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बाल्यावस्था में मानसिक विकास या संज्ञानात्मक विकास (Mental or Cognitive Development during Childhood)
इस अवस्था की शुरूआत में बालक दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में समानता और विभिन्नता तथा छोटी-मोटी घटनाओं का वर्णन करने में सक्षम हो जाता है। आठवें वर्ष तक बालक अंकों की गिनती, संख्याओं का योग और सरल कहानियाँ व कविताओं का स्मरण करना सीख जाता है। दस वर्ष की आयु तक बालक संख्याओं को उल्टे क्रम में याद करने एवं सरल प्रश्नों को उत्तर लिखने में सक्षम हो जाता है। इस अवस्था के अंत तक बालक अच्छे-बुरे में पहचान और नैतिक-अनैतिक व्यवहार में अंतर करना सीख लेता है। बाल्यावस्था में बालक परिवार और समाज के मान्य मूल्यों व आदर्शों के अनुसार व्यवहार करने लगता है। इस उम्र में बालक में तर्क एवं निरीक्षण करने की क्षमता का विकास हो जाता है और वह अपने खिलौनों का निरीक्षण करना शुरू कर देता है।
प्रारम्भिक बाल्यावस्था (6-9 Year) में विकास की गति अधिक तेज होती हैं। इस अवस्था में बालक मानसिक क्रियाएँ भली भाँति करने लगता है। बालक विद्यालय जाने लगता है। उसकी बुद्धि का विकास तेज गति से होने लगता है।
छः वर्ष (Sixth Year)
इस उम्र में बालक की कल्पना शक्ति, स्मरण शक्ति तथा तर्क शक्ति का पर्याप्त विकास हो जाता है। आदेशों का पालन करने लगता है। समयानुकूल व्यवहार करना अच्छी तरह सीख जाता है। विद्यालय जाने लगता है।
सात वर्ष (Seventh Year)
1) धारण क्षमता अर्थात् किसी बात को या घटना को याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है अर्थात अधिक समय तक याद रख सकता है।
2) दण्ड से बचने के लिए नियमों का पालन करना सीख लेता है।
3) घड़ी देखना सीख जाता है अर्थात् समय का ज्ञान अच्छा हो जाता है।
4) पढ़ना लिखना सीख जाता है।
5) कार्य-कारण संप्रत्यय विकसित हो जाता है अर्थात किसी घटना का कारण समझ पाता है।
आठ वर्ष (Eighth Year)
1) छोटी-छोटी समस्याओं को हल करना सीख लेता है।
2) कविताएँ, कहानियाँ याद कर लेता है और सुना भी लेता है।
3) चित्र में वस्तुओं को पहचान लेता है और उनका प्रयोग भी बना लेता है।
4) मैं, सब कुछ जानता हूँ ऐसी भावना आ जाती है।
नौ वर्ष (Ninth Year)
1) विद्यालय तथा विद्यालय के क्रिया कलापों में रुचि लेने लगता है।
2) समझने लगता हैं, चिह्नों एवं प्रतीकों का प्रयोग करना सीख जाता है और मानसिक संक्रियाएँ करने लगता है।
3) स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
4) असफलताओं पर शर्मिन्दा होता है।
5) कार्य-कारण सम्बन्ध जानने में रुचि लेने लगता है अर्थात अमुक घटना क्यों घटित हुई? इसका क्या कारण होगा? जानने हेतु उत्सुकता प्रदर्शित करने लगता है।
6) मित्र बनाने लगता है।
7) नायक पूजा (Hero Worship) करने लगता है।
8) समुचित यौन भूमिकाओं के प्रति जागरूक हो जाता है।
दस वर्ष से बारह वर्ष (Tenth Year-Twelfth Year)
1) अमूर्त चिन्तन एवं निगमनात्मक तर्कणा का विकास हो जाता है।
2) समस्या समाधान की क्षमता विकसित हो जाती है।
3) सही और गलत की पहचान करने लगता है।
4) क्यों? और कैसे आदि प्रश्नों में रुचि लेने लगता है।
5) शब्द कोषों से शब्दों के अर्थ देखना सीख जाता है।
6) रुचि परिवर्तित होती रहती है।
7) पहेलियों में रुचि लेने लगता है। पहेलियाँ बुझने तथा बुझाने लगता है।
उत्तर बाल्यावस्था समाप्त होते-होते अर्थात 10-12 वर्ष तक बालक का लगभग 95% मानसिक विकास हो जाता है।
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