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कुमार मंगलम बिड़ला का जीवन परिचय (Biography of Kumar Mangalam Birla in Hindi)
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला का भारतीय उद्योग जगत में प्रतिष्ठापूर्ण नाम है और स्थान भी। यह समूह भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक घराना है। आदित्य बिड़ला समूह की भारत में प्रमुख कंपनियां ग्रासिम, हिंडालको, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिड़ला नुवो और आइडिया सेल्यूलर रही हैं। आदित्य बिड़ला समूह संयुक्त उपक्रमों के रूप में बिड़ला सन लाइट (वित्तीय सेवाएं) और बिड़ला एन. जी. के. (इंसुलेटर्स) से भी जुड़े हुए हैं। इस समूह की उपस्थिति को बेहद मजबूती के साथ थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपिंस, इजिप्ट, कनाडा, चीन और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी अनुभव किया जा सकता है।
Kumar Mangalam Birla |
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जन्म | 14 जून 1967 मुम्बई |
आवास | कोलकाता, मुम्बई |
नागरिकता | भारत |
शिक्षा | मुंबई विश्वविद्यालय, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स |
व्यवसाय | उद्यमी, धनी व्यवसायी, लेखाकार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
नियोक्ता | आदित्य बिड़ला समूह |
पदवी | मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
कुल मूल्य | 11,100,000,000 अमेरिकी डॉलर |
धार्मिक मान्यता | सनातन धर्म |
बच्चे | अनन्या बिड़ला, आर्यमान बिड़ला |
माता-पिता | राजश्री बिड़ला, आदित्य विक्रम बिरला |
पुरस्कार | सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ़ द इयर |
कुमार मंगलम बिड़ला का जन्म 14 जून, 1967 को हुआ। इनका आरंभिक जीवन कोलकाता और मुंबई में गुजरा। पहले इन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा उत्तीर्ण की, फिर इन्होंने लंदन के लंदन बिजनेस स्कूल से एम.बी.ए. की उपाधि भी प्राप्त की। 1995 में कुमार मंगलम 28 वर्ष की उम्र में बिड़ला समूह के उस समय अध्यक्ष बने, जब इनके पिता आदित्य बिड़ला का अचानक निधन हो गया। जब कुमार मंगलम ने आदित्य बिड़ला समूह की जिम्मेदारियों को ग्रहण किया तो उस समय इनकी योग्यता को लेकर लोगों में विभिन्न प्रकार के संदेह थे कि क्या इतने वृहद औद्योगिक घराने के सभी दायित्वों का निर्वहन इनके द्वारा किया जाना संभव हो सकेगा? कपड़ा व वस्त्र उद्योग एक ओर थे तो सीमेंट, एल्युमिनियम और उर्वरक उद्योग दूसरी तरफ थे, लेकिन कुमार मंगलम ने सभी संदेहों को खारिज करते हुए आमूलचूल परिवर्तन किए और अपनी कारोबारी नीतियों में भी परिवर्तन किया। संपूर्ण समूह को पेशेवराना अंदाज दिया और आंतरिक संरचना में भी व्यापक बदलाव कर दिए। कुमार मंगलम ने उपयोगी माल पर ज्यादा निर्भर रहने के बजाय उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र में भी कदम रखा।
कुमार मंगलम बिड़ला के सफल नेतृत्व में आदित्य बिड़ला समूह ने अपनी पूर्व कारोबारी स्थिति को मजबूत करने के अलावा इन्होंने सेल्यूलर टेलीफोन, संपत्ति प्रबंधन, सॉफ्टवेयर व बी.पी.ओ. सेक्टर में भी प्रविष्टि ली।
कुमार मंगलम बिड़ला कई कार्यवाहक पेशेवर समितियों के विशिष्ट पदों पर भी आसीन रहे हैं। 2006 व 2007 में ये कंपनी मामलात के मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष भी रहे थे। भारत के प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिसर की परामर्शदात्री समिति के भी मानद सदस्य रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की केंद्रीय समिति के बोर्ड डायरेक्टर भी रहे हैं। संघीय वाणिज्य और उद्योग की नई संवैधानिक संरचना में भी इनकी भूमिका रही है।
कुमार मंगलम को कई सम्मान एवं पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। इन्हें 2003 में ‘वार्षिक बिजनेस लीडर’ का खिताब इकोनॉमिक टाइम्स के द्वारा प्रदान किया गया। बिजनेस इंडिया के द्वारा भी इन्हें वर्ष 2003 के लिए ‘बिजनेसमैन ऑफ दि ईयर’ घोषित किया गया। 2005 में इन्हें भारत का सर्वाधिक प्रतिभावान युवा उद्यमी भी माना गया है। इस प्रकार कुमार मंगलम बिड़ला ने स्वयं को साबित करने का कार्य विविध स्वरूपों में किया है। इनके कार्य करने का तरीका निश्चय ही युवाओं के लिए अनुकरणीय है।
कुमार मंगलम बिड़ला कितने अमीर हैं?
कुमार मंगलम बिड़ला को पद्म भूषण पुरस्कार क्यों मिला?
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