लोक प्रशासन की अवधारणा पर प्रकाश डालिए।
लोक प्रशासन एक स्वतंत्र अनुशासन के रूप में नवीन सामाजिक विज्ञान है, परन्तु अध्ययन व महत्व के दृष्टिकोण से प्राचीन है। लोक प्रशासन का क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित अध्ययन होता है, इस कारण यह विज्ञान है। सामाजिक मूल्यों से लोक प्रशासन की सम्बद्धता है, यह परिवर्तन-उन्मुख (Change-oriented) है; यह पर्यावरण सम्बद्ध (Environment related) है; यह नैतिकता सापेक्षवादी (Moral relativism) एवं जनोन्मुख (People-Oriented) है; इसलिए सामाजिक विज्ञान है। लोक प्रशासन विज्ञान एवं एक सामाजिक विज्ञान है, जिसे प्राकृतिक विज्ञानों की श्रेणी में रखना सही नहीं है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक विज्ञान के सामान शत्-प्रतिशत प्रमाणीकरण, सत्यापन, भविष्यवाणी की पूर्ण सत्यतता, मूल्य-निरपेक्षता (Value-free) तथा मानवीय पर्यावरण “से निरपेक्षता जैसी विशेषताएँ नहीं हैं।
लोक प्रशासन का महत्व लोकतांत्रिक व्यवस्था के संदर्भ में बढ़ गया है, हालांकि अन्य शासकीय व्यवस्थाओं में भी कमोबेश इसका प्रभाव रहा है। इसके अर्थ को लेकर अभी तक मतभेद बना हुआ है, जिसके पीछे इस विषय की प्रकृति में नवीनता, पर्यावरण सम्बद्धता, मूल्य- सम्बद्धता, परिवर्तनशीलता, व्यक्तिपरकता (Subjectivity) तथा इसका सामाजिक विज्ञान होना है।
लोक प्रशासन के अर्थ को तीन रूप में स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। लोक प्रशासन के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट करने के लिए इसका अंग्रेजी-रूपांतर किया जाता है- (Pub- lic Administration), यह शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों (Public + Administration) से बना है। अंग्रेजी का पहला शब्द Public की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘Publicus’ हुई है, जिसका तात्पर्य People यानी जनता होता है जबकि दूसरा शब्द Administration दो लैटिन शब्दों (Ad + Ministrare) से बना है, जिसका तात्पर्य होता है- सेवा करना, प्रबन्ध करना या रक्षा करना। जब लोक तथा प्रशासन दोनों शब्दों को संयुक्त करते हैं तो इसका तात्पर्य होता है जनता की सेवा, प्रबन्ध या रक्षा से सम्बद्ध प्रशासन। स्पष्टतः शाब्दिक दृष्टिकोण से लोक प्रशासन का तात्पर्य जनता के हितों को पूरा करने वाला एक विषय से है।
लोक प्रशासन के अर्थ को स्पष्ट करने से सम्बन्धित एक दृष्टिकोण बुडरो विल्सन, लूथर गुलिक तथा साइमन का है, जिसे संकुचित दृष्टिकोण कहा जाता है। वुडरो विल्सन (Woodrow wilson) का कहना है कि “लोक प्रशासन विधि अथवा कानून को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप से कार्यान्वित करने का नाम है। कानून को कार्यान्वितव करने की प्रत्येक क्रिया एक प्रशासकीय क्रिया है।” लूथर गुलिक (Luther Gulick) का कहना है कि “लोक प्रशासन, प्रशासन के विज्ञान का वह भाग है जो सरकार से सम्बन्धित है और इसलिए उसका सम्बन्ध कार्यपालिका से है, जहाँ कि सरकार का काम मुख्य रूप से होता है, यद्यपि उसको स्पष्ट रूप से उन प्रशासकीय समस्याओं पर भी ध्यान देना होता है जो व्यवस्थापिका तथा न्यायपालिका के क्षेत्र में आती है …।” हर्बर्ट साइमन (Herbert Simon) का कहना है कि “जनसाधारण की भाषा में लोक प्रशासन से अभिप्राय उन क्रियाओं से है जो केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय सरकारों की कार्यपालिका शाखाओं द्वारा सम्पादित की जाती है।” इन विद्वानों के दृष्टिकोण को संकुचित कहा जाता है, क्योंकि जैसा कि इसके द्वारा प्रस्तुत लोक प्रशासन की परिभाषा में केवल कार्यपालिका अंग को महत्वपूर्ण माना गया है। चूँकि लोक प्रशासन को इस दृष्टिकोण द्वारा सरकार के कार्यपालिका अंग से जोड़ा जाता है, अन्य दो अंगों से नहीं। इसलिए यह संकुचित है। लोक प्रशासन के अर्थ को स्पष्ट करने का एक प्रयास विलोबी, एल.डी. हाइट, फिफनर तथा डिमॉक ने किया है, जिनके दृष्टिकोण को व्यापक कहा जाता है। विलोबी (Willoughby) का कहना है कि “अपने व्यापक अर्थ में लोक प्रशासन उस कार्य का प्रतीक है जो कि सरकारी कार्यों से वास्तविक सम्पादन से सम्बद्ध होता है, चाहे वह सरकार की किसी शाखा से सम्बन्धित क्यों न हों…। अपने संकुचित अर्थ में, वह केवल प्रशासकीय शाखा की कार्यवाहियों की ओर संकेत करता है।” एल.डी. हाइट (L.D. White) का मानना है कि “लोक प्रशासन में वे सभी कार्य आ जाते हैं, जिनका उद्देश्य लोकनीति को पूरा करना अथवा क्रियान्वित करना होता है।” फिफनर (Pfiffner) का कहना है कि “लोक प्रशासन का अर्थ है सरकार का काम करना, फिर चाहे वह कार्य स्वास्थ्य प्रयोगशाला में एक्स-रे मशीन को संचालित करने का हो अथवा एक टकसाल में सिक्के ढालने का….। प्रशासन से तात्पर्य है लोगों के प्रयत्नों में समन्वय कायम करके सरकार के कार्य को सम्पन्न करना, जिससे कि वे (लोक) एक साथ कार्य कर सकें अथवा अपने निश्चित कार्यों को पूरा कर सकें।” मार्शल ई. डिमॉक (Marshall E. Dimock) का कहना है कि “प्रशासन का सम्बन्ध सरकार के ‘क्या’ और ‘कैसे’ से है।” इनके दृष्टिकोण को व्यापक कहा जाता है, क्योंकि इन विद्वानों द्वारा प्रस्तुत परिभाषा में सरकार के तीनों अंगों से लोक प्रशासन को सम्बद्ध किया गया है।
स्पष्टतः लोक प्रशासन के अर्थ को शाब्दिक, संकुचित तथा व्यापक दृष्टिकोण से स्पष्ट करने का प्रयास किया है। इसमें किसी एक दृष्टिकोण को पूर्णतः सत्य नहीं माना जा सकता है, परन्तु सत्यता का अंश सभी में है। संतुलित एवं निष्कर्ष रूप में यही कहा जा सकता है कि लोक प्रशासन एक नवीन, सामाजिक, पर्यावरण सम्बद्ध विकास-उन्मुख (Development oriented) एवं जन-उन्मुख (People-oriented) विषय है, जो सरकार के तीनों अंगों से सम्बन्धित है, परन्तु इसमें कार्यपालिका शाखा का अध्ययन प्रमुखता के साथ किया जाता है।
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