लोक प्रशासन के अन्तर्गत संगठन के प्रमुख मुख्य कार्यपालिका कहा जाता है, जिस पर संगठन की अन्तिम जवाबदेही रहती है। मुख्य कार्यपालिका के द्वारा ही संगठन को गतिशील, लक्ष्योन्मुख और सफल बनाया जाता है। सोपानीय क्रम में मुख्य कार्यपालिका का स्थान चूँकि सर्वोच्च होता है, इसीलिए उसके द्वारा संगठन के तमाम प्रक्रियाओं, मानवीय संसाधनों तथा सिद्धान्तों पर ध्यान दिया जाता है। मुख्य कार्यपालिका के प्रति ही संगठन में कार्य करने वाले सभी लोग अन्तिम रूप में उत्तरदायी होते हैं। यह उल्लेखनीय है कि निजी प्रशासन के अन्तर्गत मुख्य कार्यपालिका के समान जो पद होता है, उसे मुख्य प्रबन्धक या मुख्य निष्पादक कहा जाता हैं।
सामान्यतः मुख्य कार्यपालिका के तीन प्रकार बताए जाते हैं-
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका
संसदीय कार्यपालिका और
बहुल कार्यपालिका
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका वैसे कार्यपालिका को कहते हैं, जिसके अन्तर्गत एकल एवं सर्वोच्च पद होता है। अध्यक्षात्मक कार्यपालिका को वास्तविक कार्यपालिका कहा जाएगा, क्योंकि प्रशासन की सम्पूर्ण कार्यपालिका शक्ति उसी में निहित होती है। अध्यक्षात्मक कार्यपालिका का सटीक उदाहरण अमरीका कार्यपालिका या अमरीका का राष्ट्रपति है। अमरीका का राष्ट्रपति कार्यपालिका प्रमुख होता है तथा शक्ति विभाजन के सिद्धान्त के कारण निर्विवाद रूप में अपने कार्यों को सम्पन्न करता है।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका के विपरीत संसदीय कार्यपालिका है। इंग्लैण्ड और भारत की कार्यपालिका संसदीय कार्यपालिका का सर्वोत्तम उदाहरण है। संसदीय कार्यपालिका के अन्तर्गत कार्यपालिका का दोहरा स्वरूप होता है। इसमें दो प्रकार की कार्यपालिका – एक नाममात्र की कार्यपालिका तथा दूसरा वास्तविक कार्यपालिका का पद होता है। भारत में राष्ट्रपति का पद नाममात्र का प्रधान है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री को वास्तविक कार्यपालिका कहा जा सकता है। संसदीय कार्यपालिका के अन्तर्गत यह देखा जाता है कि वह विधायिकाके प्रति उत्तरदायी होती है। स्पष्टतः अध्यक्षात्मक कार्यपालिका के विपरीत यहाँ विधायिका कार्यपालिका में संयोग देखने को मिलता है।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका और संसदीय कार्यपालिका से अलग एक बहुल कार्यपालिका है, जिसमें बोर्ड व्यवस्था की विशेषता दृष्टिगोचर होती है। बहुल कार्यपालिका के सर्वोत्तम उदाहरण के रूप में स्विट्जरलैण्ड की कार्यपालिका को लिया जा सकता है। स्विट्जरलैण्ड की कार्यपालिका में अध्यक्षात्मक कार्यपालिका या संसदीय कार्यपालिका के समान कोई एक व्यक्ति प्रधान नहीं होता है, बल्कि इसमें सात व्यक्तियों का एक समूह कार्यपालिका के रूप में कार्य करता है।
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