (Movable) सम्पत्ति के बारे में होता है। मुख्याध्यापक स्कूल की सारी सम्पत्ति का रखवाला होता है। यह उसका उत्तरदायित्व होता है कि साधारण स्टॉक रजिस्टर रखे, जिसमें फर्नीचर की वस्तुएँ, शिक्षण का सामान (Teaching Appliances) तथा समय-समय पर खरीदी गई अन्य वस्तुओं आदि का अभिलेख हो। इन वस्तुओं को नोट करने के साथ-साथ, खरीद नम्बर तथा पैसे देने की तिथि आदि भी लिखनी चाहिये। मुख्याध्यापक को सारे स्टॉक का वर्ष में एक बार अवश्य निरीक्षण करना चाहिये। इसके बारे में प्रमाणीकरण (Verification) स्टॉक रजिस्टर में दर्ज कर देनी चाहिये। इसके साथ ही यदि स्टॉक में कोई अन्तर हो तो उसको नोट कर लेना चाहिये तथा उसके बारे में उठाये गये पग की व्याख्या लिखनी चाहिये। प्रत्येक श्रेणी का इंचार्ज अध्यापक उस कमरे की सम्पत्ति का ध्यान रखेगा।
इस रजिस्टर में कोई भी वस्तु काटी नहीं जानी चाहिये, जितनी देर तक इसके बारे में योग्य अफसर से आज्ञा न ली जाये। यदि कोई वस्तु खराब हो जाये तो उसकी शीघ्र ही मरम्मत करके प्रयोग की जानी चाहिये और योग्य अधिकारी से ऐसा करने की आज्ञा ले लेनी चाहिये ।
12. फीस द्वारा इकट्ठे किए धन का रजिस्टर (Fees Collection Register) – फीस इकट्ठी करना, दाखिला और दुबारा-दाखिले (Re-admission), ट्यूशन, खेलें, रीडिंग रूम तथा डॉक्टरी निरीक्षण फीस सब तरह का धन इकट्ठा करना मुख्याध्यापक का ही उत्तरदायित्व होता है, परन्तु मुख्याध्यापक का काम आसान करने के लिए प्रत्येक श्रेणी के इंचार्ज अध्यापक को धन इकट्ठा करने का उत्तरदायित्व सौंप दिया जाता है। फीस इकट्ठे करने के रजिस्टर की पूर्ण सम्भाल के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गये हैं-
(i) निश्चित की गई तिथि को श्रेणी के इंचार्ज को दैनिक काम शुरू करने से पहले फीस इकट्ठी करनी चाहिये काम हाजरी (Attendance) लेने से पहले ही कर लेना चाहिये। फीस लेने के बाद उसे विद्यार्थियों के नाम के सामने मुख्य रजिस्टर में विभाग की ओर से स्वीकृत बातें भर देनी चाहिये ।
(ii) धन इकट्ठा करने के बाद सारे धन को जोड़ कर, दिए हुए स्थान पर भर देना चाहिये। इसे साक्षी (Attest) करने के बाद शीघ्र ही मुख्याध्यापक के पास पहुँचाना चाहिये, जो प्राप्त रसीद (Receipt) के अन्य स्थान पर ‘स्वीकार’ कर लिख देगा।
(iii) भिन्न-भिन्न श्रेणियों के लिए इकट्ठे किए हुए धन के रजिस्टर के अतिरिक्त मुख्याध्यापक को एक पक्का रजिस्टर तैयार करना चाहिये, जिस में अलग-अलग श्रेणियों में इकट्ठी की हुई फीसों तथा जुर्मानों आदि का जोड़ किया हुआ हो । इस रजिस्टर के आधार पर ही खेलों के लिए कोष में फीस भेजी जाती है और शिक्षा भवन की फीस बचत बैंक में जमा होती है। इस रजिस्टर के शुद्ध तथा ठीक होने की बहुत आवश्यकता है। इस रजिस्टर में भरी हुई सभी बातों के लिए मुख्याध्यापक उत्तरदायी होता है।
(iv) श्रेणी के कार्य में बार-बार रुकावट को रोकने और धन इकट्ठा करने का ठीक कार्यक्रम बनाने के लिए इस काम के लिए विशेष तिथि निश्चित कर दी जाती है।
(v) जब विद्यार्थी के बारे में पूरी बातें भर दी जायें तो उसे रसीद दी जाये। छपे हुए फार्म रसीद के रूप में दिए जायें जिन पर क्रम संख्या लिखी हो। किसी हालत में भी रसीद पहले नहीं दी जानी चाहिये और न ही रजिस्टर में पहले ही धन की प्राप्ति भरनी चाहिये।
(vi) मुख्याध्यापक को भी रजिस्टर में स्वीकार करके लिख देना चाहिये कि जितना घन उसको सहायक अध्यापक से प्राप्त हुआ है, उतना ही रजिस्टर में लिखा हुआ है।
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