B.Ed Notes

पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ | Meaning of Curriculum Model in Hindi

पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ | Meaning of Curriculum Model in Hindi
पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ | Meaning of Curriculum Model in Hindi

पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ (Meaning of Curriculum Model)

पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ उसके स्वरूप से है। उपरोक्त परिभाषा के अनुसार पाठ्यचर्या के स्वरूप के निर्धारण को पाठ्यचर्या प्रतिमान कहा जाता है। पाठ्‌यचया प्रतिमात्यूचा शैक्षिक उद्देश्यों पर ही आधारित होकर बनाया जाता है। समय के साथ-साथ या सामाजिक परिस्थितियों में परिवर्तन के साथ-साथ शिक्षा में भी परिवर्तन होते रहते हैं तथा शिक्षा में परिवर्तन होने से पाठ्यचर्या प्रतिमानों में भी परिवर्तन होते रहते हैं।

पाठ्यचर्या निर्माण के समय या पाठ्यचर्या का प्रतिमान तैयार करते समय तीन तत्त्वों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। ये तीन तत्त्व निम्नलिखित है-

1) लक्ष्य प्रतिमान- इस प्रतिमान में शैक्षिक लक्ष्यों को अधिक महत्त्व दिया जाता है। इसके अन्तर्गत पाठ्यचर्या प्रारूप तैयार किया जाता है। शिक्षा के उद्देश्य, छात्रों के अपेक्षित व्यवहार के आधार पर बनाए जाते हैं। इन उद्देश्यों से शिक्षा का मूल्यांकन भी होता है। विद्वानों के अनुसार, शिक्षा के लिए जो लक्ष्य रखे जाते हैं, उनका परीक्षण करना भी आवश्यक होता है। इन लक्ष्यों के परीक्षण हेतु निम्नलिखित पदों को व्यक्त किया गया है-

  1. सम्भावित लक्ष्यों की स्थापना
  2. लक्ष्य प्राप्ति हेतु अनुभवों की रचना
  3. बालक के व्यवहार परिवर्तन का विश्लेषण
  4. बालक के व्यवहार परिवर्तन का मूल्यांकन
  5. सम्भावित लक्ष्यों की प्राप्ति।

2) विधि या प्रक्रिया प्रतिमान- इस प्रतिमान में विधियों को महत्त्व दिया गया है। इसमें उद्देश्यों को अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता है। इसमें विषयों तथा पाठ्यचर्या वस्तुओं को ध्यान में रखकर विधियों को विकसित किया जाता है। इसमें पाठ्यवस्तु की सहायता से मूल्यों का विकास किया जाता है। इस प्रतिमान में शिक्षक की मुख्य भूमिका होती है क्योंकि शिक्षण विधियों का प्रयोग करके ही शिक्षक ज्ञान को छात्रों तक पहुँचाता है। इन विधियों के द्वारा पाठ्यचर्या में व्यवस्थित ज्ञान प्रस्तुत किया जाता है। इसमें शिक्षक एक नियन्त्रण वातावरण में कार्य करता है। यहां छात्रों की क्रियाओं आदि का महत्त्व नहीं रहता है। इस प्रकार के शिक्षण से ज्ञान नए तरीकों से छात्रों तक एक मनोरंजक रूप में पहुंचता है जो छात्रों की स्मृति में सरलता से स्थायी हो जाता है। यह विधियाँ परम्परागत विधियों से अलग तथा रुचिकर होती हैं। इसमें शिक्षक की पूर्ण क्षमता का उपयोग होता हैं। इसमें समस्या समाधान की सबसे अधिक सम्भावनाएँ विकसित होती हैं। इसमें तकनीकी तथा विज्ञान को भी सम्मिलित किया गया है। यद्यपि इसमें छात्रों की आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा गया है। एक प्रकार से यह शैक्षिक तकनीकी का ही एक भाग है। इसमें निम्न कार्यों को शिक्षक उत्तरदायित्वपूर्ण तरीके से निभाता है-

i) विधियों का विश्लेषण करना,

ii) छात्रों की योग्यता पहचानना,

iii) छात्रों की आवश्यकताओं को पहचानना,

iv) शिक्षा के लक्ष्यों को प्रस्तुत करना,

v) छात्रों को अभिप्रेरणा प्रदान करना,

vi) छात्रों को प्रोत्साहन देना,

vii) विधियों का निरीक्षण करना।

viii) विधियों का परिणाम प्राप्त करना,

ix) विधियों का मूल्यांकन करना,

x) प्रणालियों में सुधार करना एवं

xi) विधियों का पुनर्मूल्यांकन करना।

3) परिस्थिति प्रतिमान- यह पाठ्यचर्या का परिस्थिति मॉडल है। इसमें शिक्षा को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस प्रतिमान का प्रयोग करके परिस्थितियों का विश्लेषण किया जाता है। इस विश्लेषण के द्वारा शिक्षा में सुधार के अवसर प्राप्त होते हैं। शैक्षिक परिस्थितियाँ शिक्षा को प्रभावित करती हैं। जैसे- विद्यालय का वातावरण, कक्षा-कक्ष, विद्यालय व्यवस्था, आदि। यह आन्तरिक परिस्थितियाँ कहलाती हैं। बाहरी परिस्थितियाँ भी शिक्षा को प्रभावित करती हैं। जैसे- सामाजिक आवश्यकताएँ, सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक स्थिति, राजनैतिक व्यवस्था, शासकीय नीतियां, सामाजिक अभिवृत्तियाँ आदि। कभी-कभी नए विषयों का आगमन भी शिक्षा को प्रभावित करता हैं। इनके अतिरिक्त परीक्षा प्रणाली, पाठ्यपुस्तकें, पाठ्यवस्तु आदि।

यद्यपि शिक्षा में सुधार हेतु माध्यमिक शिक्षा आयोग, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, NCERT, राज्य शिक्षा केन्द्र, नवोदय विद्यालय, CBSE, अध्यापक प्रशिक्षण केन्द्रों आदि ने अनेक महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए हैं तथा इन सुझावों को लागू भी किया गया है जिसके अच्छे परिणाम भी प्राप्त हुए है। अतः पाठ्यचर्या प्रतिमान हेतु परिस्थिति प्रतिमान का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

Important Link…

Disclaimer:  Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide Notes already available on the Book and internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment