B.Ed Notes

आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन का अर्थ एंव उपयोग | Meaning and Uses of Norm-Referenced Evaluation in Hindi

आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन का अर्थ एंव उपयोग | Meaning and Uses of Norm-Referenced Evaluation in Hindi
आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन का अर्थ एंव उपयोग | Meaning and Uses of Norm-Referenced Evaluation in Hindi

आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन (Norm-Referenced Evaluation)

मानक या आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन एक प्रकार से मानकीकृत परीक्षण है जो परीक्षण देने वालों की एक-दूसरे से तुलना करने एवं रैंक प्रदान के लिए तैयार किए जाते हैं। मानक सन्दर्भित परीक्षण की रिपोर्ट (प्रतिवेदन) से ये पता चलता है कि परीक्षण देने वाले छात्र का प्रदर्शन काल्पनिक औसत छात्र की तुलना में कैसा है अर्थात् उससे अच्छा है या बुरा (Worse) है। इसमें समान आयु समूह, ग्रेड स्तर, कक्षा, विषय इत्यादि का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

मानक सन्दर्मित मूल्यांकन के स्कोर के लिए जो गणना की जाती है उसे मानक प्रक्रिया (Norming process) कहा जाता है तथा जिस समूह के मध्य तुलना की जाती है उसे आदर्श समूह (Norming Group) कहा जाता है। आदर्श समूह की तुलना सामान्यतः एक छोटे समूह जिसने पहले परीक्षण दिया है, के साथ की जाती है न कि सभी पहले परीक्षण दे चुके समूहों के साथ। परीक्षण निर्माणकर्ता (Test Developers) आदर्श समूहों के चयन के लिए विविध सांख्यिकी विधियों का प्रयोग करते हैं, जैसे- अव्याख्याति (Raw) स्कोर की व्याख्या, गणितीय समस्याएँ तथा उनके स्तर का निर्धारण इत्यादि।

आदर्श-सन्दर्भित परीक्षण में सामान्यतः स्कोर प्रतिशत या प्रतिशतांक के रूप में प्रदान किए जाते हैं। जैसे- आदर्श सन्दर्भित परीक्षण में एक छात्र ने 70 प्रतिशत स्कोर प्राप्त कर अच्छा प्रदर्शन किया या साथ के अन्य छात्रों की तुलना में जो समान आयु तथा समान कक्षा स्तर के थे कि तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया एवं 30% छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया (जैसा कि आदर्श समूह स्कोर द्वारा निर्धारित) आदर्श सन्दर्भित परीक्षण में विभिन्न प्रकार के विकल्प प्रारूपों का प्रयोग किया जाता है।

इन प्रारूपों में ओपेन-एंडेड (Open-ended), लघु-उत्तरीय प्रश्न, गणितीय प्रश्न, रिक्त स्थानों की पूर्ति इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है। इन परीक्षणों का प्रारूप राष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षणों के आधार पर निर्धारित किया जाता है न कि स्थानीय पाठ्यचर्या के आधार पर। बुद्धि परीक्षण (IQ) आदर्श सन्दर्भित परीक्षण का सबसे अच्छा उदाहरण है। इसके अतिरिक्त SAT, CTET, TET, NET इत्यादि को भी इसमें सम्मिलित किया जा सकता है।

आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन के उपयोग (Use of Norm-Referenced Evaluation)

आदर्श-सन्दर्भित मूल्यांकन के उपयोग निम्नलिखित हैं-

1) छोटे बच्चों को पूर्व स्कूल या बालवाड़ी में प्रवेश के लिए तैयार करना।

2) इन परीक्षणों द्वारा छात्रों की मौखिक भाषा योग्यता, दृश्य-गतिक कौशल, संज्ञानात्मक एवं सामाजिक विकास को मापा जाता है।

3) छात्रों के मौलिक अध्ययन, लेखन एवं गणित कौशल का मूल्यांकन करने के लिए।

4) शैक्षिक प्रगति के मापन के लिए।

5) ऑटिज्म, डिस्लेक्सिया या अशाब्दिक विकलांग छात्रों की बुद्धिलब्धि ज्ञात करने तथा उन्हें सिखाने के लिए विशेष शिक्षा का सुझाव देना

6) कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों को तैयार करना।

Important Link…

Disclaimer:  Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide Notes already available on the Book and internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment